भारत का भौतिक स्वरूप पाठ 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न, NCERT Solution For Class 9th Geography के इस ब्लॉग पोस्ट में आप सभी विद्यार्थियों का स्वागत है, इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी विद्यार्थियों को इस पाठ से संबंधित जो भी महत्वपूर्ण दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हैं, उन सभी प्रश्नों के उत्तर पढ़ने के लिए मिलेगा और यह प्रश्न पिछले कई परीक्षाओं में पूछे जा चुके हैं, और उम्मीद है, आने वाले परीक्षा में ही पूछे जाते हैं, इसलिए इनसभी प्रश्न को कृपया करके अध्ययन करें-
भारत का भौतिक स्वरूप पाठ 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के उतर, Ncert Solutions
भारत का भौतिक स्वरूप पाठ 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
भारत का भौतिक स्वरूप पाठ 2 लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
भारत का भौतिक स्वरूप पाठ 2 अति लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
1 भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग कौन-से हैं ? हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीपीय पठार के उच्चावच लक्षणों में क्या अंतर है ?
उत्तर-भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग निम्नांकित हैं-
(क) उत्तर भारत का मैदान,
(ख) तटीय मैदान,
(ग) उत्तर के विशाल पर्वत,
(घ) द्वीप समूह,
(ङ) प्रायद्वीपीय पठार।
हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीपीय पठार के उच्चवच लक्षणों में अंतर
हिमालय क्षेत्र
(a) हिमालय नवीन वलित पर्वत है।
(b) हिमालय संसार का सबसे ऊँचा पर्वत है।
(c) हिमालय में अनेक पर्वत चोटियाँ एवं रमणीक घाटियाँ एवं दर्रे पाए जाते हैं।
(d) इसकी समानान्तर तीन पर्वत श्रेणियाँ हैं।
(e) हिमालय वन सम्पदा और जल का प्रमुख स्रोत हैं।
(1) इन पर्वतों से सदानीरा अनेक नदियाँ बहती हैं।
प्रायद्वीपीय पठार
(a) भारतीय पठार भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे प्राचीन भूखण्ड है।
(b) यह कठोर आग्नेय और कायांतरित शैलों से बना है।
(c) ये अनेक नदियों के उद्गम स्थल हैं। परन्तु अधिकतर नदियाँ शुष्क ऋतु में या तो सूख जाती हैं या | धारा बहुत पतली हो जाती है।
(d) यह पर्वत श्रेणियों से घिरा है।
(e) इसकी आकृति त्रिभुजाकार है।
(f) इसमें कई पठार शामिल हैं।
भारत का भौतिक स्वरूप पाठ 2 भूगोल के नोट्स| Class 9th
2 दक्कन के पठार का संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर-विंध्याचल पर्वत श्रेणी तथा प्रायद्वीप के दक्षिणी छोर के मध्य दक्कन का पठार विस्तृत है। इसकी आकृति त्रिभुज के समान है।
उत्तर में इसकी चौड़ाई सबसे अधिक है। दक्कन के पठार की उत्तरी सीमा पर विध्यांचल पर्वत श्रेणी तथा इसका पूर्वी विस्तार अर्थात् महादेव पहाड़ियाँ, कैमूर पहाड़ियाँ और मैकाल श्रृंखला है। इसके पश्चिम में पश्चिमी घाट है।
भारत में अलग-अलग स्थानों में इसके अलग-अलग नाम हैं। जैसे- सह्याद्रि, नीलगिरि, अन्नामलाई, कार्डामम इत्यादि। अनाईमुदी इसका सर्वोच्च शिखर है। समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 2695 मीटर है।
तमिलनाडु में स्थित उद्गमंडलम दक्षिण भारत का प्रसिद्ध पर्वतीय नगर है। दक्कन के पठार का पूर्वी किनारा पश्चिमी किनारे की अपेक्षा कम स्पष्ट है। इसे पूर्वी घाट के नाम से जाना जाता है। पूर्वी घाट के भी अनेक स्थानीय नाम हैं।
दक्कन के पठार के उत्तर-पश्चिमी भाग का निर्माण ज्वालामुखीय प्रक्रिया में उत्पन्न आग्नेय शैलों से हुआ है। प्राचीनकाल में पृथ्वी की आंतरिक हलचलों के कारण यहाँ भूपृष्ठ में अनेक दरारें पड़ गई।
इन दरारों में से लावा ऊपर निकल आया तथा भूपृष्ठ पर काफी क्षेत्र में फैल गया। इस प्रक्रिया के पूरा होने में करोड़ों वर्ष लग गए।
भारत का भौतिक स्वरूप पाठ 2 प्रश्न और उत्तर Class 9
3 तटीय मैदानों का संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर-तटीय मैदान-प्रायद्वीपीय पठार कच्छ से उड़ीसा तक मैदानों की संकरी पट्टी से घिरा हुआ है। इसे पश्चिमी तथा पूर्वी तटीय मैदानों में विभक्त किया जाता है। पश्चिमी तटीय मैदान गुजरात से केरल तक फैला हुआ है। गुजरात को छोड़कर यह प्रायः संकरा मैदान है। यह बहुत असमान और ऊबड़-खाबड़ है।
उत्तरी भाग में इसे कोंकण तट के नाम से पुकारते हैं तथा गोआ के दक्षिण में इसे मालाबार तट कहते हैं। पूर्वी तट के विपरीत यहाँ केवल कुछ ही बड़ी नदियाँ- नर्मदा तथा ताप्ती बहती हैं।
पश्चिमी तट की नदियाँ अपने मुहानों पर ज्वारनदमुख नदी जल के नीचे डूबी हुई घाटियाँ हैं जो समुद्रतल के सापेक्षिक ऊपर उठने से बनी हैं। ये मछली पकड़ने और पोताश्रयों के विकास के लिए उपयुक्त स्थितियाँ प्रदान करते हैं।
पश्चिमी तट पर अनेक अच्छे प्राकृतिक पोताश्रय हैं जैसे मुबंई तथा मार्मागावा। सुदूर दक्षिण में, केरल तट अपनी खारे पानी की झीलों के लिए प्रसिद्ध है, उन्हें “लैगून” कहते हैं। इन तटीय भू-आकृतियों में बालूभित्तियाँ तथा राधिकाएँ मुख्य हैं।
पूर्वी तटीय मैदान, पश्चिमी तटीय मैदान की अपेक्षा कहीं अधिक चौड़ा है। यहाँ कावेरी, कृष्णा, गोदावरी व महानदी नदियों के डेल्टा क्षेत्रों में अवसादी निपेक्ष काफी गहरे हैं। दक्षिणी आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु के तट को कोरोमंडल तट के नाम से पुकारते हैं। jac board ranchi