लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी का जीवन परिचय Ncert Solution For Class 10th 2023

लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी का जीवन परिचय Ncert Solution For Class 10th के इस ब्लॉग  सभी विद्यार्थियों का स्वागत है , इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से  सबों को लेखक के जीवनी के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए मिलेगा  चलिए शुरू करते है –

लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी परिचय

लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी’ का जन्म मुजफ्फरपुर (बिहार) के बेनीपुरी गाँव में सन् 1899 में हुआ था। बचपन में ही माता-पिता
का निधन हो जाने के कारण उनका आरंभिक जीवन संघर्षों अभावों और कठिनाइयों में बीता। दसवीं तक की शिक्षा के
उपरांत सन् 1920 में, वे स्वतंत्रता आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़ गए। उन्होंने अनेक बार जेल-यात्राएँ की उनका निधन
सन् 1968 में हुआ।

पंद्रह वर्ष की अल्पायु में ही ‘लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी‘ जी की रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने लगी थीं। वे अत्यंत प्रतिभावान पत्रकार थे।

लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी ने

  • तरुण भारत,
  • किसान मित्र,
  • बालक,
  • युवक,
  • योगी,
  • जनता नई धारा और
  • जनवाणी जैसे पत्र-पत्रिकाओं के संपादन-उत्तरदायित्व का निर्वाह किया।

लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी की रचनाएं- नाटक

  • सीता की माँ
  • संघमित्रा
  • तथागत
  • अमर ज्योति
  • शकुन्तला
  • अम्बपाली
  • सिंहल विजय ये सब इनके प्रमुख नाटक की रचनाएँ है ।

गद्य की विविध विधाओं में उनका लेखन व्यापक तौर पर प्रतिष्ठित हुआ। उनका सम्पूर्ण साहित्य ‘बेनीपुरी रचनावली’ के नाम से 8 खंडों में प्रकाशित है।

लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी की साहित्यिक सेवाएं

लेखक बेनीपुरी जी के क्रांतिकारी व्यक्तित्व ने पुरे देश भक्ति मौलिक साहित्य प्रतिभा आत्मसमर्पण से समाज कि सेवा की । उनके अंदर भावना और चारित्रिक पावनता का अद्भुत समन्वय था इसलिए स्वतंत्रता के पदों और उपाधियों से दूर रहकर देश भी पनपती पद लोलुपता और भोगवादी प्रवृत्तियां पर तीखा प्रहार किया

पाठ 11 बालगोबिन भगत (क्लास दशवीं )

प्रस्तुत पाठ एक रेखाचित्र है। इस रेखाचित्र के माध्यम से लेखक ने बालगोबिन भगत के रूपमें एक ऐसे अनूठे चरित्र की चर्चा की है जो अपने आप में मनुष्यता, लोक-जीवन और सामूहिकचेतना का प्रतीक पुरुष है; एक वाक्य में कहें तो मानवतावादी और लोकरागी व्यक्तित्व है। बालगोबिन भगत भारत की जीवंत गंवई संस्कृति का नायक और उसका संवर्धन करने वाला जमीन से जुड़ा चरित्र है। कबीर के संतत्व में आस्था रखने वाला यह वह व्यक्ति है, जिसने ‘कबीरी ठाठ’ में अपना जीवन जिया है।jac board