NCERT Solutions for Civics Class 8th Chapter 2 भारतीय संविधान के आधारभूत मूल्य लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर के इस ब्लॉग पोस्ट में आप सभी विद्यार्थियों का स्वागत है, इस पोस्ट के माध्यम से पाठ से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण परीक्षा उपयोगी लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर इस पोस्ट पर कवर किया गया है, जो काफी महत्वपूर्ण है और कई बार पिछले परीक्षा में भी पूछे जा चुके हैं, इसलिए यदि आप इस पोस्ट पर पहली बार आए हैं, तो कृपया करके पूरा पढ़ें जिससे आपकी परीक्षा की तैयारी और भी अच्छी हो सके-
NCERT Solutions for Civics Class 8th Chapter 2 भारतीय संविधान के आधारभूत मूल्य लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
भारतीय संविधान के आधारभूत मूल्य पाठ 2अति लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
भारतीय संविधान के आधारभूत मूल्य पाठ 2 लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
भारतीय संविधान के आधारभूत मूल्य पाठ 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
1 “भारत में लोकतंत्र है। कैसे?
अथवा, भारत एक लोकतांत्रिक देश है। कैसे?
उत्तर-‘लोकतंत्र का तात्पर्य है कि राजशक्ति का प्रयोग जनता द्वारा किया जाएगा। हमारे देश में जनता सर्वोच्च है और बहुमत के निर्णय द्वारा शासन संचालित होता है। प्रायः प्रत्येक 5 वर्ष के अंतराल पर लोकसभा तथा विधानसभाओं के चुनाव होते हैं और सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार द्वारा जन-प्रतिनिधि चुने जाते हैं। इन प्रतिनिधियों के माध्यम से ही शासन संचालित होता है। राज्य में कोई विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग नहीं है। इस प्रकार हम कह सकते है कि भारत में लोकतंत्र है।
2 न्याय का क्या अर्थ है ? वर्णन करें।
उत्तर-हमारे संविधान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय प्रदान करने की बात कही गयी है। ‘सामाजिक न्याय से अभिप्राय है कि नागरिकों के बीच जाति, वर्ण, लिंग, धर्म, जन्म स्थान आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता। सरकारी नौकरी के अवसर सभी लोगों को समान रूप से प्राप्त है।
आर्थिक न्याय से तात्पर्य है कि उत्पादन एवं वितरण के साधनों का न्यायोचित वितरण हो और धन संपदा का केवल कुछ ही हाथों में केंद्रीकरण न हो। संविधान यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिकों को जीविका के पर्याप्त साधन प्राप्त हों। राजनीतिक न्याय का अर्थ है कि राज्य के अंतर्गत समस्त नागरिकों को समान रूप से नागरिक और राजनीतिक अधिकार प्राप्त हो।
3 व्यक्ति की गरिमा की रक्षा के लिए संविधान में क्या प्रावधान किए गए हैं?
उत्तर-हर व्यक्ति महत्वपूर्ण होता है। आत्मसम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार सभी को होना चाहिए। बंधुता से व्यक्ति की गरिमा को सुरक्षित रखने तथा बढ़ावा देने की आशा की जाती है।
संविधान निर्माताओं के मन में व्यक्ति की गरिमा सर्वाधिक महत्वपूर्ण थी। इसके पीछे उद्देश्य यह था कि लोगों को स्वतंत्रता, समानता आदि मूल अधिकार अनिवार्य रूप से प्राप्त हो सके। यह सरकार की जवाबदेही बनती है कि वह अपनी नीतियों से सभी नागरिकों को जीविका के पर्याप्त साधन, काम की न्यायसंगत तथा मानवोचित दशाएँ उपलब्ध करायें। अनुच्छेद 17 तथा अनुच्छेद 32 भी व्यक्ति की गरिमा की अभिवृद्धि में सहायक हैं।
4 प्रस्तावना ‘हम, भारत के लोग’ वाक्यांश से शुरू होती है। इस वाक्यांश से क्या तात्पर्य है ?
अथवा, भारतीय संविधान की प्रस्तावना ‘हम भारत के लोग’, लिखें।
उत्तर-प्रस्तावना ‘हम भारत के लोग वाक्यांश से तात्पर्य यह है कि- हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता व अखंडता सुनिश्चित कराने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर, 1949 ई० को एतद् द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।
5 “भारत एक संप्रभु राष्ट्र है। स्पष्ट करें।
उत्तर-‘संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न’ शब्द का प्रयोग हमारे संविधान की प्रस्तावना में किया गया है। इसका तात्पर्य है कि भारत के आंतरिक तथा वैदेशिक मामलों में भारत सरकार सार्वभौम तथा स्वतंत्र है।
विधि के दृष्टि से भारत के ऊपर न तो किसी आंतरिक शक्ति का दबाव है और न किसी बाहरी शक्ति का। भारतीय स्वाधीनता अधिनियम के पारित हो जाने से भारत पर ब्रिटिश शासन का नियंत्रण समाप्त हो गया। 15 अगस्त, 1947 को भारत संप्रभु राष्ट्र बना ।
6 समाजवाद से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- ‘समाजवाद’ से तात्पर्य है- बिना भेदभाव समाज के सभी सदस्यों के हित का कार्य करना। प्रस्तावना इस उदेश्य को रेखांकित करता है कि राज्य का अंतिम लक्ष्य समाजवाद को पाना है, ताकि समाज में आय तथा जीवनयापन के स्तर में विषमता को कम किया जा सके। इस लक्ष्य को लोकतांत्रिक, समता एवं अहिंसा के माध्यम से प्राप्त किया जाना है।
देश के विकास में सरकार के साथ-साथ निजी व्यक्तियों या संस्थाओं का समान योगदान होता है। यह शब्द भारत को एक जनकल्याणकारी राज्य घोषित करता है।
7 लोकतंत्र कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर- सामान्यत: लोकतंत्र-शासन-व्यवस्था दो प्रकार की मानी जानी है :
(1) विशुद्ध या प्रत्यक्ष लोकतंत्र तथा
(2) प्रतिनिधि सत्तात्मक या अप्रत्यक्ष लोकतंत्र
8 लोकतंत्र की उत्पत्ति कैसे हुई?
उत्तर- भारत में लोकतंत्र का प्राचीन इतिहास-
ऐतिहासिक दृष्टि से अवलोकन करें तो भारत में लोकतंत्रात्मक शासन प्रणाली का आरंभ पूर्व वैदिक काल से ही हो गया था। प्राचीनकाल में भारत में सुदृढ़ लोकतांत्रिक व्यवस्था विद्यमान थी। इसके साक्ष्य हमें प्राचीन साहित्य, सिक्कों और अभिलेखों से प्राप्त होते हैं।
9 लोकतंत्र शासन की रुकावट क्या है?
उत्तर- शासन हमेशा जनता के लिए होता है, जनता के द्वारा कभी नही, क्योंकि जनता जिन्हें प्रतिनिधि चुनती है वे अभिजनवर्ग के ही होते हैं। दूसरे शब्दों में लोकतंत्र का अर्थ है अभिजन वर्गां के बीच प्रतिद्वंद्विता और जनता द्वारा यह निर्णय कि कौनसा अभिजन ऊपर शासन करेगा।
10 लोग लोकतंत्र को क्यों पसंद करते हैं?
उत्तर- लोकतंत्र को पश्चिम में दुनिया की बेहतरी का सर्वोत्तम विकल्प बताया जाता है, लेकिन वास्तव में लोकतंत्र की राजनीतिक और व्यक्तिगत आज़ादी की ताक़त को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है. प्रमुख पश्चिमी देश लोकतंत्र को राजनीतिक संघर्षों का समाधान मानने की मान्यता पर काम करते हैं। JAC BOARD