संघवाद पाठ 2 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर। Ncert Solution For class 10th Civics के इस पोस्ट में क्लास दसवीं में पढ़ रहे सभी विद्यार्थियों का स्वागत है इस पोस्ट के अंतर्गत आप सभी विद्यार्थियों को इस पाठ से संबंधित जितने भी परीक्षा उपयोगी महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न हैं उन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको इस पोस्ट पर पढ़ने के लिए मिलेगा इस पोस्ट पर उन्हीं प्रश्नों को कवर किया गया है जो पिछले कई परीक्षाओं में पूछे जा चुके हैं इसलिए आप सभी विद्यार्थियों से आग्रह है कि इस पोस्ट को पूरा पढ़ें जिससे आपकी तैयारी अच्छी से हो जाए l
संघवाद पाठ 2 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर। Ncert Solution For class 10th Civics
संघवाद पाठ 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
संघवाद पाठ 2 लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
संघवाद पाठ 2 अति लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
1 भारत की संघीय व्यवस्था में बेल्जियम से मिलती-जुलती एक विशेषता और उससे अलग एक विशेषता को बताएँ।
उत्तर-भारत की संघीय व्यवस्था में बेल्जियम से मिलती-जुलती एक विशेषता- दोनों भारत और बेल्जियम की संघीय शासन-व्यवस्था में गठन का तरीका एक-सा है अर्थात् यहाँ सबको साथ लेकर चलने की संघात्मक सरकार है जहाँ राज्यों की तुलना में केन्द्रीय सरकार अधिक शक्तिशाली है।
भारत की संघीय सरकार में बेल्जियम से अलग एक विशेषता- भारत में तीसरे
स्तर पर बेल्जियम की भाँति कोई समुदाय सरकार नहीं जो अलग-अलग जातियों, सांस्कृतिक, शैक्षणिक और भाषाई हितों की रक्षा करती हो।
2 शासन के संघीय और एकात्मक स्वरूपों में क्या-क्या मुख्य अंतर है ? इसे उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट करें।
उत्तर-शासन के संघीय और एकात्मक स्वरूपों में अंतर-
संघात्मक सरकार
(a) संघात्मक सरकार के लिए लिखित संविधान होना आवश्यक है।
(b) केन्द्र और राज्यों के बीच शक्ति का विभाजन होता है। जैसे- भारत।
(c) केन्द्रीय सरकार राज्य सरकार को आदेश जारी नहीं कर सकती।
(d) संविधान प्रायः कठोर होता है। केन्द्रीय सरकार अपनी मर्जी से परिवर्तन नहीं कर सकती।
(e) संघात्मक सरकार में प्रायः दोहरी नागरिकता होती है। एक राज्य की जिसमें व्यक्ति रहता है तथा दुसरी संघ की।
एकात्मक सरकार
(a) एकात्मक सरकार के लिए लिखित संविधान होना जरूरी नहीं है।
(b) सम्पूर्ण सत्ता केंद्रीय सरकार के पास होती है। वही सम्पूर्ण देश का शासन चलाती है। जैसे- इंग्लैण्ड, फ्रांस, श्रीलंका।
(c) केन्द्रीय सरकार राज्य अथवा स्थानीय प्रशासन को आदेश जारी कर सकती
(d) संविधान प्रायः लचीला होता है। केन्द्रीय सरकार अपनी मर्जी से परिवर्तन कर सकती है।
(e) एकात्मक सरकार में इकहरी नागरिकता होती है। कोई भी व्यक्ति कहीं भी रहे, उसे देश की नागरिकता प्राप्त होती है।
3 एकात्मक सरकार की मुख्य विशेषताए क्या ?
उत्तर-एकात्मक सरकार- एकात्मक सरकार (जैसा कि इंग्लैंड में है) की मुख्य विशेषताएँ हैं-
(क) एकात्मक सरकार में केन्द्रीय सरकार राज्य सरकारों की अपेक्षा कहीं अधिक शक्तिशाली होती है। केन्द्र को राज्यों की अपेक्षा अधिक शक्तियाँ दी जाती हैं।
(ख) एकात्मक सरकार में केन्द्रीय सरकार के पास धन राज्य सरकारों की अपेक्षा
कही अधिक होता है। इसलिए केन्द्र का महत्व राज्यों के मुकाबले अधिक बढ़ जाता है।
(ग) केन्द्रीय सरकार आपातकाल में और भी शक्तिशाली हो जाती है जब वह राज्य की सारी शक्तियों अपने हाथ में ले लेती है।
(घ) ऐसी सरकार या एकात्मक सरकार को समवर्ती सूची में दिए गए विषयों में भी श्रेष्ठता प्राप्त होती है। यदि इस सूची में वर्णित किसी भी विषय पर केन्द्रीय सरकार और राज्य सरकार दोनों कानून पास कर दे तो केन्द्रीय सरकार द्वारा पास किया गया कानून मान्य होगा।
(ङ) बाकी बची हुई शक्तियों एकात्मक सरकार में केवल केन्द्र के पास ही होती है।
4 संघीय सरकार की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं ?
उत्तर- संघीय सरकार- संघीय सरकार (जैसा कि भारत और अमेरिका में है) की मुख्य विशेषता निम्नांकित है-
(क) संघीय सरकार में शक्तियों का बँटवारा केन्द्र और राज्यों में स्पष्ट रूप से होता है। हर एक अपने क्षेत्र में स्वतंत्र होता है।
(ख) इस प्रकार की सरकारों में संविधान लिखित और कठोर होता है जिसे बदलना इतना आसान नहीं होता। उसे बदलने में एक निश्चित संख्या में राज्यों का समर्थन भी आवश्यक होता है।
(ग) इस प्रकार की सरकार में न्यायपालिका पूर्ण रूप से स्वतंत्र होती है ताकि वह केन्द्र और राज्यों के आपसी झगड़ों का निपटारा बिना किसी पक्षपात से कर सके।
(घ) इस प्रकार की सरकार में, जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका (यू० एस०ए०) में है बाकी बची हुई शक्तियों राज्यों को प्राप्त होती है।
5 1992 के संविधान संशोधन के पहले और बाद के स्थानीय शासन के महत्त्वपूर्ण अंतरों को बताएँ।
उत्तर-1992 के 73 वें संविधान संशोधन ने स्थानीय शासन के क्षेत्र में अनेक महत्त्वपूर्ण सुधार किए हैं, जिनमें मुख्य निम्नांकित हैं-
(क) 1992 से पहले स्थानीय स्वशासी निकायों के चुनाव नियमित नहीं होते थे परन्तु 1992 के संविधान संशोधन के पश्चात् चुनाव नियमित रूप से कराना संवैधानिक बाध्यता बन गई।
(ख) 1992 के संशोधन से पहले निर्वाचित स्वशासी निकायों के सदस्य तथा पदाधिकारियों के पदों में अनुसूचित जातियाँ, अनुसूचित जनजातियों तथा पिछड़े वर्गों के लिए सीटें आरक्षित नहीं थीं, परन्तु 1992 के सुधारों के बाद इन जातियों के लिए सीटों को आरक्षित कर दिया गया।
(ग) पहला यहाँ महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित नहीं थीं उन्हें अब एक-तिहाई की संख्या से आरक्षित कर दिया गया है।
(घ) पहले यहाँ राज्य के पंचायतों और नगरपालिकाओं का चुनाव कराने के लिए कोई संस्था नहीं थी वहाँ अब राज्य चुनाव आयोग गठित किया गया है ताकि वह इन स्थानीय संस्थाओं का चुनाव स्वतंत्र रूप से करा सके।
6 1992 के संविधान में संशोधन के बाद भारतीय लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था का उल्लेख करें।
उत्तर-1992 के संविधान में संशोधन के बाद भारतीय लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था-
(क) अब स्थानीय स्वशासी निकायों के चुनाव नियमित रूप से कराना संवैधानिक बाध्यता है।
(ख) निर्वाचित स्वशासी निकायों के सदस्य तथा पदाधिकारियों के पदों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ी जातियों के लिए सीटें आरक्षित हैं।
(ग) कम से कम एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
(घ) हर राज्य में पंचायत और नगरपालिका चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग नामक स्वतंत्र संस्था का गठन किया गया है।
(ङ) राज्य सरकारों को अपने राजस्व और अधिकारों का कुछ हिस्सा इन स्थानीय स्वशासी निकायों को देना पड़ता है। सत्ता में भागीदारी की प्रकृति हर राज्य में अलग-अलग है।
7 भारत के संघीय व्यवस्था का वर्णन करें।
अथवा, संघ सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूची का संक्षेप में वर्णन करें।
अथवा, केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच विधायी अधिकारों को कितने हिस्सों में बाँटा गया है ? स्पष्ट करें।
उत्तर-भारत की शासन व्यवस्था संघीय है। संविधान में भारत को राज्यों का एक संघ घोषित किया गया है। संघीय व्यवस्था के अन्तर्गत शासन के दो स्तर हैं- केन्द्र तथा राज्य । हाल ही में इस व्यवस्था के अन्तर्गत तीसरा स्तर- पंचायती राज तथा नगरपालिका को जोड़ा गया है।
भारत में संघीय व्यवस्था के अन्तर्गत शासन के विभिन्न स्तरों पर विधायी अधिकारों का विकेन्द्रीकरण किया गया है। केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों के बीच विधायी अधिकारों का विभाजन निम्नांकित तीन सूचियों के अंतर्गत किया गया है-
(क) संघ सूची- इस सूची में राष्ट्रीय महत्त्व के विषय आते हैं जिन पर कानून बनाने का अधिकार सिर्फ केन्द्र सरकार को है। इनमें प्रतिरक्षा, विदेशी मामले, बैकिंग आदि शामिल हैं।
(ख) राज्य सूची- इस सूची में वैसे विषयों को शामिल किया गया है जिनके लिए राज्य सरकार उत्तरदायी है। इन विषयों पर कानून बनाने का अधिकार सिर्फ राज्य सरकार को प्राप्त है।
(ग) समवर्ती सूची- इसके अन्तर्गत शिक्षा, वन, श्रम, पारिवारिक कानून आदि को शामिल किया गया है। इन विषयों पर कानून बनाने का अधिकार केन्द्र एवं राज्य सरकार दोनों को प्राप्त है।
8 संघीय शासन व्यवस्थाएँ आमतौर पर कितने तरीकों से गठित होती हैं ? उदाहरण देकर समझाएँ।
उत्तर-संधीय शासन व्यवस्थाएँ आमतौर पर दो तरीकों से गठित होती है-
(क) दो या अधिक स्वतंत्र राष्ट्रों को साथ लाकर एक बड़ी इकाई गठित करने का। इसमें दोनों स्वतंत्र राष्ट्र अपनी संप्रभुता को साथ करते हैं, अपनी अलग-अलग पहचान को भी बनाए रखते हैं और अपनी सुरक्षा तथा खुशहाली बढ़ाने का रास्ता अख्तियार करते हैं। साथ आकर संघ बनाने के उदाहरण हैं- संयुक्त राज्य अमेरिका, स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रेलिया वगैरह। इस तरह
संघीय व्यवस्था वाले मुल्कों में आमतौर पर प्रांतों को समान अधिकार होता है और वे केन्द्र के बरक्स ज्यादा ताकतवर होते हैं।
(ख) बड़े देश द्वारा अपनी आंतरिक विविधता को ध्यान में रखते हुए राज्यों का गठन करनाऔर फिर राज्य और राष्ट्रीय सरकार के बीच सत्ता का बँटवारा कर देना। भारत, बेल्जियम और स्पेन इसके उदाहरण हैं। इस दूसरी श्रेणी वाली व्यवस्था में राज्यों के बरक्स केन्द्र सरकार ज्यादा ताकतवार हुआ करती है। अक्सर इस व्यवस्था में विभिन्न राज्यों को समान अधिकार दिए जाते हैं पर विशेष स्थिति में किसी-किसी प्रांत को विशेष अधिकार भी दिए जाते हैं। jac board