भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन पाठ 1 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर, Ncert Solution For Class 8th Geography

भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन पाठ 1 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर, Ncert Solution For Class 8th Geography के इस ब्लॉग पोस्ट में आप सभी विद्यार्थियों का स्वागत है, इस पोस्ट के माध्यम से कक्षा आठवीं के भूगोल विषय का पाठ 2 भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन का लघु उत्तरीय प्रश्न एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर इस पोस्ट पर कवर किया गया है, जो कि परीक्षा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, और पिछले कई परीक्षाओं में भी इस तरह के प्रश्न पूछे जा चुके हैं, इसलिए यदि आप इस पेज पर है, तो कृपया करके इस पोस्ट को पूरा पढ़ें-

भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन पाठ 2 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर, Ncert Solution For Class 8th Geography

भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन पाठ 2 अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन पाठ 2 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन पाठ 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1 भूमि को महत्त्वपूर्ण संसाधन क्यों माना जाता है ?
उत्तर-भूपृष्ठ के कुल क्षेत्रफल का लगभग 30 प्रतिशत भाग भूमि है जिसके सभी भाग आवास योग्य नहीं है। भूमि का उपयोग न केवल आवास के लिए बल्कि इसका उपयोग कृषि, वानिकी,
खनन, सड़कों और उद्योगों की स्थापना के लिए किया जाता है। इसीलिए भूमि को एक महत्वपूर्ण संसाधन माना गया है।

2 जल संरक्षण के तीन तरीकों को बताएँ।
उत्तर-जल संरक्षण के निम्नांकित तरीके हैं-
(क) जल रिसाव को कम करने के लिए नहरों को ठीक से पक्का करना चाहिए।
(ख) रिसाव और वाष्पीकरण से होने वाली जल की क्षति को रोकने के लिए क्षेत्र की स्प्रिंकलरों से सिंचाई करना अधिक प्रभावी विधि है।
(ग) शुष्क प्रदेशों में सिंचाई की ड्रिप अथवा टपकन विधि बहुत उपयोगी होती है।
संरक्षण के इन तरीकों को अपनाकर बहुमूल्य जल संसाधन को संरक्षित किया जा सकता है।

3 मृदा संरक्षण किस प्रकार होता है ?
उत्तर-मृदा संरक्षण निम्न प्रकार से होता है-
(क) निर्वनीकरण पर रोक लगाना।
(ख) पहाड़ी भागों में सीढ़ीदार खेत बनाकर खेती करना।
(ग) वृक्ष लगाकर मरुक्षेत्रों के विस्तार को रोकना।
(घ) नियंत्रित पशुचारण कर, मृदा के कटाव को रोकना।
(ङ) रासायनिक उर्वरकों के साथ जैविक खाद का प्रयोग करना।
(च) भूमि को जलाक्रांत होने से बचाना।

4 भूमि का उपयोग मुख्य रूप से किन-किन कार्यों में किया जाता है ?
उत्तर-भूमि का उपयोग मुख्य रूप से निम्नांकित कार्यों में किया जाता है-
(क) खेती,
(ख) पशुचारण.
(ग) विनिर्माण,
(घ) खनन, (ङ) मकानों और सड़कों का निर्माण,

5 शुष्क प्रदेश में पवन द्वारा होने वाले मृदा अपरदन को हम कैसे रोक सकते हैं ?
उत्तर-शुष्क प्रदेशों में हम पेड़-पौधों की बाड़ (रक्षक मेखला) लगाकर पवन की गति को धीमा कर सकते हैं। इससे पवन की मृदा के कणों को अपरदित करने की क्षमता कम अथवा नष्ट हो
जाती। इन प्रदेशों में मृदा अपरदन को रोकने का यह एक प्रभावी उपाय है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1 जल संसाधनों का महत्व तथा संरक्षण का वर्णन करें। अथवा,
जल संसाधन क्यों आवश्यक है?
उत्तर-जल संसाधन का महत्व- संसार के लगभग तीन-चौथाई भाग में महासागरों, नदियों और झीलों के कारण जल के विशाल भंडार मिलते हैं। मानवीय क्रियाओं के लिए जल एक आर्थिक संपत्ति है। निम्नांकित कारणों से जल संरक्षण आवश्यक है-
(क) मानव, जीव-जंतुओं, वनस्पति को जीवित रखने हेतु जल आवश्यक है।
(ख) कृषि के लिए सिंचाई के साधनों के लिए जल की आवश्यकता होती है।
(ग) जल-विद्युत उत्पन्न करने के लिए अधिक मात्रा में जल प्राप्त होना चाहिए।
(घ) यातायात के साधनों में जल यातायात सबसे सस्ता व महत्त्वपूर्ण साधन है।
(ङ) नदियों के निक्षेप से संसार के उपजाऊ मैदानों तथा डेल्टाओं का निर्माण होता है।

2 हमारे देश में बहुत से जीवों की प्रजातियाँ नष्ट क्यों हो रही हैं? वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए क्या किया जा रहा है?
उत्तर- भारत के वनों में अनेक प्रकार के जीव-जंतु पाए जाते हैं। परन्तु देश में वन्य प्राणियों की अनेक प्रजातियाँ अंधाधुंध शिकार के कारण विलुप्त हो गई हैं। गैंडा, चीता, शेर, कस्तूरी मृग आदि बहुत ही कम संख्या में पाए जाते हैं। इनकी सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय पार्क और अभयारण्य स्थापित किए हैं जहाँ उन्हें अपने प्राकृतिक वातावरण में सुरक्षित रखा जाता है।

राष्ट्रीय पार्क प्राकृतिक सुन्दरता को सुरक्षित रखने के लिए आरक्षित क्षेत्र है। अभयारण्य वे आरक्षित क्षेत्र हैं जहाँ वन्य प्राणियों की विलुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण और विकास किया जाता है। वर्तमान में भारत में 83 राष्ट्रीय पार्क तथा 447 अभयारण्य हैं जो देश के 4.5 प्रतिशत भाग में फैले हैं। प्रत्येक वर्ष अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जाता है।

3 भू-उपयोग प्रतिरूप को प्रभावित करने वाले कौन-से तीन कारक हैं ?
उत्तर-भूमि उपयोग प्रतिरूप को प्रभावित करने वाले कारक-
(क) भौतिक कारक- किसी प्रदेश का भूमि उपयोग प्रतिरूप कैसा होगा यह उस प्रदेश के भौतिक कारकों पर निर्भर करता है। भौतिक कारकों से अभिप्राय उस क्षेत्र के स्थलाकृतिक स्वरूप, मृदा के प्रकार, जलवायु, जल की कि उपलब्धता और उस क्षेत्र में उपलब्ध खनिज संसाधनों से है।

(ख) आर्थिक कारक- किसी प्रदेश के भूमि उपयोग प्रतिरूप के निर्धारण में आर्थिक कारकों की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है। जैसे- पूँजी, संसाधनों की गुणवत्ता तथा बाजार की उपलब्धता आदि।
(ग) मानवीय कारक- मानवीय कारक किसी प्रदेश के भूमि उपयोग प्रतिरूप को प्रभावित करने वाला सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक है। मानवीय कारक में मानव की शारीरिक और मानसिक योग्यता के साथ-साथ मानव की विकास करने की इच्छा भी सम्मिलित होती है। jac board