जाति व्यवस्था की चुनौतियाँ पाठ 9 दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर, Ncert Solution For Class 8th history के इस post में आप सभी विद्यार्थियों का स्वागत है, इस post के माध्यम से पाठ से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर एवं वस्तुनिष्ठ प्रश्न के उत्तर को कवर किया गया है, जो विद्यार्थी के लिए काफी महत्वपूर्ण है, इस तरह के प्रश्न पिछले कई Exams में भी पूछे जा चुके हैं, उन सभी प्रश्नों को इस पोस्ट पर कवर किया गया है, इसलिए इस पोस्ट को जरूर पूरा पढ़ें तो चलिए शुरू करते हैं-
जाति व्यवस्था की चुनौतियाँ पाठ 9 दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर, Ncert Solution For Class 8th history
जाति व्यवस्था की चुनौतियाँ पाठ 9 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
जाति व्यवस्था की चुनौतियाँ पाठ 9 उत्तरीय प्रश्नोत्तर
जाति व्यवस्था की चुनौतियाँ पाठ 9 दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1 पाश्चात्य शिक्षा ने जातिगत विचारों को कम करने में अहम भूमिका निभाई। क्या आप इससे सहमत हैं?
उत्तर-भारत में अंग्रेजी शिक्षा का लाभ बहुत कम लोगों को मिला। मगर पाश्चात्य जगत के कुछ उच्च विचारों का और आधुनिक विज्ञान भारत में लाने में इस शिक्षा ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
शिक्षित भारतीय भी दुनिया के अन्य भागों के राष्ट्रीयता तथा जनमत के आंदोलनों से और बाद में समाजवाद के आंदोलन से परिचित हुए। वास्तव में जातीय समानता के प्रति जागृति के लिए शुरू हुए इन आंदोलनों ने आधुनिक भारत के निर्माण की आधारशिला रखी।
धार्मिक और सामाजिक जीवन के कुछ पहलुओं में सुधार के साथ शुरू हुई यह जागृति कालांतर में देश के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक तथा राजनीतिक जीवन में फैली। इस प्रकार मैं इस बात से सहमत हूँ कि पाश्चात्य शिक्षा में जातिगत विचारों को कम करने में अहम भूमिका निभाई।
2 डॉ० अम्बेडकर ने मंदिरों में प्रवेश का आंदोलन क्यों चलाया?
उत्तर-महान दलित नेता डॉ० भीमराव अम्बेडकर का जन्म बम्बई (महाराष्ट्र) के एक महार परिवार में हुआ था। महार को निम्न जाति माना जाता था। अम्बेडकर ने दैनिक जीवन में जातीय
भेदभाव को करीब से देखा था। बम्बई प्रेसीडेंसी में अछूतों को सरकारी स्कूलों में घुसने नहीं दिया जाता था।
विरोध जताने पर उन्हें कक्षा के बाहर बरामदे में बैठकर सबक सुनने की इजाजत दे दी गई ताकि वे कमरे को दूषित न कर सके जहाँ ऊँची जाति के लड़कों को पढ़ाया जाता था। उन्हें सवर्ण बच्चों द्वारा इस्तेमाल किये जानेवाले नलकों से पानी पीने की इजाजत नहीं थी।
स्कूली शिक्षा के बाद अम्बेडकर उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चले गये। वापस आने पर उन्होंने जातीय संरचना के खिलाफ काफी लिखा। 1927 ई० में उन्होंने मंदिर प्रवेश आंदोलन की शुरुआत की। जिसमें महार जाति के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
ब्राह्मण पुजारियों ने इस बात पर सख्त नाराजगी जतायी कि दलित भी मंदिर के जलाशय का पानी इस्तेमाल कर रहे हैं। 1927 से 1935 के बीच अम्बेडकर ने मंदिरों में प्रवेश के तीन आंदोलन किये। इसके माध्यम से उन्होंने समाज में व्याप्त जातीय पूर्वाग्रहों को उजागर करने का प्रयास किया।
3 सैय्यद अहमद खान ने मुसलमानों के मध्य आधुनिक शिक्षा प्रसार हेतु क्या-क्या कदम उठाये थे ?
उत्तर- सैय्यद अहमद खान द्वारा मुसलमानों के मध्य आधुनिक शिक्षा प्रसार हेतु उठाये गए कदम-
(क) सर सैय्यद अहमद खान ने सन् 1862 ई० में साइंटिफिक सोसाइटी की स्थापना की थी। इस संस्था के माध्यम से उन्होंने आधुनिक विज्ञान संबंधी सभी रचनाओं को उर्दू में अनुवाद कराया, प्रकाशित किया ताकि लोग आधुनिक विज्ञान से परिचित हो सके।
(ख) उन्होंने 1875 में अलीगढ़ में मोहम्मडन एंग्लो-ओरियंटल कॉलेज की स्थापना की। यह संस्था मुसलमानों के लिए नये विचार तथा चेतना जागृत करने वाली, अंकुरित करने वाली भूमि हो गयी। बाद में यही संस्था अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रूप में विख्यात हुई।
(ग) सैय्यद अहमद खान ने अनेक मदरसे स्थापित किये तथा साप्ताहिक पत्रिकाएँ उर्दू तथा अंग्रेजी भाषा में निकाली।JAC Board