तुर्की के अर्दोआन सऊदी युवराज से नज़दीकी बढ़ाने के लिए क्यों हैं बेचैन तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते है।
पिछले साल 2018 में इस्तांबुल के सऊदी कॉन्सुलेट की इमारत में जाने-माने पत्रकार जमाल ख़ाशोज्जी की हत्या के बाद नाराज़ तुर्की के राष्ट्रपति "अर्दोआन" ने
इसके लिए सीधे युवराज मोहम्मद बिन सलमान की ओर अंगुली उठाई थी. उसके बाद "मुस्लिम" विश्व के दो प्रभावशाली देशों के आपसी संबंधों में तेज़ी से कटुता पैदा होने लगी थी.
साल भर के भीतर दोनों के संबंध इतने निचले स्तर तक पहुंच गए कि सऊदी अरब ने आधिकारिक तौर पर तुर्की की चीज़ों के आयात पर पाबंदी लगा दी.
दूसरी ओर, अर्दोआन लंबे समय तक मौक़ा मिलते ही सऊदी राज परिवार की खिंचाई करने से नहीं चूकते थे. देखा जाय तो दोनों देशों की सरकारी नियंत्रण वाली मीडिया के ज़रिए
दोनों सरकारों के बीच लंबे समय तक एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने का दौर जारी रहा था। लेकिन इस साल 2022 अप्रैल में अचानक अर्दोआन के सऊदी अरब दौरे और जेद्दा में सऊदी
"युवराज मोहम्मद बिन सलमान" के साथ हाथ मिलाने की तस्वीरें सामने आने के बाद दोनों के रिश्तों में बदलाव के संकेत मिलने लगे हैं।
पिछले बीते कुछ महीनों के दौरान दोनों देशों के आपसी संबंधों में गर्म जोशी बढ़ी है. व्यापार और विमानों की आवाजाही पर लगे प्रतिबंध को हटा लिए गए हैं.
सऊदी अरब में तुर्की के टेलीविज़न धारावाहिक का प्रसारण भी शुरू हो गया है और दोनों देशों की मीडिया में एक-दूसरे के ख़िलाफ़ जारी अभियान को भी बंद कर दिया है.
इसके बाद अर्दोआन के विशेष न्योते पर सऊदी "युवराज मोहम्मद बिन सलमान" के तुर्की दौरे से यह साफ़ हो गया कि दोनों मुल्कों के बीच आपसी संबंधों पर जमी बर्फ़ पिघल रही है.
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