जलवायु पाठ 4 लघु उत्तरीय प्रश्न | NCERT Solution For Class 9th Geography

जलवायु पाठ 4 लघु उत्तरीय प्रश्न, NCERT Solution For Class 9th Geography के इस ब्लॉग पोस्ट में आप सभी विद्यार्थियों का स्वागत है ,इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी को इस पाठ से जुड़ी जितने भी महत्वपूर्ण परीक्षा उपयोगी प्रश्न है , जो की पिछले कई परीक्षाओं में पूछे जा चुके है उन सभी सवलों के जवाब आपको इस ब्लॉग पोस्ट पर पढ़ने को मिलेगा , इसलिए इस पोस्ट को जरूर पढ़ें –

जलवायु पाठ 4 लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर , Ncert Solution Class 9th

1 जेट धाराएँ क्या हैं तथा वे किस प्रकार भारत की जलवायु को प्रभावित करती है?
उत्तर-ये एक स्थिर गति से तेज चलने वाली पवनें होती हैं, जो ऊपरी वायुमंडल के एक संकरे क्षेत्र में चलती हैं। इन्हें जेट धाराएँ (लहरें) कहते हैं।

पछुआ जेट लहरों की दक्षिणी शाखा हिमालय के दक्षिण में पूर्व दिशा की ओर बहती हैं। ये भारत में सर्दी के मौसम पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं।

गर्मी के मौसम में पूर्वी जेट लहरें उत्तरी भारत पर 25° उत्तर के साथ बहती हैं। ये पूरे भारत पर मानसूनी वर्षा का वितरण करने में सहायता करती हैं।

2 मानसून को परिभाषित करें। मानसून में विराम से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-मानसून वस्तुतः जलपूरित और जलवर्षक पवनें हैं। समुद्री मार्गों से भारत में व्यापार करने आए अरब देश के व्यापारियों ने अपनी अरबी भाषा में इसको मौसिम कहा अतः यह अरबी भाषा से व्युत्पन्न शब्द है। इसका अर्थ है- ऋतु।

इस कारण हम यह कह सकते हैं कि ऋतु अनुसार पवनों की दिशा विपर्यय ही मानसून है।

मानसून विराम- एक बार में केवल कुछ दिन वर्षा का होना मानसून विराम कहलाता है। संक्षेप में, वर्षा का मध्यावकाश ही मानसून विराम है। इसका संबंध मानसून द्रोणी से रहता है।

3 मानसून को एक सूत्र में बाँधने वाला क्यों समझा जाता है ?
उत्तर-एकता में आबद्ध करने वाला बंध” वाक्यांश से किसी एक चीज की अन्य चीज के साथ संसक्ति या जुड़ाव का संकेत मिलता है। भारत के साथ मानसून के जुड़ाव मामले में भी ऐसी ही दशाएँ बनती हैं।

उत्तर की ओर से प्रवाहित ठंडी पवनें भारत में प्रवेश नहीं कर पातीं क्योंकि इन्हें रोकने वाला प्राकृतिक अवरोधक हिमालय उत्तरी भाग में खड़ा है।

भारत से बाहर के अन्य देशों में ठीक इसी अक्षांश की अवस्थिति पर कड़ाके की ठंड पड़ती है। इसी तरह भारत का प्रायद्वीपीय पठार तीन ओर सागरों से घिरा हुआ है। यह व्यवस्था भी भारत में सामान्य तापमान बनाए रखती है।

पुनः ऋतु चक्र अनुसार वायु दिशा का
विपर्यय भारत को ऋतुओं का एक लयबद्ध चक्र प्रदान करता है। भारत के लोकगीत, ग्राम्य गीत, रहन-सहन, पहनावा तथा भोजन की आदतें आदि सभी कुछ मानसून के साथ जुड़ा है।

इस आधार पर हम कह सकते हैं कि भारत में मानसून एक एकता में आवद्ध करने वाले सूत्र या बंधन जैसा है।

जलवायु पाठ 4 (कक्षा नवीं), NCERT Solutions, सामाजिक विज्ञान

4 भारत की अधिकांश वर्षा केवल कुछ महीनों में ही होती है क्यों ?
उत्तर-भारत की अधिकांश वर्षा केवल कुछ महीनों में ही होती हैं इसके निम्नांकित कारण है-

(क) उत्तरी पश्चिमी भारत में ग्रीष्म काल का निम्न वायुदाब केन्द्र 15 जून तक अपने चर्मोत्कर्ष पर पहुँच जाता है।

(ख) एक जून को लगभग भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून प्रवेश कर जाता है तथा इस निम्न वायुदाब क्षेत्र तक पहुँचने में इसको एक महीने का समय लगता है।

(ग) जून, जुलाई. अगस्त तथा सितम्बर में सारे देश में वर्षा हो जाती है तथा उत्तरी पश्चिमी भारत का निम्न वायुदाब क्षेत्र धीरे-धीरे समाप्त होने लगता है और उसका स्थान उच्च वायुदाब क्षेत्र लेने लगता है। अतः वर्षा का होना कम हो जाता है।

5 भारतीय उपमहाद्वीप में पवनों की दिशा ऋतुवत विपरीत होती है। क्यों
उत्तर-भारतीय उपमहाद्वीप में पवनों की दिशा ऋतुवत विपरीत होती है इसके निम्नांकित कारण है-
(क) ग्रीष्मकाल में उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप अत्यधिक गर्मी की चपेट में आ जाता है। इससे यहाँ की वायु गर्म होकर ऊपर उठ जाती है और यहाँ निम्न वायुदाब का केन्द्र बन जाता है।

अतः जल क्षेत्रों से जहाँ इस समय उच्च वायुदाब होता है, पवनें निम्न वायुदाब की ओर चलती हैं। अतः इस समय पवनों की दिशा जल से थल की ओर होती है।

(ख) सर्दी के दिनों में पूरा उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप में उच्च वायुदाब का केन्द्र बन जाता है। इसके विपरीत जल भाग (अरब सागर, बंगाल की खाड़ी तथा हिन्द महासागर) पर इस समय निम्न वायुदाब रहता है। अतः पवनें स्थल से जल की ओर चलती है।

6 तमिलनाडु तट पर जाड़े में वर्षा होती है क्यों ?
उत्तर-तमिलनाडु तट पर जाड़े में वर्षा होने के कारण निम्नांकित हैं-
(क) तमिलनाडु तट दक्षिण-पश्चिम मानसून के वृष्टिछाया क्षेत्र में पड़ने के कारण गर्मी में वर्षा नहीं प्राप्त करता।

(ख) जाड़े में तमिलनाडु तट उत्तरी पूर्वी पवनों के प्रभाव क्षेत्र में पड़ता है। ये पवनें शुष्क होती हैं।

(ग) जिस समय उत्तरी-पूर्वी पवनें बंगाल की खाड़ी के ऊपर से गुजरती हैं, तो ये नमी ग्रहण कर लेती है।

(घ) जब ये पवनें तमिलनाडु तट पर पहुँचती हैं तो ऊपर उठकर संघनित हो जाती हैं तथा वर्षा करती हैं।

जलवायु पाठ 4 , NCERT Solutions for Class 9th भूगोल

7 राजस्थान, गुजरात तथा पश्चिमी घाट के वृष्टिछाया क्षेत्र सूखा से प्रभावित हैं। कारण स्पष्ट करें। उत्तर- राजस्थान, गुजरात तथा पश्चिमी घाट के वृष्टिछाया क्षेत्र सूखा से प्रभावित है। उसके कारण निम्नांकित हैं-

उत्तर-(क) राजस्थान, गुजरात तथा पश्चिमी घाट के वृष्टिछाया क्षेत्रों में बहुत कम वर्षा होती है।

(ख) इससे इन क्षेत्रों में पानी की माँग-पीने के लिए, कृषि की सिंचाई के लिए तथा अन्य कामों के लिए हर समय रहती है।

(ग) इन क्षेत्रों में शुष्कता, रेतीली भूमि तथा पथरीली भूमि होने के कारण नहरें तथा कुएँ खोदना सरल नहीं है। अतः इन क्षेत्रों में सिंचाई के साधन विकसित नहीं हैं।

(घ) अगर वर्षा न हो तो तुरन्त सूखे की स्थिति इन भागों में उत्पन्न हो जाती है।

8 दिल्ली में जोधपुर से अधिक वर्षा क्यों होती है ?
उत्तर-अरब सागर और बंगाल की खाड़ी वाली मानसून की शाखाएँ जब एक साथ भारत के पूर्वी पर्वतों की चोटियों (असम, मेघालय, त्रिपुरा) आदि के साथ टकराकर वर्षा करती हैं तो उनका रास्ता बदल जाता है अर्थात् पश्चिम की ओर मुड़ती हैं और उत्तरी मैदानों आदि में वर्षा करती हैं।

दिल्ली भी इन्हीं मैदानों के क्षेत्र में पड़ता है। यहाँ पर अरब सागर की एक मानसून शाखा भी पहुँचती है। यह अरावली पर्वतों के ऊपर से होकर दिल्ली में वर्षा करती हुई चंडीगढ़ और पश्चिमी जम्मू-कश्मीर की ओर बढ़ जाती है।

जोधपुर, राजस्थान के उस भाग में पड़ता है जहाँ अरावली पर्वतमाला मानसूनी पवनों को बिना रुकावट आगे बढ़ने देती है। इसी कारण यहाँ बहुत कम वर्षा हो पाती है।

9 भारत में ग्रीष्म ऋतु का वर्णन करें।
उत्तर-(क) भारत में ग्रीष्मकाल के महीने मार्च, अप्रैल, मई तथा जून हैं।

(ख) ग्रीष्म ऋतु में सारा उत्तर भारत तापमान तथा निम्न वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है।

(ग) इस ऋतु में देश के उत्तर-पश्चिमी भागों में शुष्क और गर्म पवनें चलती हैं। इन शुष्क तथा गर्म पवनों का स्थानीय नाम ‘लू’ है।

मई के महीने में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश में शाम के समय धूलभरी आँधियाँ चलती हैं। कभी-कभी आँधियों के बाद हल्की वर्षा हो जाती है, जिससे कष्टदायक गर्मी से छुटकारा मिल जाता है।

(घ) ग्रीष्म ऋतु के अंत में केरल तथा कर्नाटक के तटीय भागों में मानसून से पूर्व की वर्षा होती है, जिसका स्थानीय नाम आम्रवृष्टि है।

(ङ) इस समय दक्कन के पठार पर अपेक्षाकृत उच्चदाब होने के कारण, मानसून से पूर्व की वर्षा का क्षेत्र आगे नहीं बढ़ पाता है।

(च) इस ऋतु में बंगाल और असम में भी उत्तर-पश्चिमी तथा उत्तरी पवनों द्वारा वर्षा की तेज बौछारें पड़ती हैं।

10 मौसम और जलवायु में अंतर बताएँ।
उत्तर-मौसम- किसी स्थान तथा विशेष समय में वायुदाब, तापमान, आर्द्रता, वर्षण, मेघाच्छादन अथवा दृष्टि से वायुमंडल की दशाओं के स्वरूप को मौसम कहते हैं।

मौसम किसी भी समय परिवर्तित हो सकता है। जलवायु- किसी विशेष क्षेत्र में एक लम्बी अवधि सामान्यतः 30 वर्ष तक पाई जाने वाली मौसम की औसत अवस्था को जलवायु कहते हैं। JAC