चुनावी राजनीति पाठ 4 लघु उतरीय प्रश्न Ncert Solution For Class 9th Civics, के इस ब्लॉग पोस्ट में आप सभी विद्यार्थियों का स्वागत है, इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी को पाठ से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न का उत्तर पढ़ने के लिए मिलेगा जोकि पिछले कई परीक्षाओं में पूछे जा चुके हैं, और उम्मीद है, आने वाले परीक्षा में भी इस तरह के प्रश्न पूछे जा सकते हैं ,यदि आप इस ब्लॉग पर है, तो कृपया करके इन सभी प्रश्नों के उत्तर को ध्यान से पढ़ें जिसे आप की परीक्षा की तैयारी और भी अच्छी हो जाएगी।
चुनावी राजनीति पाठ 4 लघु उतरीय प्रश्न के उत्तर Ncert Solution For Class 9th Civics
चुनावी राजनीति पाठ 4 अति लघु उतरीय प्रश्न के उत्तर
चुनावी राजनीति पाठ 4 लघु उतरीय प्रश्न के उत्तर
चुनावी राजनीति पाठ 4 दीर्घ उतरीय प्रश्न के उत्तर
1 गुलबर्गा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की सीमा और गुलबर्गा जिले की सीमा में अंतर क्यों है?
उत्तर-गुलबर्गा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र तथा जिले की सीमा एक जैसी नहीं है क्योंकि-
(क) संपूर्ण कर्नाटक राज्य आबादी के अनुसार समान लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित है।
(ख) संपूर्ण गुलबर्गा जिले की आबादी राज्य के प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र के लिए निर्धारित आबादी से अधिक है।
2 मतदान केंद्रों और मतगणना केंद्रों पर पार्टी या उम्मीदवार के एजेंट क्यों मौजूद होते हैं ?
उत्तर-मतदान केंद्रों तथा मतगणना केंद्रों पर विभिन्न पार्टियों के एजेंट मौजूद रहते हैं, क्योंकि
(क) किसी पार्टी अथवा मतदाता द्वारा मतदान के दौरान किए जाने वाले किसी धांधली को रोका जा सकता है।
(ख) मतगणना के दौरान मतकेंद्र पर होने वाली किसी भी तरह की अनियमितता पर नजर रखना तथा उसे संबंधित अधिकारियों के सामने लाया जा सकता है।
3 ‘गुप्त मतदान’ से आप क्या समझते हैं ? इसके लाभ बताएँ।
उत्तर-गुप्त मतदान ऐसी व्यवस्था है जिसके अन्तर्गत कोई अन्य व्यक्ति यह नहीं जान सकता है कि कोई व्यक्ति किसे मत दे रहा है।
लाभ-
(क) गुप्त मतदान की व्यवस्था से मतदाता निर्भय होकर मत का प्रयोग करता
(ख) इस व्यवस्था को अपनाने से आपसी द्वेष से छुटकारा मिलता है।
(ग) इससे मतदान का प्रतिशत भी बढ़ता है क्योंकि मतदाता प्रत्याशियों के समक्ष अपना निर्णय लेने में हिचकता है।
(घ) गुप्त मतदान निष्पक्ष चुनाव में सहायक होता है।
4 लोकतंत्र चुनाव कराने की आवश्यकता क्यों रहती है ?
उत्तर-किसी लोकतंत्र के लिए एक ऐसी व्यवस्था अपेक्षित होती है जिसके द्वारा जनता नियमित समयांतराल में अपने प्रतिनिधियों को चुन सकती है तथा यदि चाहे तो उनको बदल भी सकती है। यह व्यवस्था चुनाव कहलाती है। इसलिए प्रतिनिधि लोकतंत्र में चुनावों को आवश्यक समझा जाता है। चुनाव में मतदाता बहुत से विकल्प बना सकते हैं
(क) वे अपने लिए कानूनों को बनाने वाले का चयन कर सकते हैं।
(ख) वे सरकार बनाने और मुख्य फैसलों को लेने वाले को चुन सकते हैं।
(ग) वे उस दल को चुन सकते हैं जिसकी नीतियाँ सरकार और कानून निर्माण में मार्गदर्शक बनेंगी।
चुनावी राजनीति पाठ 4 NCERT Solutions for Class 9th
5 क्या हम यह कह सकते हैं कि भारत के चुनाव लोकतांत्रिक हैं ?
उत्तर-(क) विधान सभा और लोकसभा के चुनाव पाँच वर्ष के समयांतराल से आयोजित किए जाते हैं। पाँच वर्ष बाद चुने गए सभी प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो जाता है। लोकसभा या विधानसभा भंग हो जाती
(ख) सभी निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव एक ही समय में कराये जाते हैं- उसी दिन या फिर कुछ दिन के भीतर। इसको आम चुनाव कहा जाता है। कभी-कभी चुनाव एक सदस्य के त्यागपत्र देने या उसकी मृत्यु होने के कारण केवल एक निर्वाचन क्षेत्र में कराए जाते हैं। इसको मध्यावधि चुनाव कहा जाता
6 प्रत्याशियों का नामांकन क्या है ?
उत्तर-लोकतांत्रिक चुनाव में लोगों की वास्तविक या निष्पक्ष पसंद रहनी आवश्यक है। ऐसा उस दशा में ही सम्भव है। जब चुनाव लड़ने के लिए किसी तरह के प्रतिबंध न रहें। यही व्यवस्था हमारे देश में है।
प्रत्येक मतदाता जो पच्चीस वर्ष की आयु का है चुनाव लड़ सकता है। मताधिकार के लिए यह आयु अट्ठारह वर्ष निश्चित की गई है। अपराधियों और अस्थिर मतःस्थिति के लोगों पर अन्य प्रतिबंध लगाए गए हैं लेकिन ऐसा विरल मामलों में ही है।
राजनैतिक दल अपने प्रत्याशी चुनते हैं और उन्हें अपने दल के प्रतीक चिह्नों को देकर अपना समर्थन प्रदान करते हैं। दल का नामांकन बहुधा “दल को टिकट’ दिया जाना
कहलाता है।
7 ‘वयस्क मताधिकार’ से क्या अभिप्राय है ? लोकतंत्र के लिए इसका महत्त्व स्पष्ट करें।
उत्तर-यह व्यक्ति जो 18 वर्ष की आयु से अधिक का हो, वोट देने का अधिकारी होता है। भारत जैसे देश जहाँ सामाजिक, धार्मिक तथा आर्थिक क्षेत्रों में विभिन्नताएँ विद्यमान हैं, वयस्क मताधिकार का विशेष महत्व है।
(क) वयस्क मताधिकार राजनीतिक समानता पर आधारित है।
(ख) वयस्क मताधिकार प्रजातंत्रीय शासन व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। यदि हम प्रजातंत्र का अर्थ लोगों की सरकार, लोगों द्वारा सरकार तथा लोगों के लिए सरकार से लेते हैं तो वयस्क मताधिकार का अपना विशेष महत्त्व है।
(ग) वयस्क मताधिकार सभी लोगों पर बराबर जिम्मेदारी डालता है। इसका उद्देश्य लोग अच्छे बने तथा कानूनों का सही ढंग से पालन करें।
चुनावी राजनीति पाठ 4अभ्यास Political Science class 9th:Hindi
8 उप-चुनाव और मध्यावधि चुनाव में क्या अंतर है ?
उत्तर-उप-चुनाव- जब किसी विशेष चुनाव क्षेत्र में चुने गए व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है या फिर वह सभासद स्वयं त्यागपत्र दे देता है तो वह सीट खाली घोषित कर दी जाती है और तब ऐसे चुनाव क्षेत्र में उप-चुनाव होता है
ऐसा उपचुनाव सारे राज्य या नगर आदि के लिये न होकर एक विशेष-क्षेत्र में होता है और इसमें इतने बड़े प्रबन्ध की भी आवश्यकता नहीं पड़ती। मध्यावधि चुनाव- कई बार लोकसभा या किसी विशेष राज्य विधानमण्डल को राष्ट्रपति के आदेशानुसार निश्चित समय से पहले ही भंग कर दिया जाता है
या किसी सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाता है और कोई अन्य दल सरकार बनाने में असफल रहता है तो ऐसे में सारे राज्य या सारे देश में बीच में ही चुनाव कराने पड़ जाते हैं। ऐसे चुनाव को मध्यावधि चुनाव कहते हैं।
1980 में लोकसभा के लिए ऐसा एक मध्यावधि चुनाव हुआ था जब जनता सरकार अपने पाँच वर्ष (1977-82) पूरे करने से पहले ही समाप्त हो गई और चुनाव 1982 की बजाए 1980 में ही करवाने पड़े।
9 साधारण बहुमत’ का क्या अर्थ हैं तथा इसकी क्या कमजोरी है ?
उत्तर-चुनाव के बाद चुनाव का परिणाम घोषित किया जाता है। जो उम्मीदवार अन्य उम्मीदवारों के द्वारा प्राप्त किए गए मतों से अधिक मत प्राप्त करता है,
उसे जीता हुआ घोषित कर दिया जाता है। माना कुल मत 100 थे। ‘ए’ को 30 मत, ‘बी’ को 25 मत, ‘सी’ को 25 मत तथा ‘डी’ को 20 मत मिले। ‘ए’ को इनमें सबसे अधिक 30 मत मिले। वह चुनाव जीत गया। इसे साधारण बहुमत कहा जाता है।
भारत में लोकसभा तथा राज्यों की विधानसभा के चुनाव में यही पद्धति अपनाई जाती है। राष्ट्रपति के चुनाव में अनुपातिक प्रतिनिधित्व की पद्धति अपनाई जाती है। कमी- इस ‘साधारण बहुमत’ प्रणाली की कमी यह है कि जीता हुआ व्यक्ति आधे से अधिक मतदाताओं की पसन्द का न होने पर भी विजयी कहलाता है।
10 चुनाव को कब लोकतांत्रिक माना जा सकता है ?
उत्तर- चुनाव को लोकतांत्रिक तब माना जा सकता है जबकि वह कुछ निम्नांकित शर्ते पूरी करता हो-
(क) चुनाव निष्पक्ष ढंग से कराये जाने चाहिए जिससे लोग बिना किस डर के अपनी इच्छानुसार उस व्यक्ति का चुनाव कर सके जिसे वे चाहते हैं।
(ख) हर वयस्क को बिना किसी जाति, धर्म, लिंग के भेदभाव के वोट देने की अधिकार हो और सभी नागरिकों के वोट का एक मूल्य हो।
(ग) हर एक उम्मीदवार और पार्टी को चुनाव में उतरने की आजादी हो ताकि मतदाताओं के पास चुनने के अनेक विकल्प हों।
(घ) चुनाव का अवसर मतदाताओं को एक नियमित अंतराल पर मिलता रहे। चुनाव अपने निश्चित अंतराल के पश्चात् अवश्य होते रहने चाहिए।
11 भारत में चुनाव के समय उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न क्यों दिये जाते हैं ? दो कारण लिखें।
उत्तर-(क) चुनाव चिह्न मतदाताओं की सुविधा के लिए दिए जाते हैं। चुनाव या मतदान के समय अनपढ़ व्यक्ति अभिमत पत्र पर छपे चुनाव चिह्नों को देखकर पहचान सके कि कौन-सा निशान कौन से राजनीतिक दल या प्रत्याशी का है।
(ख) भारत जैसे देश में जहाँ पर मतदाताओं की बहुत बड़ी संख्या अनपढ़ है तथा राजनीतिक दल भी बहुत ज्यादा तथा मिलते-जुलते नामों वाले हैं वहाँ चुनाव- चिह्न सफल लोकतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव के लिए उपयोगी है।
12 आधुनिक निर्वाचन राजनीति में अधिकांश प्रत्याशी राजनीतिक दलों के ही होते हैं ? कोई से तीन कारण लिखें।
उत्तर-आधुनिक निर्वाचन राजनीति में अधिकांश प्रत्याशी निम्नांकित कारणों से राजनीतिक दलों से सम्बन्धित होते हैं-
(क) प्रत्याशी के किसी राजनीतिक दल से सम्बन्धित होने से मतदाताओं को यह जानने में सुविधा हो जाती है कि प्रत्याशी के क्या उद्देश्य व आदर्श हैं।
(ख) मतदाताओं को निश्चित रूप से यह जानकारी होती है कि वे किस प्रकार के व्यक्ति के लिए मतदान दे रहे हैं।
(ग) प्रत्याशी का किसी राजनीतिक दल से खड़े होने का व्यावहारिक कारण भी है। किसी भी प्रत्याशी के पास इतना धन, संगठन या साधन नहीं होता कि वह चुनाव लड़ने की हिम्मत कर सके। राजनीतिक दल के सदस्य होने से उसे यह सब सुविधाएँ जैसे- धन, संगठन आदि आसानी से प्राप्त हो जाती है।JAC Ranchi