Prakriti Ke Saondary Ki Upasna | प्रकृति के सौंदर्य की उपासना पाठ 10 नैतिक शिक्षा अभ्यास प्रश्न के उत्तर

Prakriti Ke Saondary Ki Upasna | प्रकृति के सौंदर्य की उपासना पाठ 10 नैतिक शिक्षा अभ्यास प्रश्न के उत्तर के इस पोस्ट में आप सभी विद्यार्थियों का स्वागत है, इस पोस्ट के माध्यम से पाठ से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण परीक्षा उपयोगी अभ्यास प्रश्नों के उत्तर को कवर किया गया है, जो आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है, यह प्रश्न पिछले कई परीक्षाओं में भी पूछे जा चुके हैं, इसलिए दिए गए सभी प्रश्नों को एक बार आप अवश्य पूरा अध्ययन करें-

Prakriti Ke Saondary Ki Upasna | प्रकृति के सौंदर्य की उपासना पाठ 10 नैतिक शिक्षा अभ्यास प्रश्न के उत्तर

सही विकल्प का चयन करें-

1 प्रकृति किसकी प्रथम कृति है ?
(a) आत्मा.
(b) परमात्मा,
(c) मनुष्य,
(d) दानव।
उत्तर-(b)

2 मानव द्वारा प्रकृति के लिए किया गया कौन कार्य गलत है?
(a) प्रकृति को देखना,
(b) प्रकृति को सहयोग देना,
(c) प्रकृति को नष्ट करना,
(d) प्रकृति का उचित उपयोग।
उत्तर-(c)

3 किन विद्वानों ने अपनी रचना में प्रकृति की उपासना की है?
(a) सुमित्रा नंदन पंत,
(b) रवीन्द्र नाथ ठाकुर,
(c) निराला,
(d) इनमें सभी।
उत्तर-(d)

4 रीतिकाल के कवियों ने प्रकृति का वर्णन किस रूप में किया है?
(a) आकर्षक रूप में,
(b) अतुल्य रूप में,
(c) अनाकर्षक रूप में.
(d) इनमें कोई नहीं।
उत्तर-(a)

5 किसका आकर्षण और सौंदर्य मन को मोह लेता है ?
(a) परिवेश का,
(b) समाज का,
(c) प्रकृति का,
(d) पर्वतों का।
उत्तर-(c)

Prakriti Ke Saondary Ki Upasna | प्रकृति के सौंदर्य की उपासना लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर लिखें-

1 बताएँ कि किस प्रकार से-
(क) मानव प्रकृति को नष्ट कर रहा है ?
उत्तर-मानव प्राकृतिक संसाधनों का अविवेकपूर्ण ढंग से अति दोहन कर प्रकृति को नष्ट कर रहा है।

(ख) प्रकृति का आकर्षण और सौंदर्य मन को मोह लेता है ?
उत्तर-प्रकृति की सुंदरता में प्राणी का मन तो रमता ही है प्रभु के प्रति श्रद्धा भी बढ़ती है। इसीलिए प्रकृति का आकर्षण औरसौंदर्य मन को मोह लेता है।

(ग) हम प्रकृति का सहयोग कर सकते हैं ?
उत्तर-हम पेड़-पौधे लगाकर प्रकृति का सहयोग कर सकते हैं।

(घ) प्रकृति हमें बहुत कुछ सिखाती है ?
उत्तर-प्रकृति हमें बहुत कुछ सिखाती है, जैसे- जिस प्रकार बिजली, बादलों में चमककर तुरंत लुप्त हो जाती है. उसी प्रकार दुष्ट लोगों की दोस्ती भी क्षणिक होती है या पर्वत जिस प्रकार वर्षा
की बूँदों के आघात को चुपचाप सहता है संत पुरुष भी वैसे ही बुरे लोगों के कटु वचनों को भी सह लेते हैं, आदि।

(ङ) प्रकृति ही जीवन है ?
उत्तर-मानव का जीवन पूर्णतः प्रकृति पर आश्रित है। पीने के लिए जल, श्वास लेने के लिए प्राणवायु, भोजन के लिए अन्न, पहनने के लिए वस्त्र और रहने के लिए आवास सब कुछ तो
प्रकृति ही हमें प्रदान करती है। अतः यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि प्रकृति ही जीवन है।

2 वर्तमान समय में मानव प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहा है। इसके दुष्परिणामों को लिखें।
उत्तर-वर्तमान समय में मानव प्रकृति से खिलवाड़ करने में लगा है, जिसका परिणाम पूरी दुनिया में दिखाई देने लगा है। कहीं अतिवृष्टि हो रही है तो कहीं अनावृष्टि, कहीं कड़ाके की सर्दी
पड़ रही है तो कहीं भीषण गर्मी। पर्यावरण असंतुलित होता जा रहा है तथा प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ रही हैं। बाढ़, सुखाड़, भूस्खलन, भीषण चक्रवातीय तूफान, भारी हिमपात ये सारे
दुष्परिणाम प्रकृति के साथ खिलवाड़ के ही परिणाम हैं।

3 ‘रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून’ इस उक्ति को ध्यान में रखते हुए जल-संरक्षण के लिए उपाय सुझाएँ।
उत्तर-जल संरक्षण के निम्न उपाय हो सकते हैं-
(क) जल का मितव्ययितापूर्ण उपयोग।
(ख) वर्षा के जल का भंडारण।
(ग) बाँधों का निर्माण।
(घ) सूखा अवरोधी पौधा लगाना।
(ङ) घरों से निकलने वाले जल को सोख्ता बनाकर भूगर्भीय जल स्तर को बढ़ाना।
(च) पानी की बर्बादी को रोकना आदि।

4 प्रकृति की रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है। इसके लिए आप क्या करना चाहेंगे ?
उत्तर-प्रकृति हमारे जीवन का आधार है इसकी रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है। इसकी रक्षा के लिए हम प्राकृतिक संसाधनों की बर्बादी रोक कर इनका विवेकपूर्ण प्रयोग का प्रयास करेंगे। पेड़-पौधे लगाकर प्राकृतिक संतुलन को नष्ट होने से बचाने का प्रयास करेंगे एवं लोगों में प्रकृति के प्रति प्रेम और सम्मान का भाव जगाएँगे।

5 ‘मानव प्रकृति को देख सकता है, सहयोग दे सकता है तथा उपयोग भी कर सकता है।’- आप प्रकृति का उपयोग कैसे करेंगे और उसे बचाने में अपना सहयोग कैसे देंगे। सोचिए और तालिका को पूरा करें-

उत्तर- प्रकृति का उपयोग
(i) वन संपदा का उपयोग
(ii) जल संपदा का उपयोग |
(iii) खनिज संपदा का उपयोग
(iv) भूमि का उपयोग
(v) प्राकृतिक सौन्दर्य का आनंद

प्रकृति को बचाने में सहयोग

(i) पेड़-पौधे लगाकर
(ii) जल-संरक्षण के उपाय करके
(iii) प्राकृतिक संसाधनों की बर्बादी को रोककर
(iv) भूमि संरक्षण के उपाय करके
(v) लोगों में प्रकृति के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना को जगाकर। jac board