अभिभावकों को राहत : पहली से आठवीं कक्षा तक प्रभावशील रहेंगे आरटीई के प्रावधानजबलपुर. अब स्कूल के प्रबंधन ने टीसी नहीं होने पर भी किसी छात्र को कक्षा में प्रवेश देने से मना नहीं कर सकेंगे।
यदि अब कोई स्कूल ऐसा करता है तो जिला शिक्षा अधिकारी सम्बंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ प्रवेश प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
अभिभावक अपने -अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए स्कूल पहुंच रहे हैं।
लेकिन, टीसी (स्थानांतरण प्रमाण-पत्र) नहीं होने पर कुछ स्कूल में छात्रों को प्रवेश देने से मना कर रहे हैं।
आपको बता दें जानकारों के अनुसार पहली से आठवीं क्लास तक प्रवेश के लिए शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के प्रावधान प्रभावशील होते है।
स्कूल किसी छात्र के टीसी नहीं होने भी पर प्रवेश देने से मना नहीं कर सकेगा। अभिभावकों को राहत दी गई है कि वे विद्यार्थी की पूर्व अध्ययनरत कक्षा से स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्राप्त कर सत्र समाप्ति के
पूर्व वर्तमान कक्षा में उपलब्ध करा सकेंगे।
क्लास 9वीं से 12वीं तक प्रवेश के लिए मध्यप्रदेश शिक्षा संहिता( 1973 )के प्रावधान यथावत लागू रहेंगे।
यह आती है समस्या
अभिभावकों के सामने स्कूल बदलने के दौरान सबसे बड़ी समस्या नो ड्यूस क्लीअरेंस को लेकर रहती है।
इसमें उन्हें सम्बंधित स्कूल द्वारा ऑन द स्पॉट टीसी नहीं मिल पाती हैं। विभिन्न बोर्ड से सभी प्रकार के नो-ड्यूस क्लीयर होने में एक महीना तक लग जाती है।
और कुछ स्कूल में फीस जमा नहीं होने के कारण टीसी देने में आनाकानी करते हैं। इससे छात्र का समय पर नए स्कूल में प्रवेश नहीं होने पर पढ़ाई प्रभावित होती है।
टीसी नहीं होने पर कोई भी स्कूल छात्र को प्रवेश देने से मना नहीं करेगा। यदि कोई स्कूल ऐसा करता है तो उसके खिलाफ जिला शिक्षा अधिकारी कार्रवाई करेंगे।