उपन्यास, समाज और इतिहास पाठ 8 लघु उत्तरीय प्रश्न Ncert Solution for class X History के इस पोस्ट में आप सभी विद्यार्थियों का स्वागत है, इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी को पाठ से जुड़ी सभी परीक्षा उपयोगी लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर को विस्तार से बताया गया है, जो परीक्षा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है इसलिए इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें-
उपन्यास, समाज और इतिहास पाठ 8 लघु उत्तरीय प्रश्न Ncert Solution for class X History
- उपन्यास समाज और इतिहास पाठ 8 अति लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
- उपन्यास समाज और इतिहास पाठ 8 लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
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1 ब्रिटेन में आए सामाजिक बदलावों से पाठिकाओं की संख्या में क्यों इजाफा हुआ? व्याख्या करें।
अथवा, महिला वर्ग उपन्यासों की ओर क्यों आकर्षित हुआ ?
उत्तर-(क) 18वीं सदी में मध्यम वर्ग और अधिक संपन्न हुए। उपन्यास से संबंधित सबसे अच्छी बात यह हुई कि महिलाएं इससे जुड़ गई।
(ख) महिलाओं को उपन्यास पढ़ने और लिखने का अवकाश मिलने लगा। सामाजिक बदलाव के कारण महिलाओं को उपन्यासों में स्थान दिया गया। उनकी भावनाओं, उसके तजुर्बो, मसलों और उसकी पहचान से जुड़े मुद्दों को समझा गया तथा सराहा जाने लगा।
(ग) कई उपन्यास घरेलू जिंदगी पर आधारित थे। इन उपन्यासों में महिलाओं कोअधिकारपूर्वक व्यवहार करते हुए दिखाया गया। महिलाओं ने निजी अनुभव को उपन्यासों में चित्रित किया।
(घ) अनेक उपन्यासों में सामाजिक मान्यताओं पर प्रहार किया गया। इन उपन्यासों से पाठिकाओं को विद्रोह करने की प्रेरणा मिली।
(ङ) 19वीं सदी तक आते आते यूरोपीय चित्रों में खामोशी से बैठी अपने अकेले कमरे में पढ़ती औरतों की तसवीरें काफी दिखाई देने लगीं।
उपन्यास समाज और इतिहास class 10
2 राक्सिन क्रूसो के कौन-से कृत हैं जिसके कारण वह हमें ठेठ उपनिवेशकार दिखाई देने लगता है? व्याख्या करें।
उत्तर-निम्नांकित कारणों से, राबिंसन क्रूसों एक ‘ठेठ उपनिवेशकार के रूप में दिखाई देता है-
(क) डेनियल डेफो कृत रॉबिन्सन क्रूसो (1719) का नायक साहसिक यात्री होने के साथ-साथ दास व्यापारी है।
(ख) इस उपन्यास में उपनिवेशवाद के अच्छे पहलु को दिखाया गया है।
(ग) वह गैर-गोरे लोगों को बराबर का इंसान नहीं बल्कि हीनतर जीव मानता है। वह उपनिवेशवाद को एक सहज और कुदरती परिघटना मानता है।
3 1740 के बाद गरीब लोग भी उपन्यास पढ़ने लगे। व्याख्या करें।
उत्तर-(क) 1740 ई० के बाद हुए तकनीकी विकास के कारण उपन्यासों की लागत में कमी हुई जिसके परिणामस्वरूप गरीब लोग भी उपन्यास खरीद कर पढ़ने लगे।
(ख) उपन्यास मनोरंजन के प्रमुख साधनों में से एक था।
(ग) उपन्यासों में गरीब-मजदूर वर्ग की परिस्थितियों का प्रभावपूर्ण ढंग से वर्णन किया गया, जिसके कारण भी गरीबों की रुचि उपन्यासों की ओर बढ़ी।
(घ) उपन्यासों में वर्णित दुनिया विश्वसनीय और दिलचस्प थी। उपन्यास पढ़ते हुए गरीब पाठक भी किसी और दुनिया में चला जाता था तथा किताब के पात्र की नजर से दुनिया को देखने लगता था।
4 औपनिवेशिक भारत के उपन्यासकार एक राजनैतिक उद्देश्य के लिए लिख रहे थे। व्याख्या करें।
उत्तर-(क) भारत में आधुनिक उपन्यास का विकास 19वीं सदी में पश्चिमी उपन्यास से भारतीयों के परिचय के बाद हुआ।
(ख) भारतीय भाषाओं, छपाई और पाठक वर्ग के विकास से इसमें काफी मदद मिली। 19वी शताब्दी के अग्रणी उपन्यासकारों ने किसी-न-किसी उद्देश्य को लेकर उपन्यास लिखा था।
(ग) उपनिवेशवादी शासकों को उस समय की भारतीय संस्कृति हीन नजर आती थी। अतः उपन्यासकारों ने देश और लोगों में राष्ट्रीयता की भावना को जागृत किया।
(घ) उपन्यासकारों ने अतीत के गौरव-गाथा के माध्यम से लोगों में राष्ट्रवादी भावना का संचार करने का प्रयास किया।
(ड) उनका उद्देश्य अंग्रेजी राज को उखाड़ फेंकना तथा स्वतंत्र भारत की स्थापना करना था। इसके लिए उन्होंने उपन्यासों के माध्यम से लोगों को एकता के सूत्र में बाँधने का प्रयास किया।
5 तकनीक और समाज में आए उन बदलावों के बारे में बताएँ जिनके चलते अठारहवीं सदी के यूरोप में उपन्यास पढ़ने वालों की संख्या में वृद्धि हुई।
उत्तर-तकनीकी बदलाव-
(क) छापेखाने के विकास के कारण किताबों का कम समय एवं अधिक संख्या में छपना संभव हुआ।
(ख) तकनीकी विकास के कारण उपन्यासों की लागत में कमी आई, जिसके परिणामस्वरूप कम आय वर्ग के लोग भी उपन्यास खरीद कर पढ़ने लगे।
सामाजिक बदलाव-
(क) आय में वृद्धि होने के कारण लोग मनोरंजन की ओर बढ़े तथा उपन्यासों में मनोरंजन की तलाश करने लगे।
(ख) पुस्तकालयों की स्थापना के परिणामस्वरूप और अधिक संख्या में लोग उपन्यासों से जुड़े।
(ग) साक्षरता दर में वृद्धि होने के कारण उपन्यासों को एक विशाल पाठक वर्ग मिला।
6 जेन ऑस्टिन द्वारा औरतों का चित्रण पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर-(क) जेन ऑस्टिन के उपन्यासों में उन्नीसवीं सदी के ब्रिटेन के ग्रामीण कुलीन समाज में महिलाओं की स्थिति का चित्रण किया गया है।
(ख) इनसे हमें ऐसे समाज के बारे में सोचने की प्रेरणा मिलती है जहाँ महिलाओं को धनी या जायदाद वाले वर खोजकर ‘अच्छी शादियाँ करने के लिए उत्साहित किया जाता था।
(ग) उदाहरण के लिए जेन ऑस्टिन के उपन्यास ‘प्राइड एंड प्रेज्युडिस’ के मुख्य चरित्र हमेशा अच्छी शादी और पैसे के फिराक में रहती है। जैसा कि वे कहती हैं, ‘यह एक सर्वस्वीकृत सत्य है कि कोई अकेला आदमी अगर मालदार है तो उसे एक अदद बीवी की तलाश होगी।’
(घ) अर्थात्, जेन ऑस्टिन के उपन्यासों ने सरल रूप से महिलाओं की घरेलू भूमिकाओं को लोकप्रिय बनाया।
7 उड़िया उपन्यास पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर-(क) औपनिवेशिक भारत में क्षेत्रीय भाषाओं के दूसरे उपन्यासों की तरह ही उड़िया उपन्यास भी सामाजिक समस्याओं पर केन्द्रित था।
(ख) 1877-78 में रामशंकर राय ने पहले उड़िया उपन्यास ‘सौदामिनी’ का धारावाहिक के रूप में प्रकाशन आरम्भ किया। किन्तु वे इसे पूरा नहीं कर सके।
(ग) फकीर मोहन सेनापति ने ‘छ: माणो आठौ गुंठौ’ नामक एक उपन्यास लिखा जिसका शाब्दिक अर्थ है- छह एकड़ और बत्तीस गढ़े जमीन।
(घ) यह भूमि तथा उसके अधिकार से संबंधित प्रश्नों से जुड़ा था।
(ङ) यह रामचंद्र मंगराज की कहानी है जो एक जमींदार के यहाँ मैनेजर की नौकरी करता है। यह अपने मालिक को ठगता है तथा निःसन्तान बुनकर दंपति भगिया और सारिया की उपजाऊ जमीन पर नजरें गड़ाए रहता है।
(च) यह उपन्यास मील का पत्थर साबित हुआ जिसने यह दिखलाया कि ग्रामीण मुद्दों को भी शहरी सोच का अहम हिस्सा बनाया जा सकता है।
उपन्यास, समाज और इतिहास प्रश्न के उत्तर
8 उपन्यास ‘परीक्षा-गुरु’ में दर्शायी गई एक मध्यवर्ग की तस्वीर पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर-(क) श्रीनिवास दास रचित परीक्षा-गुरु हिन्दी भाषा का पहला उपन्यास है। इसका प्रकाशन 1882 में हुआ था।
(ख) परीक्षा-गुरु में खुशहाल परिवारों के युवाओं को बुरी संग-सोहबत के नैतिक खतरों से आगाह किया गया था।
(ग) उपन्यास के चरित्रों को औपनिवेशिक शासन के कदम मिलाने में कैसी मुश्किलें आती हैं और अपनी सांस्कृतिक अस्मिता को लेकर वे क्या सोचते हैं, यह इस उपन्यास का तथ्य है।
(घ) उपन्यास के किरदार अपने कर्म से कृषि के दो नए तकनीक को अपनाते हैं। साथ ही व्यापार के कर्म को आधुनिक माना गया। उपन्यास में इस बात पर जोर दिया गया कि मध्यवर्गी गृहस्थियों के पारंपरिक मूल्यों पर समझौता किए बिना हो। इस तमाम कोशिश के बावजूद परीक्षा-गुरु बहुत अधिक पाठक नहीं जुटा पाई। इसका कारण शायद परीक्षा-गुरु की अत्यधिक उपदेशात्मक शैली थी।
9 पत्रात्मक एवं धारावाहिक उपन्यास का तात्पर्य क्या है?
उत्तर-पत्रात्मक उपन्यास- पत्रों की श्रृंखला के रूप में लिखा हुआ। इसके लेखक सैमुएल रिचर्डसन के उपन्यास पामेला में पूरी कहानी प्रेमियों के आपसी खतों के जरिए कही गई है।
धारावाहिक उपन्यास- ऐसी पद्धति जिसमें कहानी को किस्तों में छापा जाता है। हर किस्त पत्रिका या अखबार के अगले अंक में छपती है। इसके लेखक चार्ल्स डिकेन्स के उपन्यास पिकविक पेपर्स का 1836 में एक पत्रिका में धारावाहिक के रूप में छपना एक महत्त्वपूर्ण घटना थी।
कक्षा 10 इतिहास अध्याय 8 एनसीईआरटी समाधान
10 मुंशी प्रेमचन्द के उपन्यास सेवासदन की पटकथा क्या है ? इस उपन्यास का क्या महत्व है?
उत्तर-इस उपन्यास में महिलाओं की दुरावस्था का बड़ा मार्मिक चित्रण किया गया है और इसके साथ बाल-विवाह और दहेज प्रथा के सामाजिक मसले उठाए गए हैं। बहुत से आलोचकों का ऐसा मानना है कि इस उपन्यास ने हिन्दी उपन्यास को मनोरंजन और उपदेश के दायरे से उठाकर आम लोगों की जिन्दगी और सामाजिक सरोकारों से जोड़ दिया है।
11 शुरुआती हिन्दी उपन्यास की अहम् विशेषताओं के बारे में लिखें।
उत्तर-शुरुआती हिन्दी उपन्यास की अहम् विशेषता-
(क) दूसरी भाषाओं के उपन्यासों का या तो हिन्दी में पुनर्रचना की गयी या उनका अनुवाद किया गया।
(ख) शुरुआती हिन्दी उपन्यास असफल साबित हुए क्योंकि उनमें बहुत अधिक नैतिकता की बातें कही गयी थी।
(ग) उस समय के शिक्षित तबकों में हिन्दी भाषा और नागरी लिपि को लोकप्रिय बनाने में अहम् भूमिका निभायी।
(घ) प्रेमचन्द के लेखन के साथ ही हिन्दी उपन्यास में उत्कृष्टता आयी।
उपन्यास, समाज और इतिहास प्रश्न उत्तर
12 उपन्यास की कुछ महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ लिखें।
उत्तर-(क) उपन्यास जनसाधारण या आम लोगों की भाषा का प्रयोग करता है।
(ख) उपन्यास में ऐसे चरित्रों और ऐसी परिस्थितियों का विवरण होता है जिनसे पाठकगण एकदम जुड़ से जाते हैं और वे उपन्यास में अपनी ही कहानी की अभिव्यक्ति को देखते हैं
(ग) उपन्यास देश की विविध भाषाओं और समुदायों में निकटता बनाकर एक राष्ट्र की सांझी दुनिया को रचता है।
13 महिलाओं को उपन्यासों से जुड़ने से रोकने का प्रयास क्यों किया गया ?
अथवा. 19 वीं सदी के यूरोप और भारत में उपन्यास पढ़ने वाली औरतों के बारे में जो चिंता पैदा हुई उसे संक्षेप में लिखें। इन चिंताओं से इस बारे में क्या पता चलता है कि उस समय औरतों को किस तरह देखा जाता था ?
उत्तर-19 वीं सदी में यूरोप तथा भारत में महिलाओं द्वारा उपन्यास पढ़ने को लेकर समाज में व्यापक और गंभीर चिंता का वातावरण उत्पन्न हुआ। मूल रूप से यह चिंता महिलाओं की जागरूकता के प्रति थी। निम्नांकित कारणों से महिलाओं को उपन्यासों से जुड़ने से रोकने का प्रयास किया गया-
(क) लोगों का मानना था कि उपन्यासों से महिलाओं पर नैतिक दुष्प्रभाव पढ़ सकता है।
(ख) कुछ लोग समझते थे कि उपन्यासों के द्वारा महिलाओं को आसानी से बहकाया जा सकता है।
(ग) महिलाओं के उपन्यासों से जुड़ने के परिणामस्वरूप घरेलू जीवन पर प्रभाव पड़ सकता है।
(घ) महिलाओं में उपन्यासों के माध्यम से आ रही जागरूकता को हतोत्साहित करना भी महिलाओं को उपन्यासों से जुड़ने से रोकने का एक महत्त्वपूर्ण कारण था। इन चिंताओं से यह स्पष्ट है कि तत्कालीन समाज में महिलाओं को पुरुषों के अधीन माना जाता था। वे पढ़-लिख नहीं सकती थीं, अपने प्राकृतिक अधिकारों का दावा नहीं कर सकती थी तथा उनके लिए सर्वाधिक सुरक्षित जगह घर की चारदीवारी थी।jac board
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