Taj Mahal के साये में गंदगी के साथ 11 साल की बच्ची ने खिंचवाया फोटो, Twitter पर ट्रेंड हुआ तो ये हुआ असर

11 साल की बच्ची लिसिप्रिया लगातार पर्यावरण को लेकर लोगों को जागरूक करती है. यही वजह रही कि जब लिसिप्रिया ताजमहल से यमुना तट पर गंदगी का अंबार देखा तो फौरन तस्वीरों के ज़रिये विरोध दर्ज करवाया.

 इसका नतीजा यह हुआ कि इस गंदगी पर आगरा प्रशासन को सफाई देनी पड़ी और ताजनगरी की छवि धूमिल हो गई. तस्वीरों में लिसिप्रिया की यात्रा और विरोध प्रदर्शन का ब्योरा जानें.

आगरा. ताजमहल घूमने आई मणिपुर की 11 साल की मासूम लड़की लिसिप्रिया गैर ज़िम्मेदार अधिकारियों को ज़िम्मेदारी का पाठ पढ़ा गई. जी हां, सुनने में बड़ा अटपटा लग रहा होगा

यमुना तट पर पॉलिथीन और गंदगी का बहुत बड़ा अंबार देखकर उससे रहा नहीं गया. जिसके चलते वह ताजमहल से वापस यमुना तट पर पहुंची तथा अपने हाथ में पोस्टर लेकर फोटो खिंचवाने लगी.

आपको परन्तु यह सच है. पर्यावरण को लेकर लोगों को जागरूक करने वाली मासूम बच्ची लिसिप्रिया जब अपने परिवार के साथ ताजमहल घूमने आई थी ,

इस तस्वीरों में ताजमहल के पीछे गंदगी का दिखाई दे रहा था .दरअसल, हाल ही में मणिपुर की रहने वाली यह बच्ची लिसिप्रिया अपने परिवार के साथ उत्तर प्रदेश की यात्रा पर आई हुई थी।

ताजमहल का भ्रमण करने पहुंची. इसी समय उसने ताजमहल के पीछे की गंदगी का सच बताती तस्वीरें खींची और अपने ट्विटर पर पोस्ट कर दीं.

लिसिप्रिया का यह  ट्वीट काफी ट्रेंड में आया तो ताज नगरी की छवि को लेकर दुनिया भर में चर्चा जोरों से होने लगी. इसके बाद नगर निगम के अधिकारी काफी हरकत में आ गए।

लिसिप्रिया के इस  ट्वीट की जानकारी जब नगर निगम को हुई,  तो चंद घंटों में ही ताज महल के पीछे दशहरा घाट पर यमुना किनारे चंद घंटों में ही सफाई अभियान चलाकर वहां की तस्वीर को तुरंत बदल दिया गया।

हालांकि निगम के अधिकारी इसके ट्वीट पर कई तरह की बातें करते हुए भी दिखे , लेकिन नगर आयुक्त ने गंदगी होने की बात मान ही लिया और उसके कारण भी सबों को बताए.

आगरा शहर के नगर आयुक्त निखिल टीकाराम फुंडे ने कहा 'इस समस्या से हम लोग जूझ रहे हैं, जो लिसिप्रिया ने उठाई है . गर्मियों के समय में  यमुना का पानी नीचे उतर जाता है.

जिसे  पानी के भीतर जो गन्दगी होती है  जैसे की पॉलिथीन होती है, वह तट पर जमा हो जाती है. इसके लिए हम  लोग कई प्रयास कर रहे हैं.

प्लास्टिक वेस्ट के लिए अलग से एक प्रोजेक्ट भी शुरू किया जा चूका है. डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन भी काम शुरू कर दिया गया है.'

इससे पहले ही लिसिप्रिया ने हमें बताया कि वह दिल्ली से असम की यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश के लखनऊ में क्लाइमेट चेंज से जुड़े एक प्रदर्शन में पहुंची है।

क्लाइमेट चेंज के लिए कानून बनाने की अपील भारत सरकार से करने के सिलसिले में उसने उत्तर प्रदेश की राजधानी में कई जगह पोस्टरों के साथ भी फोटो खिंचवाए है .