बालगोबिन भगत पाठ-11 महत्वपूर्ण प्रश्न। NCERT solutions for class 10th 2023

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Table of Contents

बालगोबिन भगत पाठ-11 महत्वपूर्ण प्रश्न के उत्तर ,Ncert Solution hindi

बालगोबिन भगत अभ्यास प्रश्न के उत्तर
बालगोबिन भगत महत्वपूर्ण प्रश्न के उत्तर
कवि परिचय 

पाठ-11 बालगोबिन भगत महत्वपूर्ण प्रश्न के पाठ11-बालगोबिन भगत नामक पाठ में जितने भी परीक्षा उपयोगी प्रश्न या महत्वपूर्ण प्रश्न है , उन सभी का प्रश्नोत्तर आपको यहाँ मिलने वाला है इस लिए आप इस ब्लॉग को जरूर पढ़े और लोगों के साथ भी शेयर जरूर करें, अभ्यास प्रश्न  उत्तर

(1) पाठ तथा उसके लेखक का नाम लिखें ?
उत्तर- पाठ का नाम बालगोबिन भगत तथा लेखक का नाम रामवृक्ष बेनीपुरी
(2.) बालगोबिन की कद- काठी कैसी थी ?
उत्तर-बालगोबिन का कद मंझोला था| वह गोरे चिट्ठे थे उनकी आयु साठ से अधिक होगी|
(3.) उनका चेहरा कैसा लगता था? 
उत्तर-बालगोबिन के बाल आ गए थे| उनका चेहरा सफेद बालों से जगमगाता रहता था|
(4.) वे कैसे कपड़े पहनते थे?
उत्तर-NCE RT solutions for class10th हिंदी के पाठ11-बालगोबिन भगत नामक पाठ में बताया गया है की बालगोबिन बहुत कम कपड़े पहनते थे| वह कमर में केवल लंगोटी बांधते थे| उनके सिर पर कबीरपंथीयो की- सी कनपटी होती थी| जाड़े में वे अपने ऊपर काला कंबल ओढ़ लेते थे|

(5.) वह किस प्रकार का टीका लगाते और माला पहनते थे?

उत्तर- वे मस्तक पर रामानंदी चंदन लगाते थे| और औरतों की तरह टीका लगाते थे| वह गले में तुलसी की जड़ों की एक बेडौल माला  बांधे रहते थे|

(6.)बालगोबिन कैसे व्यक्ति थे?

उत्तर-बालगबिन अपनी वेशभूषा रूप आकार एवं स्वस्थ के साधु प्रतीत होते थे| पर वे एक गृहस्थ भी थे| उनका एक बेटा और पुत्रवधू भी थी|
(7)बालगोबिन  क्या करते थे?
उत्तर बालगोबिन खेती-बाड़ी का काम करते थे वह एक साफ-सुथरे मकान में रहते थे|

(8)बालगोबिन के चरित्र की प्रमुख विशेषताएं क्या थीं?

उत्तर- पाठ11-बालगोबिन भगत अन्य प्रश्नोत्तर हिंदी  के पाठ11-बालगोबिन भगत नामक पाठ के माध्यम से बालगोबिन  के चरित्र की विशेषताएं यह थी- वे संत कबीर के अनुयायी थे उन्हीं के गीत गाते थे, तथा उन्हीं के आदेशों पर चलते थे| वह कभी झूठ नहीं बोलते थे तथा व्यवहार खारा रखते थे| वे स्पष्ट बात करने में विश्वास करते थे वह बिना पूछे किसी की चीज छूते तक नहीं थे|

(9) बालगोबिन खेत की पैदावार को कहां ले जाते थे और क्यों?

उत्तर- बालगोबिन के खेत में जो भी चीज पैदा होती, उसे वे सबसे पहले साहब के दरबार में ले जाते थे| यह साहब का दरबार घर से चार कोस दूर कबीरपंथी मठ था वहां अपनी उपज को भेंट स्वरूप देते और वहां से जो प्रसाद रूप में मिलता उसे लेकर घर लौटते और उसी से गुजारा चलाते थे|

(10) मठ भगत जी की फसलों का क्या करता था?

उत्तर- कबीरपंथी मठ भगत जी की फसलों को चढ़ावा समझकर उसमें से कुछ अंश स्वीकार किया स्वीकार किया करता था वह शेष  फसलों को प्रसाद- रूप में भगत जी को लौटा देता था|

पाठ-11 बालगोबिन भगत महत्वपूर्ण प्रश्न ncert solution class10th

(11) बालगोबिन को गृहस्थ होते हुए भी भगत साधु क्यों कहा गया? उत्तर- बालगोबिन भगत गृहस्थ थे| परंतु उनका समूचा व्यवहार  वैरागियो भक्तों और साधुओं जैसा था| वे भक्तों की तरह अपने साहब पर असीम श्रद्धा रखते थे| इसलिए उन्हें भगत कहना बिल्कुल सही है वह बैरागी साधुओं की तरह किसी की कोई चीज छूते नहीं थे सबसे सच्चा और खरा व्यवहार करते थे उनके मन में लोभ और अहंकार नाम मात्र को भी नहीं था यहां तक कि वे अपनी फसलें भी पहले साहब को अर्पित करते थे इसलिए उन्हें भगत साधु कहना बिल्कुल सही है|

(12) बालगोबिन के संगीत के बारे में बताएं|

उत्तर- बालगोबिन भगत के कंठ का मधुर संगीत सभी को मुक्त कर रहा है बच्चे झूमते औरतें गुनगुनाती दिखाई देती हैं बाल गोविंद के संगीत का जादू सबके सिर चढ़कर बोलता है|

(13) भगत जी के संगीत को जादू क्यों कहा गया है?

उत्तर- बाल गोविंद का संगीत स्वर जादू भरा था| उनके गले से निकला एक-एक  शब्द मानव ऊंचाई की सीढ़ी पर चढ़कर स्वर्ग की ओर जा रहा था वह  स्वर  मिट्टी पर खड़े लोगों के कानों में जाकर उन्हें मदहोश भी कर रहा था|

(14.) आषाढ़ में खेतों में क्या चल रहा था? 

उतर-आषाढ़ में खेतों में धान की रोपाई चल रही थी। किसान पूरे जोर-शोर से पानी और कीचड़ में लथपथ होकर धान रोप रहे थे। बच्चे उछल-कूद कर खुशी मना रहे थे। स्त्रियाँ नाश्ता लेकर खेतों की मेड़ पर बैठी थीं।

(15.) कार्तिक मास आते ही बालगोबिन भगत का क्या कार्यक्रम शुरू हो जाता है।
उत्तर-कार्तिक मास के आते ही बालगोबिन भगत की प्रभात फेरियाँ शुरू हो जाती है। चलती है। जो फागुन मास तक चलती हैं अर्थात् पूरी सर्दियों में प्रभात फेरियाँ चलती है।

(16.) नदी-स्नान के बाद वे क्या करते हैं? 
उत्तर-वे बहुत सवेरे नदी-स्नान को जाते थे- गाँव से दो मील दूर। वहाँ से नहा-धोकर लौटकर गाँव के बाहर पोखरे के ऊँचे भिंडे पर अपनी खँजड़ी ले जाकर बैठ जाते और गाने लगते थे।

(17.) खँजड़ी बजाते समय बालगोबिन की क्या हालत हो जाती है ?  उत्तर-खँजड़ी बजाते समय बालगोबिन भगत गाते भी थे और गाते-गाते वे इतना मस्त हो जाते थे कि कई बार वे इतने उत्तेजित हो जाते थे कि लगता था कि वे खड़े हो जाएँगे। उनकी कमल बार-बार सरक जाती थी।

पाठ-11 बालगोबिन भगत महत्वपूर्ण प्रश्न के उत्तर

(18.) भोरकाल का वर्णन अपने शब्दों में करें।
 उत्तर-कार्तिक मास के भोर काल में आसमान में तारे झिलमिला रहे होते हैं। वे अभी बुझे नहीं होते। उधर पूर्व दिशा में सूरज की लाली अपने आने की सूचना देने लगती है। शुक्र तारा खिला होता है। धरती पर कुहरा-सा छाया रहता है। सारा वातावरण रहस्य-सा प्रतीत होता है।

(19.) भगत जी के गायन का कौन-सा गुण आपको प्रभावित करता है ?  उत्तर-पाठ11-बालगोबिन भगत नामक में भगत जी का गायन मस्ती और तल्लीनता में डूबा हुआ था। वे गाते-गाते स्वयं को भूल जाते थे। उन्हें ठंड और कुहरे की भी याद नहीं रहती थी। वे स्वयं गीत बन जाते थे। वे गाते-गाते इतने उत्तेजित हो जाते थे मानो अभी उठ खड़े होंगे। उस भीषण सर्दी में भी उनके माथे से पसीने झलकने लगते थे।

(20.) वातावरण को रहस्य से आच्छादित क्यों कहा गया है ?
उत्तर-चारों ओर कुहरा-सा छा गया था। कुछ स्पष्ट नहीं दिखाई पड़ रहा था। कुहरे की ओट में क्या है- इस बारे में एक रहस्य-सा बना हुआ था। इसलिए वातावरण को रहस्यमय कहा गया है।

(21.) बालगोबिन भगत की संगीत-साधना का चरम उत्कर्ष कब देखा गया ?  उत्तर-बालगोबिन भगत की संगीत-साधना का चरम उत्कर्ष तब देखा गया, जब उनका इकलौता बेटा मरा।

(22.) भगत जी अपने बेटे से अधिक प्यार क्यों करते थे ? 
उत्तर-भगत जी कहते थे कि ऐसे सुस्त और बोदे बच्चे हमारे प्यार, स्नेह और निगरानी के अधिक हकदार होते हैं। इन पर हमें अधिक ध्यान देना चाहिए।

(23) भगत जी की बहू कैसी थी? उसका व्यवहार कैसा था ?
उत्तर-भगत जी की पतोहू बहुत सुंदर और सुशील थी। उसने अपनी कुशलता से सारे घर का प्रबंध स्वयं सँभाल लिया था उसने भगत जी को सांसारिक कामों से बिल्कुल ही बेफिक्र कर दिया था।

(24.) लेखक ने बालगोबिन भगत के घर जाकर क्या दृश्य देखा ? 
उत्तर-जब बालगोबिन भगत का बेटा मरा तब लेखक ने उनके घर जाकर देखा बेटे का शव चटाई पर लिटाया गया है, उसे सफेद कपड़े से ढक रखा है। वहाँ कुछ फूल बिखरे हुए हैं। तथा सिराहने के पास एक दीपक जल रहा है। भगत गीत गाए जा रहे हैं। और पतोहू रो रही है।

(25.) बेटे की मृत्यु पर बालगोबिन भगत क्या कर रहे थे ? 

उतर-बेटे की मौत पर बालगोबिन भगत प्रभु-भक्ति के गीत गा रहे थे। वे उस समय परमात्मा को याद करके उनकी आराधना कर रहे थे।

पाठ-11 बालगोबिन भगत NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 11

(26.) बालगोबिन भगत अपनी पतोहू को उत्सव मनाने को क्यों कह रहे थे ?  उत्तर-बालगोबिन भगत अपनी पतोहू को बेटे की मृत्यु पर उत्सव मनाने को इसलिए कह रहे थे कि उनकी पतोहू अपने पति की मृत्यु पर रोए जा रही थी। भगत जी उसे यह समझा रहे थे कि रोओ मत। यह उत्सव का दिन है। आत्मा परमात्मा में मिल गई है।

(27.) बालगोबिन ने समाज के प्रचलित नियम के विरुद्ध क्या काम किया ? 
उत्तर-समाज में स्त्री द्वारा मृतक को आग देने का नियम नहीं था, पर बालगोबिन ने पुत्र के क्रिया कर्म के समय पतोहू द्वारा आग दिलाई। यह उस नियम के विरुद्ध था ।

(28.) भगत जी सामाजिक मार्यादाओं को चुनौती देने की हिम्मत रखते थे- सिद्ध करें।
उत्तर-पाठ11-बालगोबिन भगत नामक में भगत जी सामाजिक मार्यादाओं को चुनौती देने की हिम्मत रखते थे। उन्हें पता था कि समाज पत्नी को पति की चिता में आग देने की अनुमति कदापि नहीं देता। फिर भी उन्होंने अपनी पतोहू से अपने बेटे की चिता में आग दिलवाई। इससे पता चलता है कि वे समाज की मर्यादाओं को चुनौती देने की हिम्मत रखते थे।

पाठ-11 बालगोबिन भगत महत्वपूर्ण प्रश्न हिंदी

(29.) पतोहू ने रो-रोकर क्या कहा? 
उत्तर-पतोहू ने रो-रोकर कहा कि मैं आपकी सेवा में अपने विधवापन के दिनों को गुजार दूंगी। बुढ़ापे में आपकी देखभाल करने वाला कोई होगा। आपके लिए भोजन कौन बनाएगा तथा बीमार पड़ने पर कौन पानी पिलाएगा ?

(30.) बालगोबिन ने क्या धमकी दी ? 
उत्तर-बालगोबिन ने यह धमकी दी कि यदि वह नहीं जाएगी तो वे इस घर को छोड़कर चले जाएंगे। इसके आगे पतोहू की कुछ न चल पाई।

(31.) भगत जी ने अपनी पतोहू को उसके भाइयों के साथ वापस क्यों भेज दिया?
उत्तर-भगत जी को लगता था कि उसकी पतोहू अभी युवती है। उसकी उम्र ऐसी नहीं है कि वह मन में उठी वासनाओं को दबाए। मन मस्त हाथी की तरह मदहोश होता है। अतः अच्छा यही है कि उसे जीवन को भोगने का अवसर दिया जाए, उसे विधवा बनाकर उसकी इच्छाएँ मारी न जाएँ।

(32.) बालगोबिन भगत नर-नारी के अंतर को नहीं मानते थे। सिद्ध करें।
 उत्तर-बालगोबिन भगत नर-नारी के अंतर को महत्व नहीं देते थे। हमारे समाज में ऐसा माना जाता है कि मृतक को आग देने का अधिकार पुत्र या किसी नर को है, नारी को नहीं। नारी को तो श्मशान में भी जाने की अनुमति नहीं है। परंतु बालगोबिन ने इन मान्यताओं को न मानते हुए अपनी पतोहू से चिता की आग दिलवाई। इससे पता चलता है कि उनके मन में नर-नारी का भेद महत्व नहीं रखता।

(33.) पतोहू की चारित्रिक विशेषताएँ बताएँ। 

उतर-पाठ11-बालगोबिन भगत नामक पाठ के माध्यम से बताया गया है की पतोहू चारित्रवान, सेवामयी और सुशील नारी थी। वह जवानी में ही विधवा हो गई थी। फिर भी उसके मन में अपना नया घर बसाने की कोई इच्छा नहीं थी। वह सती विधवा की तरह अपने ससुर की सेवा में दिन बिताना चाहती थी। उसने मानो अपने ससुर की सेवा को अपना धर्म मान लिया था। इसलिए वह कहती रही- मैं चली जाऊँगी तो बुढ़ापे में इन्हें भोजन कौन देगा, बीमारी में चुल्लू-भर पानी कौन देगा ?

आप इन्हें भी अवश्य पढ़ें –

1. पद– सूरदास
2. राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद – तुलसीदास
3. (I) सवैया, – देव
(II) कवित्त – देव
4. आत्मकथ्य – जयशंकर प्रसाद
5. उत्साह, अट नहीं रही है – सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
6. (I) यह दन्तुरित मुस्कान – नागार्जुन
(II) फसल – नागार्जुन
7. छाया मत छूना – गिरजा कुमार माथुर
8.कन्यादान – ऋतुराज
9. संगतकार – मंगलेश डबराल

10 .नेता जी का चश्मा – स्वयं प्रकाश
11 . बालगोविंद भगत – रामवृक्ष बेनीपुरी
12 . लखनवी अंदाज़ – यशपाल
13. मानवीय करुणा की दिव्य चमक – सवेश्वर दयाल सक्सेना
14. एक कहानी यह भी – मन्नू भंडारी
15.स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन – महावीर प्रसाद द्विवेदी
16. नौबतखाने में इबादत – यतीन्द्र मिश्र
17. संस्कृति – भदंत आनंद कौसल्यायन

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