NCERT Solutions for Civics Class 8th Chapter 1संविधान लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर नागरिकशाश्त्र

NCERT Solutions for Civics Class 8th Chapter 1 संविधान लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर के इस ब्लॉग पोस्ट में आप सभी विद्यार्थियों का स्वागत है इस पोस्ट के माध्यम से पाठ से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण परीक्षा उपयोगी लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर इस पोस्ट पर कवर किया गया है जो काफी महत्वपूर्ण है और कई बार पिछले परीक्षा में भी पूछे जा चुके हैं इसलिए यदि आप इस पोस्ट पर पहली बार आए हैं तो कृपया करके पूरा पढ़ें जिससे आपकी परीक्षा की तैयारी और भी अच्छी हो सके

NCERT Solutions for Civics Class 8th Chapter 1 संविधान लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

संविधान पाठ 1अति लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
संविधान पाठ 1लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
संविधान पाठ 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के उत्तर

1 संविधान में वर्णित किन्हीं पाँच मौलिक कर्तव्यों को लिखें।
उत्तर-संविधान में वर्णित मौलिक कर्तव्य निम्न प्रकार से हैं-

(क) संविधान का पालन और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करना चाहिए।

(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को अपनाना चाहिए।

(ग) भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की फल भावना का निर्माण तथा महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुँचाने वाली प्रथाओं को त्याग करनी चाहिए।

(घ) प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव हैं, की रक्षा एवं उसका संवर्धन करना चाहिए।

(ङ) वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करना चाहिए।

2 मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्तव्य में क्या अंतर है?
उत्तर-मौलिक अधिकार- समाज में व्यक्ति के विकास के लिए प्रदत्त व्यवस्था को उसका अधिकार कहा जाता है। संविधान व्यक्त्तियों को लिखित रूप से अधिकार प्रदान करता है तथा उसकी सुरक्षा के लिए व्यवस्था करता है।

भारत का संविधान यहाँ के लोगों को कुछ मौलिक अधिकार देता है। मौलिक अधिकार को संविधान की अंतरात्मा कहा जाता है। मौलिक कर्त्तव्य- हमारा संविधान देश के नागरिकों से कुछ कर्तव्यों के पालन की भी उम्मीद करता है, जो देश की एकता एवं अखंडता को अक्षुण्ण रखने के लिए आवश्यक है।

3 ‘एक लोकतांत्रिक देश में मौलिक अधिकार का होना बहुत जरूरी है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं ? अपने उत्तर के पक्ष में तीन तर्क दें।
उत्तर-हम इस कथन से सहमत है कि एक लोकतांत्रिक देश में मौलिक अधिकार होना बहुत जरूरी है। इसके निम्नांकित कारण हैं-
(क) मौलिक अधिकार देश के सभी नागरिकों को राज्य की सत्ता के मनमाने और निरंकुश इस्तेमाल से बचाते है।

(ख) लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी इच्छा का धर्म अपनाने, उसका प्रचार-प्रसार करने का मौलिक अधिकार प्राप्त है।

(ग) अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि उसके अधिकारों का हनन हो रहा है, तो वह इससे बचने के लिए न्यायालय की शरण में जा सकता है।

4 भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों को क्यों शामिल किया गया ? किन्हीं तीन कारणों की चर्चा करें।
उत्तर-भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों को निम्नांकित कारणों से शामिल किया गया है-
(क) मौलिक कर्त्तव्य देश की एकता एवं अखंडता को अक्षुण्ण रखने के लिए आवश्यक है।

(ख) देश की रक्षा और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करना हमारा मौलिक कर्त्तव्य है।
(ग) संविधान का पालन और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करना हमारा मौलिक कर्त्तव्य है।

5 मानवाधिकार आयोग के कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-मानवाधिकार आयोग निम्नांकित कार्य करता है-
(क) मानवाधिकारों के उल्लंघन की शिकायतों की जाँच करता है।

(ख) जेल में कैदियों के निवास की परिस्थितियों की जाँच के लिए वह किसी भी जेल का निरीक्षण कर सकता है।

(ग) मानवाधिकारों के उपयोग में बाधक आतंकवादी कार्यों की समीक्षा करता है।

(घ) मानवाधिकारों के क्षेत्र में अनुसंधान को प्रोत्साहन करता है।

(ङ) मानवाधिकारों के क्षेत्र में कार्यरत गैर सरकारी संगठनों को प्रोत्साहन देता है।

6 किसी लोकतांत्रिक देश को संविधान की जरूरत क्यों पड़ती है?
उत्तर-आज दुनिया के अधिकांश देशों के पास अपना संविधान है। संविधान उन आदर्शों को सूत्रबद्ध करता है जिनके आधार पर नागरिक अपने देश की अपनी इच्छा और सपनों के अनुसार रच सकते हैं। यानी संविधान बताता है कि हमारे समाज का मूलभूत स्वरूप क्या हो। संविधान नियमों का ऐसा समूह होता है जिसका एक देश के सभी लोग अपने देश को चलाने की पद्धति के रूप में अपना सकते हैं। इसके जरिए वे न केवल
यह तय करते हैं कि सरकार किस तरह की होगी बल्कि उन आदर्शों पर भी एक साझी समझ विकसित करते हैं जिनकी हमारे पूरे देश में रक्षा की जानी चाहिए।

7 संसदीय शासन प्रणाली से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-संसदीय शासन प्रणाली शासन की वह व्यवस्था है, जिसमें व्यवस्थापिका तथा कार्यपालिका के बीच घनिष्ठ एवं सामंजस्यपूर्ण संबंध होता है। कार्यपालिका की शक्ति एक व्यक्ति के हाथ में न होकर मंत्रिमंडल या कैबिनेट में निहित होती है। कार्यपालिका को शक्ति विधायिका (व्यवस्थापिका) से प्राप्त होती है तथा वह विधायिका के प्रति उत्तरदायी होती है।

केन्द्र स्तर पर कार्यपालिका का संवैधानिक अध्यक्ष राष्ट्रपति होता है, लेकिन वास्तविक शक्ति मंत्रिपरिषद् के हाथ में होती है। मंत्रिपरिषद् का अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है। लोक सभा में है बहुमत प्राप्त दल के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाता है। प्रधानमंत्री लोक सभा या राज्य सभा का सदस्य हो सकता है। मंत्रिपरिषद् लोक सभा के प्रति उत्तरदायी होती है।jac board