काम आराम और जीवन पाठ 6 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के उत्तर NCERT Solution For Class 10th के सामाजिक विज्ञान यानी इतिहास के पाठ 6 से संबंधित सभी महत्वपूर्ण दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का उत्तर इस ब्लॉग में आप सभी विद्यार्थियों को अध्ययन करने के लिए मिलेगा जिसमें विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए सरल भाषा में सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर कवर किया गया है जो आने वाली परीक्षाओं के लिए उपयोगी साबित होगी
काम आराम और जीवन पाठ 6 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के उत्तर NCERT Solution For Class 10th
- काम आराम और जीवन पाठ 6 अति लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
- काम आराम और जीवन पाठ 6 लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
- काम आराम और जीवन पाठ 6 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
1 लोगों को मनोरंजन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए इंग्लैंड में उन्नीसवीं सदी में मनोरंजन के कौन-कौन से साधन सामने आए ?
उत्तर-19 वीं शताब्दी में मनोरंजन के नए-नए साधन- विश्व के अन्य भागों की तरह इंग्लैंड के लोगों ने भी मनोरंजन के नए-नए ढंग खोज निकाले-
(क) अमीर लंदनवासियों के लिए एक वार्षिक उत्सव होता था जिसे लंदन सीजन कहा जाता था जहाँ लोगों के मनोरंजन के लिए आपेरा, रंगमंच और संगीत आदि के कई सांस्कृतिक आयोजन किए जाते थे।
(ख) कामगार श्रेणी के लोग अपना खाली समय पब या शराबखानों में बिताते थे। जहाँ ये गये भी मारते थे और ताजा खबरों पर टीका-टिप्पणी भी करते थे।
(ग) 19 वीं शताब्दी में पहुँचते-पहुँचते उपरोक्त मनोरंजन के साधनों के साथ-साथ लोग नए खुलने वाले पुस्तकालयों, कला-केन्द्रों और संग्रहालयों में भी रुचि लेने लगे और आनन्द उठाने लगे।
(घ) बीसवीं शताब्दी तक पहुँचते-पहुँचते सिनेमा भी लोगों के मनोरंजन का एक बड़ा साधन बन गया।
(ड़) लोग छुट्टी के दिन समुद्र किनारे जाकर धूप और स्वच्छ हवा का भी आनन्द उठाने लगे।
(च) घोडागाड़ियों भी लोगों के मनोरंजन का एक साधन बन गई जब लोग अपने परिवारों सहित उसमें सैर करने लगे।
काम आराम और जीवन कक्षा 10 इतिहास नोट्स. काम आराम और जीवन नोट्स.
2 सरकारी नियमन और नए कानूनों ने प्रदूषण की समस्या को किस हद तक हल किया? निम्नांकित के स्तर में परिवर्तन के लिए बने कानूनों की सफलता और विफलता का एक-एक उदाहरण दें-
(क) सार्वजनिक जीवन। (ख) निजी जीवन।
उत्तर-प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए विभिन्न सरकारी नियम और कानून- लंदन में रोटी की तलाश में आने वाले कामगारों और मजदूरों ने वहाँ सफाई और स्वास्थ्य सम्बन्धी अनेक समस्याएँ पैदा कर दी। विवश होकर सरकार और प्राइवेट फर्मों द्वारा सार्वजनिक जीवन और निजी जीवन को सुधारने हेतु कई कदम उठाए जिनमें से मुख्य निम्नांकित हैं-
(क) सार्वजनिक जीवन में सुधार लाने के लिए उठाए गए कदम-
(i)भीड़ भरी बस्तियों की भीड़ को कम करने, खुले स्थानों को हरा-भरा बनाने और शहर को योजनानुसार बसाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए।
(ii) प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान मकानों की भारी कमी को पूरा करने के लिए किराया नियंत्रण कानून लागू किया गया।
(iii) विभिन्न वास्तुकारों और योजनाकारों ने जैसे- एवेनेजर हाबर्ड, रेमंड उनविन, बैरी पार्कर ने गार्डन सिटी का डिजाइन तैयार किया जिसमें पेड़-पौधों की भरमार हो, साझा बाग-बगीचे हों और खूबसूरत नजारों की व्यवस्था हो।
(ख) निजी जीवन में सुधार लाने के लिए उठाए गए कदम- विश्वयुद्धों के मध्य (1919-1939) मजदूर वर्ग के आवास के लिए सरकार ने कोई 10 लाखं मकान बनाए जिनमें अधिकतर एक परिवार के रहने लायक छोटे मकान थे।
इन नए नियमों और कानूनों की सफलता और विफलता-
प्रदूषण में सुधार के इन सारे नियमों का अधिकतर लाभ समृद्ध व अमीर वर्ग को ही हुआ। जिनके मकान काफी रोशनी वाले और हवादार होते थे। वे छुट्टी के दिनों में शहर से बाहर छुट्टी-गृहों में भी जाकर रह सकते थे परन्तु निर्धन लोगों को तंग मकानों के अतिरिक्त शहर के प्रदूषण को शहर में ही रहकर बर्दाश्त करना पड़ता था।
3 उन्नीसवीं सदी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि क्यों हुई?
उत्तर-19 वीं सदी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि के कारण-19 वीं सदी में बंबई भारत का एक प्रमुख शहर था। इसकी आबादी जो 1872 में कोई 6,44,405 थी यह 1941 में बढ़कर 15,00,000 तक पहुंच गई।
(क) जब 1819 में बंबई को बंबई प्रेसीडेंसी की राजधानी बना दिया गया तो हर राजधानी की तरह बंबई की आबादी का बदना स्वाभाविक ही था।
(ख) कपास और अफीम के बढ़ते व्यापार के चलते अनेक व्यापारियों और महाजनों के साथ-साथ अनेक दुकानदार और कारीगर लोग भी एक बड़ी मात्रा में बंबई आकर बसने लगे।
(ग) बंबई में जैसे-जैसे कपड़ा मिलों की गिनती बढ़ती गई वैसे-वैसे आसपास के इलाकों से काम करने वाले मजदूर पहायड बबई आने लगे। पहला कपड़ा मिल 1854 ई० में बंबई में स्थापित की गई थी परन्तु 1915 ई० में उनकी संख्या 85 तक पहुंच गई। हर नई कपड़ा मिल का अर्थ था सैकड़ों नहीं हजारों नए मजदूरों का बबई आगमन ।
(घ) बबई की बंदरगाह पश्चिमी तट पर स्थित होने के कारण पश्चिमी देशों अफ्रीका और यूरोप के देशों के सबसे निकट है इसलिए बंबई समुद्री व्यापार का सबसे मुख्य केन्द्र बना रहा। इन सामुद्रिक गतिविधियों के कारण भी बंबई की आबादी में काफी वृद्धि हुई।
(ज) बंबई में भारत के सबसे पहले रेलवे का आगमन हुआ इसलिए प्रवासी मजदूरों का इस शहर में आना काफी आसान हो गया. इसके परिणाम स्वरूप जनसंख्या में वृद्धि हुआ।
(च) 1888-1889 में कच्छ के सूखे इलाके में अकाल पड़ जाने के कारण बहुत से लोग बंबई आ गए।
(छ) जब 20 वीं शताब्दी के शुरू में बंबई फिल्म निर्माण का महत्त्वपूर्ण केन्द्र बन गया तो इस मायानगरी ने बहुत से लेखकों और कलाकारों को अपनी ओर आकर्षित किया।
4 पेरिस के हॉसमानीकरण का क्या अर्थ है ? इस तरह के विकास को आप किस हद तक सही या गलत मानते हैं ?
उत्तर-पेरिस के हॉसमानीकरण का अर्थ-1852 ई० में लुई नेपोलियन-II के सम्राट बनने के बाद पेरिस के पुनर्निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया। उसने इसके लिए प्रसिद्ध वास्तुकार बैरॉन हॉसमान को नियुक्त किया। हॉसमान द्वारा प्रस्तावित पेरिस नगर की योजना को पेरिस के हॉसमानीकरण के नाम से जाना जाता है।
पेरिस के हॉसमानीकरण के विरोध में दिए जाने वाले तर्क
(क) कुछ ने इस बात का विरोध किया कि पेरिस के पुननिर्माण के कारण कोई 3,50,000 लोगों को उखाड़ फेंका गया।
(ख) कुछ सम्पन्न लोगों का भी यह मानना था कि पुराने शहर को दानवी ढंग से बदल दिया गया है।
(ग) जबकि कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने पुरानी शैली के खत्म हो जाने और एक उज्यावर्गीय संस्कृति स्थापित हो जाने पर गहरा दुख व्यक्त किया।
(क) Tv अन्य के अनुसार हॉसमान ने एक जैसे दिखने वाले बुलेवडर्स और छज्जो से भरा सुनसान, उदास शहर बनाने के लिए सड़क के जीवन और सड़कों को मार डाला है।
पेरिस के हाँसमानीकरण के पक्ष में दिए जाने वाले तर्क
(क) विश्व भर में पेरिस शहर की नई रूपरेखा की प्रशंसा की गई। राजधानी के रूप में पेरिस पूरे यूरोप में ईष्या और प्रशंसा का विषय बन गया।
(ख) पेरिस शहर की नवीन वस्तु-शिल्प तथा सामाजिक एवं बौद्धिक प्रयोग ने न सिर्फ यूरोप बल्कि सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित किया।JAC