लिंग वचन एवं कारक (ling vachan kaarak) हिंदी व्याकरण

लिंग वचन एवं कारक (ling vachan kaarak) पाठ परिचय लिंग वचन कारक कितने प्रकार के होते हैं? लिंग वचन क्या होता है? लिंग वचन कारक के कारण बदलने वाले शब्द क्या कहते हैं? लिंग वचन एवं कारक के इस लेसन में आप सभी विद्यार्थियों को इनसे जुड़ी सभी प्रकारों के सवालों का हल आपको इस ब्लॉग के माध्यम अध्ययन करने को मिलेगा जैसे परिभाषा भेद और अन्य सभी तरह के सवाल जो परीक्षा में पूछे जाते है-

उन सभी टॉपिक को विस्तार से व्याख्या किया गया है , इस लिए ब्लॉग को पूरा अध्ययन करे जिससे आपकी सारी समस्या हल हो सके , तो चलिए शुरू करते है –

( 1. )     लिंग किसे कहते हैं ? उसके कितने भेद हैं ?

उत्तर- संज्ञा की जिस रूप से किसी व्यक्ति वस्तु या भाव की जाति (महिला पुरुष) के अंतर का बोध हो उसे लिंग कहते हैं। जैसे- मोर-मोरनी, शेर-शेरनी आदि।

इसके दो भेद होते हैं-

 (क) पुल्लिंग, 

(ख) स्त्रीलिंग।

लिंग परिवर्तन

पुल्लिंग  = स्त्रीलिंग पुल्लिंग  = स्त्रीलिंग पुल्लिंग  = स्त्रीलिंग
 कवि  = कवयित्री  प्रियतम  = प्रियतमा याचक   = याचिका
सूर्य =  सूर्या  भगवान  = भगवति श्रीमान  = श्रीमती
महाशय   = महाशया स्वामी   = स्वामिनी पराजित  =    पराजिता
उपाध्याय   = उपाध्याया तपस्वी   = तपस्विनी   पाठक =   पाठिका
संपादक  =   संपादिका उपनिदेशक  =   उपनिदेशिका संरक्षक  =   संरक्षिका
निदेशक    = निदेशिका परामर्शदाता   = परामर्शदात्री अभागा   = अभागिन
 सम्राट   =   सम्राज्ञी प्राचार्य     =    प्राचार्या  शिक्षक   = शिक्षिका
हितकारी   =   हितकारिणी अभिनेता  =  अभिनेत्री नर्तक  =  नर्तकी
पराजित  =    पराजिता साधु  =    साध्वी  रचयिता  =  रचयित्री
विधुर  =    विधवा नायक  =    नायिका वक्ता   =   वक्त्री
इसके दो भेद होते हैं-
लिंग वचन एवं कारक (ling vachan kaarak)
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 वचन किसे कहते हैं ?

 इसके कितने भेद हैं ?

उत्तर– व्याकरण में वचन संज्ञा बोध के लिए प्रयुक्त होता हैशब्द के जिस रूप से उसके एक या अनेक होने का बोध होता है, 

उसे वचन कहते हैं।हिंदी भाषा में इसके दो भेद हैं- एक वचन और बहुवचन।

 एकवचन- शब्द के जिस रूप से एक वस्तु या एक व्यक्ति का बोध हो, उसे एकवचन कहते हैं। जैसे- नारी, पुस्तक, नदी आदि।

 बहुवचन- शब्द के जिस रूप से एक से अधिक व्यक्तियों या वस्तुओं का बोध हो उसे बहुवचन कहते हैं। जैसे- नारियाँ, पुस्तकें, नदियाँ आदि।

एकवचन से बहुवचन में रूपांतरित शब्द

एकवचन          बहुवचन एकवचन           बहुवचन एकवचन          बहुवचन
लड़का                       लड़के गाथा                            गथाएँ चिड़िया                        चिड़ियाँ
बेटा                               बेटे अध्यापक                   अध्यापिकाएँ बिटिया                       बिटियाँ
 आँख                             आँखें नदी                             नदियाँ लता                           लताएँ
 बोतल                         बोतलें  वस्तु                            वस्तुएँ दीवार                        दीवारें
किताब                      किताबें धेनु                              धेनुएँ सड़क                        सड़कें
माता                          माताएँ शक्ति                       शक्तियाँ  स्त्री                              स्त्रियाँ
गौ                                गौएँ
राशि                         राशियाँ·   
गुड़िया                      गुड़ियाँ चुहिया                       चुहियाँ
एकवचन से बहुवचन में रूपांतरित शब्द
लिंग वचन एवं कारक (ling vachan kaarak)

    कारक किसे कहते है ?

संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका संबंध क्रिया के साथ जाना जाता है उसे कारक कहते हैं।

 कारक के आठ भेद होते हैं –

(क) कर्ता कारक- जिस संज्ञा या सर्वनाम द्वारा क्रिया-व्यापार के करने वाले का पता लगता है उसे कर्ता कारक कहते हैं। इसका परसर्ग या विभक्ति चिह्न ‘ने’ है। इसका प्रयोग भूतकाल में किया जाता है। जैस- बच्चे ने फल खाया,मुसाफिर ने स्टेशन पर पानी पिया।

 (ख) कर्म कारक- जिस व्यक्ति या वस्तु पर क्रिया का फल पड़ता है, उसे कर्म कारक कहते हैं। इसका परसर्ग ‘को’ है। कभी-कभी वाक्यों में इसका प्रयोग नहीं  किया जाता है।

जैसे- राम ने रावण को मारा,       

 राम ने मोहन को पत्र लिखा।

(ग) करण कारक- संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया करने के साधन का बोध हो, उसे करण कारक कहते हैं, इसके परसर्ग ‘से’, ‘द्वारा’, ‘के द्वारा’ है।

जैसे- उसे पत्र द्वारा सूचित किया गया।       

श्याम चाकू से फल काटता है।

(घ) संप्रदान कारक- कर्ता द्वारा जिसके लिए कुछ दिया जाए या कुछ किया जाए,उसे संप्रदान कारक कहते हैं। इसके परसर्ग ‘के लिए’, ‘को’, ‘के वास्ते’, ‘के निमित्त’ है। 

जैसे- मनुष्य धन के वास्ते काम करता है,       

 भीखारी को वस्त्र दो।

(ङ) अपादान कारक- संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से अलग होने, दूर होने, डरने, सीखने, लज्जाने, तुलना करने आदि का ज्ञान हो, उसे अपादान कारक कहते हैं। इसका परसर्ग ‘से’ है। 

जैसे- मृग शेर से डरते हैं ( डरने का भाव ) ।        

पेड़ से पत्ता गिरता है ( अलग होना )।        

बहु, ससुर से लजाती है ( लजाने का भाव )।


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(च) संबंध कारक- संज्ञा या सर्वनाम का वह रूप जिससे उसका किसी दूसरे व्यक्ति या वस्तु से संबंध प्रकट हो उसे संबंध कारक कहते हैं। इसके परसर्ग ‘का’, ‘के’, ‘की’, ‘रा’, ‘रे’, ‘री’ है।

जैसे- हमारी बेटी आ गयी है,       

 यह सीता पुत्र है।

(छ) अधिकरण कारक- संज्ञा या सर्वनाम के उस रूप को, जिससे क्रिया के आधार का बोध हो उसे अधिकरण कारक कहते हैं। इसके परसर्ग ‘में’, ‘पर’, ‘के ऊपर’, ‘के अंदर’, ‘के बीच’, ‘के मध्य’, ‘के भीतर’ है।

जैसे- गंगा में कई नदियाँ मिलती हैं,       

बच्चे छत पर खेल रहे हैं,       

वह शाम होने पर घर आएगा। 

(ज) संबोधन कारक- जहाँ किसी संज्ञा को संबोधित किया जाए, उसे संबोधन कारक कहते हैं। इसके परसर्ग ‘हे’, ‘अरे’, ‘ओ’ आदि है। 

जैसे- हाय ! यह क्या हो गया।      

अरे भाइयों! यह तुमने क्या कर दिया।,     

 हे भगवान ! दया करो।

लिंग वचन एवं कारक (ling vachan kaarak) से जुड़ी प्रश्नोत्तर

रेखांकित में कारक बनाएँ

1 गंगा हिमालय से निकलती है।

उत्तर- अपादान कारक

2 उस बेचारे से चला नहीं जाता।

उत्तर– कर्ता कारक।

3 रमेश को कल दिल्ली जाना है।

उत्तर– कर्ता कारक। फमकारक

4 पढ़ते समय मेरी आँखों से पानी गिरता है।

उत्तर– अपादान कारक। 

5 वह साँप से डरता है। 

उत्तर- अपादान कारक।

6 बहु ससुर से लजाती है। 

उत्तर– अपादान कारक।

7 गंगा गंडक से बड़ी है।

उत्तर– अपादान कारक।

8 धोबी को धोने के लिए कपड़े दिए।

 उत्तर- कर्म कारक।

9 चंद्रमा आकाश में चमकता है।

उत्तर– अधिकरण कारक।

10 कुसुम रानी छत से गिर गयी।

उत्तर– अपादान कारक।

11 बच्चों के लिए मिठाई लाओ।

उत्तर– संप्रदान कारक।

12 मैने मित्र को पत्र लिखा। 

उत्तर– कर्म कारक। 

13 कलम मेज से गिर गयी। 

उत्तर– अपादान कारक।

14 वह प्यास से छटपटाने लगा।

उत्तर- करण कारक।

15 मंत्री ने गरीबों को कंबल दिए।

उत्तर– संप्रदान कारक।

16 सिर में दर्द है। 

उत्तर– अधिकरण कारक। 

17 पेड़ से फल गिरा।

उत्तर– अपादान कारक। 

18 कमल मोटरकार से मेरे घर आया।

उत्तर– करण कारक।

19 आसमान का रंग नीला है।

उत्तर– संबंध कारक।

20 चोर सिपाही से डरता है।

उत्तर- करण कारक। 

21 नाव नदी में डूब गयी।

उत्तर– अधिकरण कारक।

22 राम दशरथ के पुत्र थे।

उत्तर- संबंध कारक

23 अरे! जरा सुनो।

उत्तर- संबोधन कारक

लिंग वचन एवं कारक (ling vachan kaarak)

लिंग के अन्य हिंदी अनुवाद

gender – लिंग, व्याकरण में जातिविभाग
penis – लिंग
sex – लिंग, जाति, यौन-क्रिया
cock – लिंग, टोंटी, मुरग़ा, शिखंडी, बंदूक का घोडा़, शूर
dong – लिंग
pintle – लिंग
dick – गुप्तचर, लिंग, क़सम, कोड़ा, लौंडा, चाबुक
peg- खूंटी, कील, पैर, शंकु, टांग, लिंग
sign – संकेत, चिह्न, निशानी, लक्षण, प्रतीक, लिंग
pecker – चोंच, भूख, ठोंगनेवाला पक्षी, कुदाली, ठोंग, लिंग
prick – चुभन, पीड़ा, डंक, छेद, काँटा, लिंग
tool – साधन, हथियार, अस्र, लिंग

वचन के अन्य हिंदी अनुवाद

word – शब्द, वचन, बात, लफ्ज़
promise – वादा, वचन, प्रतिज्ञा, आशा, संकेत, स्वीकार
speech – भाषण, वाणी, बोली, भाषा, वचन, बोल
statement – विवरण, कथन, वचन, वर्णन, निवेदन, अभिव्यक्ति
aphorism – कहावत, वचन
plight – दुर्दशा, स्थिति, अवस्था, वचन, मंगनी, सगाई
oration – भाषण, वचन
capitulation – संधिपत्र, आत्म समर्पण, शर्तनामा, प्रण, वचन, शर्तों के अधीन होना
parole – वचन, वादा, प्रतिज्ञा, टोक, सांकेतिक शब्द, कारावकाश
thesis – थीसिस, निबंध, थिसिस, प्रसंग, मान्यता, वचन
dscourse – वचन, उक्ति, भाष्‍ज्ञण, बातचीत, वार्तालाप
observation – टिप्पणी, विचार, वचन, उक्ति
Vachan – वचन

कारक के अन्य हिंदी अनुवाद

case – मामला, स्थिति, हालत, घटना, कांड, कारक


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