पाठ 10-नेताजी का चश्मा हिन्दी के महत्वपूर्ण प्रश्न के उत्तर( neta ji ka chashma lesson4 hindi extra question) 2023

neta ji ka chashma lesson4 hindi extra qustion – नेताजी का चश्मा प्रश्नोत्तर के इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका स्वागत है , आज हम सभी क्लास 10 हिंदी पुस्तक के पाठ 10 नेताजी का चश्मा से सबंधित सभी महत्वपूर्ण सवालों के बारे में अध्ययन करेंगे।

पाठ 10-नेताजी का चश्मा हिन्दी के महत्वपूर्ण प्रश्न के उत्तर( neta ji ka chashma lesson4 hindi extra question)

नेता जी का चश्मा महत्वपूर्ण प्रश्न के उत्तर 
नेता जी का चश्मा अभ्यास प्रश्न के उत्तर 

(1.) पाठ तथा उसके लेखक का नाम लिखें?

 उत्तर-पाठ का नाम- नेताजी का चश्मा तथा लेखक का  नाम- स्वयं प्रकाश |

(2.) स्थानीय कलाकार से मूर्ति बनवाने का क्या कारण रहा होगा?

उत्तर-स्थानीय कलाकार से मूर्ति बनवाने के दो कारण प्रमुख रहे होंगे-

  1.  धन और साधनों का अभाव |
  •  सोच-विचार और कागजी कार्यवाही में समय बीतने के कारण  हड़बड़ी और जल्दबाजी. |

(3.)मूर्ति में क्या कमी रह गई थी? 

उत्तर-नेता जी की मूर्ति में यह कमी रह गई थी कि उनकी आंखों पर चश्मा नहीं था | 

(4.) मूर्ति में कमी के कारण क्या हो सकते थे?

( 5.) छोटे कस्बों में सार्वजनिक निर्माण में प्राया कौन सी समस्याएं आती हैं ?

उत्तर-छोटे कस्बों में सार्वजनिक निर्माण में प्राया निम्नांकित समस्याएं आती है ;-

  1.   एक उन्हें योग्य सरकारों और कलाकारों की सही जानकारी नहीं होती है |
  •  उनके पास अच्छे निर्माण के योग्य ध्यान नहीं होता है |
  •  काफी समय विचार-विमर्श और उधेड़बुन में बीत जाता है |
  •   शासकीय कार्यवाही और चिट्ठी- पत्री में काफी समय निकल जाता है |
  •   हड़बड़ी में गलत निर्णय लिए जाते हैं |

( 6.) स्थानीय कलाकार ने क्या वादा किया होगा? पटक देने का क्या भावार्थ रहा होगा?  

उत्तर- जब स्थानीय कलाकार को मूर्ति बनाने की बात कही गई होगी, तो उसने उत्साह में आकर इस काम को 1 महीने में जैसे-तैसे पूरा करने का निश्चय प्रकट किया होगा पटक देने का भावार्थ हो रहा होगा कि वह जैसे भी हो जुगाड़ और जल्दबाजी करके मूर्ति बनाकर नगरपालिका को सौंप देगाद्य परंतु अगर कोई कमी रह गई तो जिम्मेदारी नगरपालिका की होगी, उसकी नहीं है   |                       

 (7.) हालदार साहब को क्या बात समझ में आई?

उत्तर- हालदार साहब को यह बात समझ में आई कि चश्मे वाले का नाम कैप्टन है वही नेता जी की मूर्ति पर चश्मा लगाता- उतारता रहता है 

(8.)चश्मे वाला मूर्ति पर चश्मा क्यों लगाता है?

उत्तर-चश्मे वाला नेता जी की मूर्ति पर चश्मा इसलिए लगाता है क्योंकि उसे नेताजी की बगैर चश्मे वाली मूर्ति बुरी लगती हैद्य उसे लगता है कि चश्मे के बिना नेताजी को असुविधा होती है वह नेताजी के प्रति श्रद्धा रखता है |

 (9.)चश्मे वाला मूर्ति पर चश्मा क्यों बदल देता है?

उत्तर- चश्मे वाला  एक गरीब आदमी हैद्य वह चश्मा भेज कर अपना गुजारा चलाता है वही नेता जी की मूर्ति पर चश्मा लगाना है जब कोई ग्राहक नेताजी वाले प्रेम की मांग करता है तब वह उस चश्मे के फ्रेम को उतारकर ग्राहक को दे देता है और मूर्ति पर दूसरा दूसरा प्रेम लगा देता है  |

(10)हालदार किस बात पर खुश होता है?

उत्तर- हालदार इस बात पर खुश होता है कि चलो छोटे से कस्बे में देशभक्ति जीवित हैद्य कम से कम कोई तो है, जिसे सुभाष चंद्र बोस की परवाह हैद्य उसे चश्मे वाले का चश्मा लगाना अच्छा लगता है वह मन -ही- मन चश्मे वाले की देशभक्ति को प्रणाम करता है  

(11.)चश्मे वाला नेता जी से क्षमा क्यों मांगता है?

उत्तर- चश्मे वाला नेता जी से इसलिए क्षमा मांगता है क्योंकि उसे नेता जी की मूर्ति पर लगे चश्मे को उतारने में दुख का अनुभव होता है पर उसे उतारना उसकी मजबूरी होती हैद्य अतः वह क्षमा मांगते हुए चश्मे का फ्रेम बदल देता है |                                      (12.) हालदार साहब का ज्ञान कितना प्रमाणिक है? स्पष्ट करें ? 

उत्तर-हालदार का ज्ञान अनुमान पर आधारित है वह स्वयं भावुक देशभक्त है इसलिए वह चश्मे वाले के बारे में भी उसकी देशभक्ति की कल्पना करता हैद्य ’संभवत; शब्द स्वयं बताता है कि हालदार की सारी बातें कल्पना और भावना पर आधारित  हैं |

(13.) हालदार साहब को कौन -सी बात विचित्र और कौतुक भरी लग रही थी ?  

 उत्तर- हालदार साहब को नेताजी की संगमरमर की मूर्ति के बारे में सारी बातें विचित्र और कौतुक- भरी लग रही थी मूर्तिकार मास्टर मोतीलाल द्वारा मूर्ति में चश्मे ना लगा पाना जितना रोचक था, उससे भी बढ़कर रोचक था कैप्टन द्वारा उस पर बदल-बदल कर चश्मा लगाना हालदार साहब को लोगों की भावनाओं को समझकर आनंद आ रहा था |

नेताजी का चश्मा प्रश्नोत्तर Ncert solution for class 10th Hindi 

 (14.) हालदार ने पान वाले से क्या पूछा और क्यों पूछा ?

उत्तर- हालदार ने पान वाले से पूछा कि यह चश्मे वाला क्या कभी फौजी में रहा है या सुभाष चंद्र बोस का साथी रहा हैद्य उसने यह  सवाल इसलिए पूछा क्योंकि उसे इस विचित्र आदमी के बारे में जानने की उत्सुकता थी वह ऐसे विशेष आदमी के बारे में जानना चाहता था |

(15.) पानवाला किस लिए हंस पड़ा ?                         

उत्तर- पानवाला चश्मे वाले की वास्तविकता को जानता था चश्मे वाला मरियल -सा बूढ़ा लंगड़ा था इसलिए जब हालदार ने उसके फौजी होने या आजाद हिंद फौज में होने की बात पूछी तो पानवाला व्यंग्य से हंस पड़ाद्य उसका अर्थ था- लो! अब यह बूढ़ा भी फौजी में हो चला |

(16.)  पानवाला चश्मे वाले की फोटो छपवाने की बात क्यों कहता है ? 

  उत्तर- पानवाला चश्मे वाले को देशभक्त नहीं  एक सनकी  अजूबा मानता है ऐसे पागल लोगों के अखबार में फोटो छपने चाहिए इस सुझाव में व्यंग्य है, कटाक्ष है |         

(17.) चश्मे वाले के व्यवसाय और उसकी दशा का वर्णन करें  ?  

उत्तर- चश्मे वाला बहुत गरीब है उसके पास दुकान तक नहीं है मजबूरी में उसे गली-गली घूमकर चश्मे बेचने पड़ते हैं वह शरीर से भी बहुत  बूढ़ा मरियल- सा और लंगड़ा है | 

(18.) चश्मे वाले को देखकर हालदार साहब चक्कर में क्यों पड़ गए ?

 उत्तर-चश्मे वाले को देखकर हालदार साहब चक्कर में पड़ गएद्य उन्होंने सोचा था कि चश्मे वाला आवश्यक कोई पुराना फौजी होगा वह लंबा- तगड़ा देशभक्त जवान होगा परंतु सामने मरियल- सा बूढ़ा, लंगड़ा देखकर वह हैरान हो गयाद्य वह सोचने लगा कि इसका नाम ’कैप्टन’ क्यों रखा गया होगा यह बात उसकी समझ से बिल्कुल पूरे थी | 

(19.) हालदार साहब चश्मे वाले के बारे में अधिक जानकारी क्यों ना जुटा सके ?  

 उत्तर- हालदार साहब चश्मे वाले को अपनी आंखों से देख चुके थे वह उसके बारे में और बहुत कुछ जानना चाहते थे परंतु ना तो पान वाले ने उसके बारे में कोई रुचि ली, न उनके ड्राइवर के पास फालतू समय थाद्य ड्राइवर भी जल्दी चलने के लिए उतावला था इसलिए हालदार साहब मन मार कर वापस जीप में बैठ गए | 

नेताजी का चश्मा प्रश्नोत्तर Ncert solution Hindi class X 
(20.)हालदार और चश्मे वाले में क्या समानता है ? 

उत्तर- हालदार और चश्मे वाले में एक समानता है दोनों देशभक्त और भावुक हैं दोनों को अपने नेता सुभाष चंद्र बोस से प्यार है इसलिए दोनों उसकी सुंदर मूर्ति में रुचि लेते हैं चश्मे वाला मूर्ति को चश्मा पहना कर देश भक्ति प्रकट करता है हालदार हर बार बदलते चश्मे में रुचि लेकर अपनी भावना प्रकट करता है | 

(21.)हालदार क्या देखकर हैरान रह गया ? 

उत्तर- हालदार ने कल्पना की थी कि सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति पर चश्मा लगाने वाला कैप्टन कोई लंबा- तगड़ा फौजी होगा उसकी कोई छोटी- मोटी दुकान होगी परंतु उसने देखा कि कैप्टन नाम का चश्मे वाला शरीर से बिल्कुल मरियल और लंगड़ा था उसके सिर पर गांधी टोपी और आंख पर काला चश्मा था उसके एक हाथ में संदूकची थी और दूसरे हाथ में बांस पर लटके चश्मे थे उस गरीब बेचारे के पास दुकान भी नहीं थी वह घूम- घूम कर चश्मे बेचता था यह देखकर हालदार  हैरान रह गया | 

(22.) हालदार साहब क्या सोचते थे ? 

उत्तर- हालदार साहब सोच रहे थे कि भला उस कौम का क्या होगा जो देश के लिए अपना सब कुछ त्याग कर देने वालों पर हंसती है, उनका मजाक उड़ाती है ऐसे लोग फिर से गुलाम बन जाएंगे |

(23.) 15 दिन बाद कस्बे से गुजरते हुए  हालदार साहब को क्या ख्याल आया ? 

उत्तर- 15 दिन बाद जब हालदार साहब उस कस्बे से गुजरे तो उन्हें ख्याल आया कि चौराहे पर सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा तो अवश्य होगी पर उनकी आंखों पर चश्मा नहीं होगा क्योंकि मूर्तिकार चश्मा बनाना भूल गया और उन पर असली चश्मा फिट करने वाला कैप्टन मर गयाद्य अब भला उन्हें किसने चश्मा लगाया होगा | 

(24.) हालदार साहब ने अपने ड्राइवर को क्या आदेश दिया और क्यों ? 

उत्तर- हालदार साहब ने अपने ड्राइवर को आदेश दिया कि वह कस्बे के चौराहे पर जीप  न रोके क्योंकि उन्होंने ड्राइवर को तो यह कहा कि आज बहुत काम है पान कहीं और खा लेंगेद्य परंतु वास्तविक कारण यह था कि वह बिना चश्मे वाली सुभाष चंद्र की मूर्ति को देखना नहीं चाहते थे |

(25.) चौराहा आते ही क्या हुआ ? 

उत्तर- चौराहे के आते ही हालदार साहब की आंखें आदतन मूर्ति की ओर चली गई मूर्ति पर कुछ ऐसा विशेष दिखाई दिया कि उन्हें अपनी जीत रुकवाने पड़ी मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा लगा था वह मूर्ति के सामने जाकर सावधान की स्थिति में खड़े हो गए | 

(26.) सिद्ध करें कि हालदार साहब सच्चे देशभक्त थे ?

उत्तर- हालदार साहब सच्चे देशभक्त थे उनके मन में क्रांतिकारी सुभाष चंद्र बोस के प्रति गहरा सम्मान था इसलिए सदा सुभाष की मूर्ति के सामने जीत रुको आते थे और उन्हें कौतूहल से निहारा करते थे उन्हें यह देखकर भी अच्छा लगता था कि छोटे से कस्बे में सुभाष की मूर्ति को चश्मा पहनाने वाला कोई देशभक्त नागरिक है बिना चश्मे वाली मूर्ति देखकर भी उदास हो जाते थे और चश्मे वाले मूर्ति से खुश हो जाते थे इससे उनकी देशभक्ति का परिचय मिलता है | 

नेताजी का चश्मा प्रश्नोत्तर Ncert solution Hindi क्लास 10th 

(27.) हालदार साहब का चरित्र चित्रण ?

उत्तर- नेता जी का चश्मा कहानी स्वयं प्रकाश जी द्वारा लिखी गयी एक प्रसिद्ध कहानी है इस कहानी में हालदार साहब एक प्रमुख पात्र बन कर  कर आये थे हालदार साहब एक जिम्मेदार नागरिक थे, वे जब भी क़स्बे से गुजरते हैं तो नगरपालिका के द्वारा किये गए प्रयासों की सराहना करते रहते हैं . हालदार साहब ने उस  कस्बे के मुख्य चौराहे  पर जब नेताजी की मूर्ति देखी  तो वह इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि कुल मिलाकर क़स्बे के नागरिकों का प्रयास है ।

हालदार साहब एक जिज्ञासु प्रवृति के व्यक्ति थे , यहाँ तक पानवाले ने चश्मेवाले  के प्रति जिस प्रकार व्यवहार प्रकट किया तो उन्हें  बिलकुल भी अच्छा नहीं लगा , वह समाज के हर वर्ग तथा सभी लोगों से प्रेम पूर्वक तथा अच्छा से पेस आते थे, वह स्वभाव से संदेंशील तथा भावुक टाईप का आदमी थे इस कहा जा सकता है कि कहानी में हालदार साहब एक अच्छे चरित्र के रूप में सामने आये.उनके चरित्र में वें सभी गुण हैं जो की एक अच्छे नागरिक के अन्दर होनी चाहिए |

( 28.) नेताजी का चश्मा पाठ का सारांश लिखे ?

उत्तर- प्रस्तुत पाठ नेताजी का चश्मा में  यही दर्शाया गया है, कि नगरपालिका वाले  द्वारा कस्बे के मुख्य चौराहे पर नेता  सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगवाते हैं। उसी चौराहे से हालदार साहब हमेशा गुजरते हैं, मूर्तिकार मोतीलाल नेता जी की प्रतिमा का चश्मा बनाना भूल जाता है, उसी कस्बे में कैप्टन नाम का चश्मे बेचने वाला व्यक्ति रहता था, उसे बिना चश्मे के नेता सुभाष चंद्रबोस का व्यक्तित्व अधूरा प्रतीत होने लगता है|

नेताजी का चश्मा प्रश्नोत्तर Ncert solution Hindi 

( 29. ) नेताजी का चश्मा पाठ में कैप्टन का चरित्र चित्रण लिखें ?

उत्तर- कैप्टन बूढ़ा और लंगड़ा था पर दिल का बहुत अच्छा आदमी था , वह बास का डंडा में चश्मा लेकर रोज उस चौराहे पर आते थे जहाँ पर नेताजी का प्रतिमा था वहीं  पर दीवाल के सहारे अपने बांस  की डंडा को लगते और चश्मा बेचने  लग जाते थे वह सभी का आदर करते थे वह सेनानी न होते हुए भी देश भक्त थे उसके अंदर देश भक्ति की भावना कूट कूट भरा है|

(30.) नेता जी का चश्मा पाठ में मुख्य पत्रों के नाम लिखें ?

उत्तर- नेता जी का चश्मा पाठ में मुख्य पत्रों के नाम निम्न है :- हालदार साहब , ड्राइवर, नगर पालिका वाले, पान वाला और  कैप्टन चश्मे  वाला यही लोग मुख्य पात्र के रूप में काम किए थे नेताजी का चश्मा पाठ में |     

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