जल संसाधन पाठ 3 के लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर | NCERT Solution For Class 10th Ch 3 Bhugol के इस अध्ययन में आप सभी विद्यार्थियों का स्वागत है, आज हम बात करने वाले हैं, इस बात से जुड़े महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्नों के बारे में, जो आगामी कई परीक्षाओं में इस तरह के सवाल पूछे गए हैं, उन्हीं सभी सवालों को इस ब्लॉग पर कवर किया गया है, आशा है आपको पढ़ने के बाद आने वाली परीक्षा की तैयारी करने में काफी मदद मिलेगी |
जल संसाधन पाठ 3 के लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर | NCERT Solution For Class 10th Ch 3 Bhugol
जल संसाधन पाठ-3 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
जल संसाधन पाठ-3 लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
जल संसाधन पाठ-3 अति लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
1 व्याख्या करें कि जल किस प्रकार नवीकरण योग्य संसाधन है।
उत्तर- नवीकरण योग्य संसाधन के होते है जिनका प्रयोग बार-बार किया जा सकता है। इस परिभाषा के अनुसार जल भी एक नवीकरण योग्य संसाधन है। पानी समुद्रों, नदियों, झीलों और खेतों आदि से वाष्प बनकर उड़ता रहता है।
आखिर में जाकर जब ये वाय उण्डे हो जाते हैं तो वे फिर वर्षा के रूप में पृथ्वी पर आ जाते हैं। यह जल-धक जल को एक नवीकरण योग्य संसाधन बना देता है। जिसका प्रयोग बार-बार किया जा सकता है।
2 जल दुर्लभता क्या है और इसके मुख्य कारण क्या हैं ?
उतर- जल यद्यपि प्रकृति का असमाप्त होने वाला उपहार है फिर भी असमान वितरण, अत्यधिक मांग एवं दुरुपयोग के कारण जल-स्तर लगातार नीचे जा रहा है तथा जल दुर्लभ होता जा रहा है। जल की कमी की इस समस्या को जल दुर्लभता कहते है।
जल दुर्लभता के कारण-
(क) संसार भर में जितना पानी उपलब्ध है उसका 2.5% ही मीठे पानी का है। इस भीले जल का कोई 70% भाग पहाड़ों पर बर्फ के रूप में पाया जाता है। इस प्रकार मीठे और स्वच्छ पानी की मात्रा बहुत कम रह जाती है।
(ख) निरन्तर बढ़ रही जनसंख्या के कारण भी प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता निरन्तर कम होती जा रही है।
(ग) जब हम खेती के लिए सिंचाई की आवश्यकता से अधिक प्रयोग करते हैं तो भी पानी की कमी हो जाती है।
(घ) नित्य प्रति बढ़ने वाले उद्योगों के कारण भी पानी की कमी हो जाती है। कई उद्योगों (जैसे- कागज उद्योग, इस्पात उद्योग आदि) में पानी की बड़ी खपत हो जाती है।
(ङ) शहरों के निरन्तर बढ़ने से भी पानी की आवश्यकता बहुत बढ़ जाती है, जिसके कारण पानी की कमी हो जाती है।
जल संसाधन पूर्ण अध्याय कक्षा 10 भूगोल Ncert Solution
3 राजस्थान के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जाता है ? ख्याख्या करें।
उतर-राजस्थान का एक बड़ा भाग मरुस्थल है इसलिए यहाँ पानी का अभाव सदा ही एक समस्या बना रहा है। इस तथ्य को सामने रखते हुए वहाँ के विभिन्न शासकों में अनेक प्रकार के जलाशयों का निर्माण करके इस समस्या को दूर करने का प्रयत्न किया।
आज भी बहुत से जलाशय हमें राजस्थान के विभिन्न भागों में देखने को मिल जाते हैं। राजस्थान में कुछ मानव निर्मित झीलें और सरोवर इस प्रकार हैं-
नयी शताब्दी में परमार राजा भोज द्वारा निर्मित भोपाल ताल, उदयपुर में पिछौला और उदय सागर, जैसलमेर में गडसीसर, अजमेर में अनासागर, जयपुर के निकट जयगढ़ का किला जल संगहण तथा अभियांत्रिकी का उत्तम नमूना प्रस्तुत करता है। ये प्रयत्न समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और हमारी विरासत का एक महत्त्वपूर्ण पहलू हैं।
पानी की कमी को पूरा करने के लिए राजस्थान में अनेक बावलियों (सीढ़ियों वाले कुंओं) का निर्माण किया गया।
4 जल संसाधन से क्या समझते हैं ? इससे होने वाले लाभ लिखें।
उत्तर-पृथ्वी पर प्राप्त जल का वह भाग जिसका उपयोग मानव के द्वारा किसी-न-किसी रूप में किया जाता है जल संसाधन कहलाता है।
इससे होने वाले लाभ-
(क) कृषि में सिंचाई के लिए.
(ख) पीने और घरेलू कार्यों में,
(ग) औद्योगिक उद्देश्यों की पूर्ति में,
(घ) सभी प्रकार के गंदगी के निपटान के लिए।
5 जल संरक्षण के विभिन्न उपाय बताएँ।
उत्तर-जल संरक्षण के उपाय- जल का प्रयोग बड़े ध्यान से करना चाहिए और इसके महत्व को समझना चाहिए।
(क) जल को संशोधित करके इसे बार-बार प्रयोग में लाया जा सकता है।
(ख) वर्षा के दिनों में जो जल व्यर्थ में बहकर समुद्र में चला जाता है उसे नहरें खोदकर सिंचाई के रूप में प्रयोग में लाया जा सकता है।
(ग) बड़े-बड़े गहरे तालाब बनाकर इस पानी को एकत्रित किया जा सकता है और गर्मी के महीनों में जल का प्रयोग सिंचाई अथवा अन्य कार्यों में किया जा सकता है।
(घ) पानी का संरक्षण करके हम अधिक उपज पैदा कर सकते हैं और अधिक बिजली पैदा करके हम कोयले और तेल जैसे अनापूर्ति स्रोतों को बचा सकते हैं। जल प्रकृति की महान देन है इसलिए इसका उपयोग बड़ी समझदारी से करना चाहिए।
जल संसाधन पाठ 3 पठन सामग्री और नोट्स (Notes) भूगोल (jal sansaadhan) Bhugol Class 10th
6 जीवन में जल के महत्व का वर्णन करें।
उत्तर-जीवन में जल के महत्व निम्नांकित हैं-
(क) जल मनुष्यों, पौधों और जन्तुओं के अस्तित्व तथा विकास के लिए आवश्यक है।
(ख) जल समुद्री मार्ग के रूप में यातायात का महत्त्वपूर्ण साधन होता है।
(ग) जल सिंचाई का साधन होता है।
(घ) जल मनुष्य को पीने, खाना बनाने, कपड़े धोने तथा अन्य घरेलू कार्यों के लिए उपयोग में लाए जाते हैं।
(ङ) जल से जलविद्युत बनाई जाती है।
7 वर्षा जल संग्रहण के उद्देश्य क्या हैं ?
उत्तर-वर्षा जल संग्रहण के उद्देश्य-
(क) जल की बढ़ती मांग को पूरा करना,
(ख) धरातल पर बहते जल की मात्रा को कम करना,
(ग) सड़कों को जल भराव से बचाना,
(घ) भौम जल को इक्ट्ठा करने की क्षमता तथा जलस्तर को बढ़ाना,
(ड) भौम जल प्रदूषण को घटाना,
(च) भौम जल की गुणवत्ता को बढ़ाना,
(छ) ग्रीष्म ऋतु तथा लंबी शुष्क अवधि में जल की घरेलू आवश्यकता को पूरा करना।
NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 3- जल संसाधन भूगोल
8 वर्षा जल-संग्रहण के लाभों को लिखें।
उत्तर-वर्षा जल-संग्रहण के लाभ-
(क) इसे साफ करके स्थानीय लोगों की पानी पीने की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है।
(ख) इस पानी को वर्षा के कम होने या न होने के समय खेतों की सिंचाई करने के लिए भी प्रयोग में लाया जा सकता है।
(ग) इस पानी का एक लाभ यह भी होता है कि धरातल के नीचे पानी का स्तर ऊँचा रहता है जिससे कुओं और नल-कूपों द्वारा पानी बाहर निकाल कर प्रयोग में लाया जा सकता है।
(घ) इस ढंग से जल संग्रहण के परिणामस्वरूप शहरों में गन्दे जल की निकास व्यवस्था पर भी इतना बोझा नहीं पड़ता।
जब वर्षा जल-संग्रहण के इतने लाभ हैं तो लोगों को विशेषकर ग्रामीण लोगों को इससे पूरा-पूरा लाभ उठाना चाहिए। एक अनुमान के अनुसार हमारा एक साधारण गाँव कोई 340 हैक्टेयर भूमि पर 3.75 बिलियन लिटर पानी को एकत्रित कर सकता है और सूखे की स्थिति और दुर्भिक्ष की स्थिति से बच सकता है।
जल संसाधन पाठ 3 notes
9 बाँध क्या है? वे जल के संरक्षण एवं प्रबंधन में कैसे सहायक है ?
उत्तर-बाँध सामान्य रूप से एक जलाशय है। इसका निर्माण बहते जल को रोकने, जल की दिशा बदलने आदि के लिए किया जाता है।
बाँध में एक ढलवाँ हिस्सा होता है जिससे होकर जल प्रवाहित होता है। बाँध का निर्माण नदियों पर किया जाता है तथा वर्षा जल को निचले मैदानी क्षेत्र में एकत्रित कर लिया जाता है। इस एकत्रित जल को नहरों के माध्यम से खेतों तक पहुँचाया जाता है। इस प्रकार बाँध जल संरक्षण एवं प्रबंधन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्राचीन भारत में कलिंग (उड़ीसा). नागार्जुन कोंडा (आंध्रप्रदेश), वेन्नूर (कर्नाटक) आदि स्थानों पर बाँधों का अस्तित्व था। आधुनिक काल में महानदी पर हीराकुंड परियोजना, सतलज नदी पर भाखड़ा परियोजना, कोसी नदी पर कोसी परियोजना आदि प्रमुख बाँधे हैं।
10 बहु-उद्देशीय नदी घाटी परियोजना किसे कहते है ? नदी घाटी परियोजना द्वारा पूरित किन्हीं दो उद्देश्यों का उल्लेख करें।JAC Board
उत्तर-बहु-उद्देशीय नदी घाटी परियोजना का अर्थ एक एकीकृत रूप में नदी घाटी से सम्बन्धित अनेक समस्याओं को हल करना है।
नदी घाटी परियोजना के उद्देश्य-
(क) बाढ़ रोकना.
(ख) भू-अपरदन रोकना.
(ग) सिंचाई के लिए जल प्रदान करना.
(घ) पेय-उद्देश्यों के लिए।