जाति धर्म और लैंगिक मसले पाठ 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर | Ncert Solutions For Class 10th Civics

जाति धर्म और लैंगिक मसले पाठ 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर | Ncert Solutions For Class 10th Civics के इस अध्याय में आप सभी विद्यार्थियों का स्वागत है, आज इस ब्लॉग पोस्ट पर इस पाठ से जुड़े हर बड़े से बड़े प्रश्न जो कई बार पिछले परीक्षाओं में पूछे जा चुके है उन सभी प्रश्नों का उत्तर इस ब्लॉग पर कवर किया गया है ,इस पोस्ट को पढ़ने के बाद शायद आपको कही से और पढ़ना पड़ेगा, इसलिए आप सभी इस ब्लॉग पोस्ट जरूर अध्ययन करें आपको काफी हेल्प मिलेगी |

जाति धर्म और लैंगिक मसले पाठ 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर | Ncert Solutions For Class 10th Civics

जाति धर्म और लैंगिक मसले पाठ 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
जाति धर्म और लैंगिक मसले पाठ 4 लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
जाति धर्म और लैंगिक मसले पाठ 4 अति लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर

1 जीवन के उन विभिन्न पहलुओं का जिक्र करें जिनमें भारत में स्त्रियों के साथभेदभाव होता है या वे कमजोर स्थिति में होती हैं।
उत्तर-जीवन के विभिन्न पहलू जहाँ भारत में स्त्रियों के साथ भेदभाव किया जाता है-

(क) समाज में महिलाओं का निम्न स्थान- भारतीय समाज में महिला को सदा पुरुष के अधीन ही रखा गया है। उसे कभी भी स्वतंत्र रूप से रहने के अवसर प्रदान नहीं किए गए।

(ख) बालिकाओं के प्रति उपेक्षा- आज भी बालिकाओं की अनेक प्रकार से अवहेलना की जाती है। लड़के के जन्म पर आज भी सभी बड़े खुश होते हैं और अनेक जश्न मनाते हैं, परन्तु लड़की के जन्म पर परिवार में चुप-चुपाता हो जाता है।

दूसरे, लड़की का जन्म परिवार पर एक बोझ समझा जाता है क्योंकि उसे जन्म से लेकर मृत्यु तक परिवार को कुछ न कुछ देना ही पड़ता है। तीसरे, शिक्षा के क्षेत्र में भी लड़कियों से भेद-भाव किया जाता है।

चौथे, जबकि लड़कों का जीवन याचना के लिए कोई न कोई काम सिखाया जाता है, लड़कियों को रसोई तक सीमित रखा जाता है।

(ग) महिलाओं की शिक्षा की अवहेलना- अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो लड़कियों की शिक्षा की ओर वह ध्यान नहीं देते। उनकी शिक्षा केवल कुछ धार्मिक ग्रन्थों तक ही सीमित रहती है।
चाहे इस ओर कुछ प्रगति देखने को मिली है और कुछ लड़कियाँ ऊँची शिक्षा भी प्राप्त करने लगी हैं परन्तु महिलाओं में साक्षरता की दर अब भी 54% है जबकि पुरुषों में 76% |

इसी प्रकार अब भी स्कूल पास करने वाली लड़कियों की एक सीमित संख्या ही उच्च शिक्षा की ओर कदम बढ़ा पाई है क्योंकि माँ-बाप लड़कियों की जगह लड़कों की शिक्षा पर ज्यादा खर्च करना पसन्द करते हैं।

(घ) काम के एक जैसे अवसर न होना- काम करने के अवसर भी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के लिए कम हैं, और जब काम मिल भी जाता है तो उनके वेतन में बहुत अन्तर होता है एक महिला मजदूर को एक पुरुष की अपेक्षा कम मजदूरी मिलती है जबकि दोनों एक-सा काम करते हैं। अब भी ऊँची तनख्वाह पाने वाले और ऊँचे पदों पर पहुँचने वाली महिलाएँ बहुत ही कम होती हैं।

(ङ) विधानसभाओं में महिलाओं की संख्या कम होना- अब भी महिला सांसदों के लोकसभा में संख्या 100% तक नहीं पहुँची है और प्रान्तीय विधानसभाओं में तो उनकी संख्या 50% से भी कम है।

पाठ 4 – जाति, धर्म और लैंगिक मसले लोकतांत्रिक राजनीति के नोट्स

2 भारत में जाति का भविष्य क्या है?
उत्तर- भारत देश में एक जटिल जाति व्यवस्था ने मानव जीवन को काफी हद तक प्रभावित किया है। जाति मे (जैसा कि भारत में कहा जाता है) एक वंशानुगत समूह होता है जो अपने सामाजिक स्थिति को परिभाषित करते हैं। आजादी के इतने सालों के बाद भी, यहाँ जाति पर आधारित सीमांकन आज भी होता है; हालांकि समय के अनुसार, यह सब बदल रहा है।

3 भारत मे जाति प्रथा का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर- विकास सिद्धान्त के अनुसार सामाजिक विकास के कारण जाति प्रथा की उत्पत्ति हुई है। सभ्यता के लंबे और मन्द विकास के कारण जाति प्रथा मे कुछ दोष भी आते गए। इसका सबसे बङा दोष छुआछुत की भावना है। परन्तु शिक्षा के प्रसार से यह सामाजिक बुराई दूर होती जा रही है।

4 जाति व्यवस्था से क्या समझते हैं इसकी विशेषताएं तथा इसमें हो रहे परिवर्तनों की चर्चा करें?
उत्तर- प्रत्येक जाति का समाज में एक विशिष्ट स्थान होने के साथ-साथ एक क्रम श्रेणी भी होती है। एक सीढ़ीनुमा व्यवस्था जो ऊपर से नीचे जाती है, में प्रत्येक जाति का एक विशिष्ट स्थान होता है। धार्मिक या कर्मकांडीय दृष्टि से जाति की अधिक्रमित व्यवस्था ‘शुद्धता’ (शुचिता) और ‘अशुद्धता’ (अशुचिता) के बीच के अंतर पर आधारित होती है।

जाति धर्म और लैंगिक मसले पाठ 4 के प्रश्न उत्तर तथा Ncert Solution

5 जातिवाद क्या है उसकी विशेषताओं को समझाइए?
उत्तर- आर. एन. शर्मा के अनुसार “जातिवाद किसी व्यक्ति की अपनी जाति के प्रति अंध-श्रद्धा हैं जो की दूसरी जातियों के हितों की परवाह नहीं करती. और अपनी जाति के सामजिक,आर्थिक,राजनीतिक और अन्य जरूरतों को पूरी करने का ही ध्यान रखती हैं.

6 ब्राह्मणों में सबसे ऊंची जाति कौन सी है?
उत्तर- भारतवर्ष में सबसे ऊँची जाति ब्राह्मण है। ब्राह्मणों में ऊँच-नीच के असंख्य भेद हैं। प्रदेश-गत भेद भी गिनकर खतम नहीं किये जा सकते। इसलिए यह कहना असम्भव है कि ब्राह्मणों की कौन श्रेणी सबसे ऊँची है।

7 सबसे शुद्ध जाति कौन सी है?
उत्तर- में ऋग्वेद, महाभारत और अन्य प्राचीन वैदिक धर्मग्रंथों का हवाला देते हुए वे कहते हैं कि शूद्र मूल रूप से आर्य थे और वे क्षत्रिय थे।

8 भारत में जाति प्रथा कब शुरू हुई?
उत्तर- भारत में कठोर जाति प्रथा का सूत्रपात कोई 1,575 साल पहले हुआ

9 कितनी जाति होती है?
उत्तर-जातियों की संख्या-
सन्‌ 1901 की जनगणना के अनुसार, जो जातिगणना की दृष्टि से अधिक शुद्ध मानी जाती है, भारत में उनकी संख्या 2378 है। डॉ॰ जी. एस. घुरिए की प्रस्थापना है कि प्रत्येक भाषाक्षेत्र में लगभग दो सौ जातियाँ होती हैं, जिन्हें यदि अंतर्विवाही समूहों में विभक्त किया जाए तो यह संख्या लगभग 3,000 हो जाती है।

10 जाति की उत्पत्ति कैसे हुई?
उत्तर-इसकी जड़ें इंसान की घुमक्कड़ अवस्था यानी सभ्यता शुरु होने के पहले के वक्त के टोटेम और टैबू (निषेध) तक जाती हैं. टोटेम (सामुदायिक पहचान) जानवरों और वृक्षों आदि से जुड़े हुए थे. इनमें से कुछ नाम बाद तक भी बने रह गए ncert