NCERT Solution For Class 8th संसदीय शासन व्यवस्था पाठ 3 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

NCERT Solution For Class 8th संसदीय शासन व्यवस्था पाठ 3 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर के इस ब्लॉग पोस्ट में आप सभी विद्यार्थियों का स्वागत है, इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी विद्यार्थियों को पाठ से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण परीक्षा उपयोगी लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर अध्ययन करने के लिए मिलेगा जो परीक्षा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, और पिछले कई परीक्षाओं में भी पूछे जा चुके हैं-

NCERT Solution For Class 8th संसदीय शासन व्यवस्था पाठ 3 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1 संसदीय शासन प्रणाली के मुख्य लक्षण क्या है?
उत्तर- संसदीय शासन प्रणाली के मुख्य लक्षण निम्नांकित है- हम भारतीयों को इस बात का गर्व है कि हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था का हिस्सा है। लोकतांत्रिक सरकार में निर्णय प्रक्रिया में नागरिकों की सहभागिता तथा सहमति होती है।

इस बात की सबसे अच्छी अभिव्यक्ति संसद के रूप में मिलती है। संसद भारतीय लोकतंत्र का सबसे महत्त्वपूर्ण प्रतीक और संविधान का केन्द्रीय तत्व है। नागरिकों के द्वारा सरकार को मंजूरी देने का एक तरीका चुनाव है। लोग संसद के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं।

इन्हीं निर्वाचित प्रतिनिधियों में से एक समूह सरकार बनाती है। जनता द्वारा चुने गए सभी प्रतिनिधियों के इस समूह को ही संसद कहा जाता है। यह संसद सरकार को नियंत्रित करती है और उसका मार्गदर्शन करती है।

2 कार्यपालिका से क्या समझते हैं ? लोकतंत्र में कार्यपालिका की क्या भूमिका होती है ?
उत्तर-लोकसभा कार्यपालिका का चुनाव करती है। कार्यपालिका कानूनों को लागू करने का काम करती है।

कार्यपालिका का मुखिया राष्ट्रपति होता है. लेकिन उनका वास्तविक मुखिया प्रधानमंत्री होता है। जब हम सरकार शब्द का इस्तेमाल करते हैं, तो हमारे जेहन में अक्सर यही कार्यपालिका होती है।

लोकतंत्र में कार्यपालिका की भूमिका- भारत का प्रधानमंत्री लोकसभा में सत्ताधारी दल का मुखिया होता है। प्रधानमंत्री अपने दल के सांसदों में से मंत्रियों का चुनाव करता है, जो प्रधानमंत्री के साथ मिलकर फैसलों को लागू करते हैं।

ये मंत्री अपने विभाग के प्रधान होते हैं। जब किसी एक राजनीतिक दल को बहुमत नहीं मिल पाता है, तब कई राजनीतिक दल मिलकर एक गठबंधन सरकार बनाते हैं और यह सरकार साझा मुद्दों पर कार्य करती हैं।

3 संसदीय शासन प्रणाली और अध्यक्षीय शासन प्रणाली में क्या अंतर है?
उत्तर-संसदीय शासन प्रणाली- इस प्रणाली में राज्य और सरकार के मुखिया अलग-अलग व्यक्ति होते हैं।

इसमें कार्यपालिका अपनी वैधता विधायिका (संसद) से प्राप्त करती है तथा विधायिका के प्रति उत्तरदायी होती है। इससे कार्यपालिका और विधायिका परस्पर जुड़े हुए होते है। अध्यक्षीय शासन प्रणाली- इसमें राज्य का मुखिया तथा सरकार का मुखिया एक ही व्यक्ति होता है।

इससे कार्यपालिका अपनी वैधता विधायिका से प्राप्त नहीं करती। इस प्रकार की शासन प्रणाली संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रचलित है।

4 ‘स्वतंत्र भारत में कानून’ को लागू करने के संबंध में संविधान सभा का क्या नजरिया था ?
उत्तर-संविधान सभा के सदस्य इस बात पर सहमत थे कि स्वतंत्र भारत में कानून का प्रयोग मनमाने ढंग से नहीं होना चाहिए।

इसलिए उन्होंने संविधान में अनेक ऐसी व्यवस्थाएँ कर दी जो स्वतंत्र भारत में कानून का शासन (या राज्य) स्थापित करेगा। सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण बात यह थी कि स्वतंत्र भारत में कानून के समक्ष सभी लोग बराबर होंगे।

5 प्रश्नकाल क्या होता है?
उत्तर-प्रश्नकाल के माध्यम से सांसद सरकार के कामकाज के बारे में जानकारियाँ हासिल करते हैं। इसके जरिए संसद कार्यपालिका को नियंत्रित करती है। सवालों के माध्यम से सरकार को उसकी खामियों के प्रति आगाह किया जाता है। सांसदों के जरिए जनता की राय जानने का मौका मिलता है।

लोकतंत्र के स्वस्थ संचालन में विपक्षी दल एक अहम भूमिका अदा करते हैं। वे सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों की कमियों को सामने लाते हैं और अपनी नीतियों के लिए जनसमर्थन जुटाते हैं। ncert