Nirmano ke pawan yug me l निर्माणों के पावन युग में पाठ 5 Ncert Solution For Class 8th, नैतिक शिक्षा Class 8 पाठ 5 प्रश्नोतर के इस ब्लॉग पोस्ट में आप सभी विद्यार्थियों का स्वागत है, इस पोस्ट के माध्यम से पाठ से जुड़ी सभी तरह के प्रश्न जो आपकी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, उन सभी को कवर किया गया है, जिसे पढ़कर आपको काफी मदद मिलने वाली है, इस लिए इन्हें जरूर पूरा पढ़ें तो चलिए शुरू करते हैं-
Nirmano ke pawan yug me l निर्माणों के पावन युग में (नैतिक शिक्षा) पाठ 5 प्रश्नोतर lNcert Solution For Class 8th
सही विकल्प का चयन करें-
1 कौन बच्चों के लिए कल्याणकारी आविष्कार नहीं है ?
(a) पोलियो का टीका.
(b) रेबिज का टीका,
(c) टी० बी० का टीका,
(d) परमाणु बम का निर्माण ।
उत्तर-(d)
2 निर्माणों के पावन युग में हमें क्या नहीं भूलना चाहिए ?
(a) स्वच्छता.
(b) विद्यार्जन,
(c) चरित्र-निर्माण.
(d) शरीर-निर्माण।
उत्तर-(c)
3 मानव कल्याण के अभाव में क्या व्यर्थ है ?
(a) कला.
(b) विज्ञान,
(c) सांख्यिकी.
(d) नैतिकता।
उत्तर-(b)
4 जटिल समस्या सुलझाने हेतु क्या करना जरूरी है ?
(a) नयी-पहचान,
(b) नूतन-अनुसंधान,
(c) परिकल्पना,
(d) हवाई किला बनाना।
उत्तर-(b)
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर लिखें-
1 निर्माणों के इस युग में हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-निर्माणों के इस युग में हमें विभिन्न नवीन अनुसंधान एवं निर्माण कार्य करने के साथ-साथ मानव के चरित्र निर्माण एवं वसुधा के कल्याण का भी ध्यान रखना चाहिए। मानव अपनी संस्कृति का सम्मान करे तथा उसके जीवन में शील, विनय, आदर्श तथा नैतिकता के लिए भी स्थान हो। उन्नति और विकास के लिए किए गए निर्माण मानव तथा मानव सभ्यता के लिए कल्याणकारी हो न कि विध्वंसकारी। इन बातों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
2 ‘मानव-कल्याण के अभाव में विज्ञान व्यर्थ है। अपना विचार दें।
उत्तर-मानव जो भी नवीन आविष्कार एवं निर्माण करता है वह विज्ञान के कारण ही संभव है, परन्तु यदि ऐसे आविष्कार और निर्माण मानव के लिए कल्याणकारी न हो तो ऐसा विज्ञान
व्यर्थ है।
3 आपके विचार से वर्तमान युग में चरित्र-निर्माण क्यों जरूरी है ?
उत्तर-वर्तमान युग में मानव स्वार्थी एवं अति भौतिकवादी हो गया है। वह संस्कार एवं नैतिकता को त्यागकर विकास की अंधी दौड़ में शामिल हो गया है। ऐसी परिस्थिति में एक बार पुनः व्यक्ति, समाज एवं राष्ट्र में आदर्श स्थापित करने हेतु चरित्र निर्माण आवश्यक हो गया है।
4 हम अपने और अपनी आने वाली पीढी का चरित्र-निर्माण कैसे कर सकते है ?
उत्तर-हम अपनी और अपनी आने वाली पीढ़ी का चरित्र निर्माण शिष्टाचार, अनुशासन, परोपकार, ईमानदारी, नैतिकता एवं अच्छे संस्कार प्रदान करके कर सकते हैं।
5 वर्तमान युग आविष्कारों का युग है। इन आविष्कारों में कुछ कल्याणकारी है, तो कुछ विध्वंसकारी। आप नीचे दी गई तालिका के अनुसार आविष्कारों को सजाएँ-
उत्तर-
कल्याणकारी आविष्कार | विध्वंसकारी आविष्कार |
(i) पेंसिलिन. | (i) जिलेटिन, |
6 निम्नांकित कथन सही है या गलत, कैसे ? उत्तर दें-
.
(क) मनुष्य ने निर्माण और आविष्कार के रूप में अपनी बुद्धि का प्रदर्शन किया है।
(ख) प्रदूषण मानवीय रचनाओं का दुष्परिणाम है।
(ग) मनुष्य समस्याओं के समाधान के लिए अनुसंधान करता है।
(घ) नैतिकता के बिना भी शिक्षा सार्थक है।
(ङ) आज के भौतिक युग में मानव स्वार्थी को गया है।
उत्तर-(क) सही है। जैसे- लाखों किलोमीटर दूर चन्द्रमा की सतह पर मानव का उतरना।
(ख) सही है। जैसे- वाहनों एवं कल कारखानों से वायु, जल एवं ध्वनि प्रदूषण।
(ग) सही है। जैसे- बीमारियों के उपचार हेतु दवाओं एवं टीका की खोज हेतु अनुसंधान ।
(घ) गलत है। जैसे- डॉक्टरों द्वारा सस्ती दवाएँ रहने के बावजूद महंगी दवाएँ लिखना।
(ङ) सही है। जैसे- अधिक मुनाफा के लिए खाद्य पदार्थों की जमाखोरी या उसमें मिलावट ।
इस पाठ को पढ़कर आपको क्या शिक्षा मिला जरूर कमेंट करें,साथ में इस पोस्ट को दूसरे अपने दोस्तों के साथ भी ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि उन्हें यह जानकारी मिल सके