Shivpujan Sahay | शिवपूजन सहाय परिचय | पाठ -1Ncert हिंदी क्लास 10 आज हम सभी विद्यार्थी इनकी जीवनी के बारे में कुछ जानकारी हासिल करेंगे जैसे उनका जन्म , शिक्षा, प्रमुख रचनाएँ , पुरुस्कार,अन्य छेत्र में उनकी भूमिका, जीवन यात्रा एवं मृत्यु आदि के बारे में पढ़ेंगे।तो चलिए शुरू करते है-
शिवपूजन सहाय कवि परिचय
जन्म : शिवपूजन सहाय का जन्म गाँव उनवाँस, ज़िला भोजपुर (बिहार) सन् 1893 में हुआ। उनके बचपन का नाम भोलानाथ था।
Shivpujan Sahay | शिवपूजन सहाय कवि का शिक्षा
दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद कुछ दिनों तक उन्होंने बनारस की अदालत में नकलनवीस की नौकरी की। बाद में वे हिंदी के अध्यापक बन गए।
असहयोग आंदोलन से प्रभावित होकर उन्होंने सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। शिवपूजन सहाय अपने समय के लेखकों में बहुत सम्मानित और लोकप्रिय व्यक्ति थे।
शिवपूजन सहाय के द्वारा पत्रिकाओं का संपादन
- माधुरी,
- बालक,
- जागरण,
- हिमालय आदि
कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं का संपादन किया जो ऊपर दिया गया है। शिवपूजन सहाय का यह भी कहना है कि भारत की साधारण से साधारण जनता तक पहुँचने के लिए दैनिक पत्र ही एक सर्वोत्तम साधन माना जा सकताम हैं। देश दुनिया के समाचारों के साथ भाषा और साहित्य का संदेश भी दैनिक पत्रों द्वारा वह आसानी से जनता तक पहुँचा सकते थे , औरअभी तक पहुँचाते आये हैं साथ ही वे हिंदी की प्रतिष्ठित पत्रिका मतवाला के भी संपादक-मंडल रह चुके है शिवपूजन सहाय को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सन 1960 ई. में ‘पद्मभूषण ‘ से सम्मानित किया गया था। सन् 1963 में उनका देहांत हो गया।
शिवपूजन सहाय का प्रमुख रचनाएँ
वे मुख्यतः गद्य के लेखक थे।
- देहाती दुनिया,
- वे दिन वे लोग,
- ग्राम सुधार,
- स्मृतिशेष
- बिम्ब:प्रतिबिम्ब
- मेरा जीवन
- हिन्दी भाषा और साहित्य
- विभूतिआदि Jac board
उनकी दर्जन भर गद्य-कृतियाँ प्रमुख हुई हैं। शिवपूजन रचनावली के चार खंडों में उनकी संपूर्ण
रचनाएँ प्रकाशित हैं। उनकी भाषा में लोकजीवन एवं लोकसंस्कृति के प्रसंग सहज मिल जाते हैं।