NCERT Solutions for Civics Class 8th Chapter 1 संविधान दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

NCERT Solutions for Civics Class 8th Chapter 1संविधान  दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर के इस ब्लॉग पोस्ट में आप सभी विद्यार्थियों का स्वागत है इस पोस्ट के माध्यम से पाठ से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण परीक्षा उपयोगी दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर के उत्तर इस पोस्ट पर कवर किया गया है जो काफी महत्वपूर्ण है और कई बार पिछले परीक्षा में भी पूछे जा चुके हैं इसलिए यदि आप इस पोस्ट पर पहली बार आए हैं तो कृपया करके पूरा पढ़ें जिससे आपकी परीक्षा की तैयारी और भी अच्छी हो सके-

NCERT Solutions for Civics Class 8th Chapter 1 संविधान दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

संविधान पाठ 1अति लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
संविधान पाठ 1लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
संविधान पाठ 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के उत्तर

1 भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त किन्हीं तीन मौलिक अधिकारों को लिखें।
अथवा, सभी मौलिक अधिकारों का संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर-भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार-

(क) समानता का अधिकार- कानून की नजर में सभी लोग समान हैं। इसका मतलब है कि सभी लोगों को देश का कानून एक समान सुरक्षा प्रदान करेगा। इस अधिकार में यह भी कहा गया है कि धर्म, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता। किसी व्यक्ति को खेल के मैदान, होटल, दुकान इत्यादि सार्वजनिक स्थानों पर जाने से नहीं रोका जा सकता है। राज्य के हर नागरिक को सरकारी नौकरी के लिए समान अवसर प्रदान करेगा।

(ख) स्वतंत्रता का अधिकार- इसके अन्तर्गत देश के नागरिकों को अभिव्यक्ति और भाषण, शांतिपूर्ण सभा करने एवं संगठन बनाने, देश के किसी भाग में आने-जाने और रहने तथा कोई भी व्यवसाय या कारोबार करने का अधिकार प्रदान किया गया है। प्रेस, मीडिया, झंडोतोलन जैसे अधिकार भी इसके अंतर्गत आते हैं।

(ग) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार– सभी नागरिकों को पूरी धार्मिक स्वतंत्रता दी गई है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी इच्छा के अनुसार कोई भी धर्म अपनाने, उसका प्रचार-प्रसार करने का अधिकार है।

(घ) शोषण के विरुद्ध अधिकार- संविधान में कहा गया है कि मानव व्यापार जबरिया श्रम और 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मजदूरी पर रखना अपराध है।

(ङ) सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार- संविधान में कहा गया है कि धार्मिक या भाषाई, सभी अल्पसंख्यक समुदाय गल्क अपनी संस्कृति की रक्षा और विकास के लिए अपने-अपने शैक्षणिक संस्थान खोल सकता है।संवैधानिक उपचारों का अधिकार- यदि किसी नागरिक को लगता है कि राज्य द्वारा उनके किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है तो इस अधिकार का सहारा लेकर वह अदालत में जा सकता है!

2 “भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। कैसे ?
उत्तर-भारत का संविधान भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित करता है। भारतीय राज्य की बागडोर न तो किसी एक धार्मिक समूह के हाथों में है और न ही राज्य किसी एक धर्म को समर्थन देता है। भारत में विद्यालय, कचहरी, थाने और दफ्तर जैसे सरकारी संस्थानों में किसी खास धर्म को प्रोत्साहन देने की अपेक्षा नहीं की जाती है। संविधान में जो प्रावधान किए गए हैं, उसका निष्कर्ष यह है कि-
(क) कोई एक धार्मिक समुदाय किसी दूसरे धार्मिक समुदाय mको दबा नहीं सकता।

(ख) एक ही धर्म के लोग उसी धर्म के किसी अन्य व्यक्ति को दबा नहीं सकते।

(ग) राज्य किसी नागरिक पर न तो किसी खास धर्म को थोप सकता है और न ही लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता छीन सकता है।
उपर्युक्त कारणों से भारत को एक धर्मनिरपेक्ष देश कहा जाता है।

3 भारत में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका के लिए संविधान में किए गए प्रावधानों की व्याख्या करें।
उत्तर-भारत में न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए संविधान में निम्नांकित प्रावधान किये गये हैं-
(क) उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है, लेकिन उन्हें पदमुक्त करने का अधिकार राष्ट्रपति को नहीं है। उच्चतम या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को केवल महाभियोग के द्वारा ही हटाया जा सकता है।

(ख) उच्चतम या उच्च न्यायालय के अधीन कर्मचारियों की नियुक्ति तथा उनकी सेवा शर्त आदि के निर्धारण का अधिकार संबंधित न्यायालय को होता है। सरकार या संसद इस विषय पर हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

(ग) न्यायाधीश पदमुक्त होने के पश्चात् सरकार के अधीन किसी पद को ग्रहण नहीं कर सकता या अधीनस्थ न्यायालय में वकालत नहीं कर सकता। हालाँकि इस प्रावधान का प्रायः उल्लंघन होता रहा है। पदमुक्त न्यायाधीशों को भी मंत्री, राज्यपाल या विभिन्न आयोग के अध्यक्ष आदि बनाया गया है।

(घ) न्यायाधीशों व अन्य कर्मचारियों का वेतन संचित निधि से देय होता है, लेकिन संसद इस विषय पर मतदान नहीं कर सकती है।jac board