अव्यय हिंदी व्याकरण, परिभाषा, भेद से संबंधित प्रशोत्तर Top Notes के इस पोस्ट में आप सभी विद्यार्थियों का स्वागत है, इस पोस्ट में आपको अव्यय हिंदी व्याकरण, परिभाषा, भेद के बारे में जानकारी मिलने वाली है, जो परीक्षा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, और इस तरह का प्रश्न पिछले कई परीक्षा में भी पूछे जा चुके हैं, तो इन्हें अवश्य अध्ययन करें और अपने परीक्षा में अच्छा नंबर लाए
अव्यय हिंदी व्याकरण, परिभाषा, भेद से संबंधित प्रशोत्तर Top Notes
अव्यय हिंदी व्याकरण परिचय
अव्यय हिंदी व्याकरण के इस चैप्टर में आप सभी विद्यार्थियों को उनसे जुडी महत्पूर्ण सभी प्रश्नो का हल साथ में आपको अव्यय का परिभाषा उनके भेद प्रकार और अन्य सभी प्रकार के प्रश्न जो अव्यय से जुड़ी होगी उनका विस्तार से विश्लेषण किया गया है , हमें आप सभी विद्यार्थियों से हमें आशा है की आप इस ब्लॉग को पड़ने के बाद इनसे जुड़ी प्रश्नो को हल करने में कोई समस्या नहीं होगी ।
अव्यय का परिभाषा
समुच्चय बोधक, क्रिया विशेषण और अन्य अविकारी शब्द अव्यय
अव्यय- अव्यय वे शब्द या रूप, जिन पर लिंग, वचन, कारक आदि का प्रभाव नहीं पड़ता उसे अव्यय कहते हैं। जैसे- अधिक, प्रति, के बिना, वाह, ही, तो।
अव्यय के भेद
अव्यय हिंदी व्याकरण में अव्यय पांच प्रकार के होते हैं-
- क्रियाविशेषण
- संबंधबोधक
- समुच्चयबोधक
- विस्मयादिबोधक
- निपात।
क्रियाविशेषण- जिस शब्द से क्रिया की विशेषता प्रकट हो, उसे क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे- ऊपर, नीचे, दाहिने, अधिक, निकट, प्रतिदिन, आज, लगातार आदि। क्रिया की विशेषता प्रायः चार प्रकार से बताई जाती है,अतः क्रिया-विशेषण के चार भेद हैं
(i) रीतिवाचक क्रिया-विशेषण,
(ii) कालवाचक क्रिया-विशेषण,
(iii) स्थानवाचक क्रिया-विशेषण,
(iv) परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण।
(i) रीतिवाचक क्रिया-विशेषण-
जिन क्रिया-विशेषण शब्दों से क्रिया के ढंग या रीति की विशेषता का बोध होता है, उन्हें रीतिवाचक क्रिया- विशेषण कहते हैं।
जैसे- अकस्मात, अचानक यथाशक्ति, हाथों-हाथ, धीरे-धार,जल्दी-जल्दी, सच, तीव्र, शायद, इसलिए आदि।
(ii) कालवाचक क्रिया-विशेषण-
जिन क्रिया-विशेषण शब्दों से क्रिया के समय की विशेषता का बोध होता है, उन्हें कालवाचक क्रिया- विशेषण कहते हैं।जैसे- लगातार, जब, पश्चात, कभी नित्य, प्रतिमाह सदा, तत्काल, सायं आदि।
(iii) स्थानवाचक क्रिया-विशेषण-
जिन क्रिया-विशेषण शब्दों से क्रिया के स्थान की विशेषता का बोध होता है, उन्हें स्थानवाचक क्रिया-विशेष कहते हैं। जैसे- मध्य, दूर निकट, नीचे, वहाँ दाएँ सामने, चारा आसपास, जहाँ-तहाँ आदि।
(iv) परिमाणवाचक क्रिया विशेषण- जिन क्रिया-विशेषण शब्दों से क्रिया की मात्रा या नाप-तौल आदि की विशेषता का बोध होता है, उन्हें परिमाणवाचक किया-विशेषण कहते हैं।जैसे- ज्यादा, उतना, खूब, थोड़ा-सा, जरा, बराबर, बढ़कर लगभग, एक, कितना आदि।
संबंधबोधक- जो शब्द, संज्ञा या सर्वनाम का संबंध वाक्य के दूसरे शब्दों से कराता है, उसे संबंधबोधक कहते हैं।जैसे- के साथ, की ओर के आगे के बिना आदि।
समुच्चयबोधक – जो शब्द, दो शब्दों वाक्यांशों अथवा वाक्यों को मिलाते हैं. उसे समुच्चयबोधक कहते हैं।जैसे- परंतु, इसलिए, किंतु, तथा, और, अथवा आदि।
विस्मयादिबोधक- जिस शब्द से हर्ष, शोक, आश्चर्य, घृणा, प्रशंसा आदि का बोध हो उसे विस्मयादिबोध क कहते हैं।जैसे- अच्छा ! वाह ! उफ्फ ! शाबाश ! जीते रहो ! आदि।
निपात- जो अव्यय पद या शब्द के बाद लग कर अर्थ में विशेष प्रकार का बल देते हैं वे निपात कहलाते हैं।
जैसे- भी, ही, तो, तक, मात्र, केवल आदि।
अव्यय हिंदी व्याकरण के प्रश्नोत्तर में रिक्त स्थानों की पूर्ति अव्यय से करें
1.(क) अच्छे चरित्र —– जीवन निरर्थक है।
(ख) —– बोलो, कोई सुन लेगा।
(ग) —– क्या छक्का मारा है।
(घ) मैंने कुछ नहीं किया।
(ङ) इस दुकान —– मत जाना।
उत्तर(क) के बिना, (ख) धीरे, (ग) वाह! (घ) तो, (ङ) की ओर।
2. (क) वह बहुत देर —– रोता रहा।
(ख) वह —- सच बोलता है।
(ग) वह स्थान —— है।
(घ) रमेश कल —— आएगा।
(ङ) धन को —– कोई नहीं पूछता।
उत्तर (क) तक, (ख) सदा, (ग) नीचे, (घ) यहाँ, (ङ) यहाँ।
3.(क) रमेश अब —– पढ़ रहा है।
(ख) उसकी हालत —– खराब है।
(ग) आज धन —– कोई नहीं पूछता।
(घ) पिता —– पुत्र घूमने जा रहे हैं।
(ङ) तुम ——उठे।
उत्तर (क) तक, (ख) बहुत, (ग) के बिना, (घ) और, (ङ) कब ।
4.(क) खूब मन लगाकर पढ़ो ——— परीक्षा में प्रथम आओ।
(ख) तुम —– बाजार जाओ और दवा लेकर आओ।
(ग) जो —– खाते रहते हैं, वे स्वस्थ नहीं रहते।
(घ) —–! तुम्हें क्या हो गया है ?
(ङ) अनुराग अब —– स्वस्थ है।
उत्तर (क) और, (ख) अभी, (ग) अधिक, (घ) अरे, (ङ) पूर्णतः ।
5.(क) मोहन —– ठीक समय पर स्कूल जाता है।
(ख) पेट्रोल के —– कार नहीं चल सकती।
(ग) बालक चाँद —– देख रहा है।
(घ) उसके —– तुम कहीं नहीं ठहर सकते।
(ङ) पहला प्रश्न कीजिए —– दूसरा।।
उत्तर (क) रोजाना, (ख) के बिना, (ग) की ओर, (घ) बिना, (ङ)
अव्यय हिंदी व्याकरण में अव्यय के भेदों को चुने
1.(क) हवा धीरे-धीरे बह रही है।
(ख) बेटा, जल्दी आओ।
(ग) वह अपना सिर पड़ेगा।
(घ) वह मेरे यहाँ अवश्य आएगा।
(ङ) धन के बिना किसी का काम नहीं चलता।
उत्तर (क) क्रिया विशेषण अव्यय,
(ख) क्रिया विशेषण अव्यय,
(ग) क्रिया विशेषण अव्यय,
(घ) क्रिया विशेषण अव्यय,
(ङ) संबंधबोधक अव्यय ।।
2.(क) नौकर गाँव तक गया।
(ख) तुम्हारे साथ मैं चलँगा।
(ग) भूकंप आया और लोग मारे गए।
(घ) मैंने कहा मगर उसने नहीं सुना।
(ङ) काश ! आज वर्षा होती।
उत्तर (क) संबंधबोधक अव्यय,
(ख) समुच्चयबोधक अव्यय,
(ग) समुच्चयबोधक अव्यय,
(घ) समुच्च्यबोधक अव्यय,
(ङ) विस्मयादिबोधक अव्यय।
अव्यय हिंदी व्याकरण में निम्नांकित वाक्यों में से अव्यय छाँटें और उनके प्रकार बताएँ
(क) हमें अपनी सभ्यता और संस्कृति पर गर्व है।
(ख) सचिन ने तेजी से रन बनाए।
(ग) धर्म की सर्वत्र विजय होती है।
(घ) तुम्हारे सम्बन्ध में बच्चे तक जानते हैं।
(ङ) भारत के सामने पाकिस्तान कहीं नहीं ठहरता।उत्तर
(क) और – समुच्चबोधक अव्यय,
(ख) तेजी से – रीतिवाचक क्रिया-विशेषण,
(ग) सर्वत्र – स्थानवाचक क्रिया विशेषण,
(घ) तक – निपात अव्यय,
(ङ) के सामने – सम्बन्धबोधक अव्यय ।
निम्नांकित वाक्यों के रिक्त स्थानों में उचित अव्यय शब्दों का प्रयोग करें और यह भी बताएँ कि वे अव्यय किस भेद में आते हैं
1.(क) मैं —- आगरा जाऊँगा।
(ख) हमें अपनी सभ्यता और संस्कृति ——-गर्व है।
(ग) मुझे रेडियो —- घड़ी चाहिए।
(घ) यदि तुम परीक्षा में सफल होना चाहते हो—– श्रम करो।
(ङ) बाहर जाने —– मुझसे मिलना।
उत्तर (क) कल – कालवाचक क्रिया विशेषण,
(ख) के ऊपर – सम्बन्धबोधक,
(ग) और – समुच्चयबोधक,
(घ) तो – निपात,
(ङ) के लिए – सम्बन्धबोधक।
2.(क)——— आप मिल गए।
(ख) वह जल्दी चला गया—— ट्रेन पकड़ सके।
(ग) ——— तो यह तुम्हारी शरारत है।
(घ) तुम बकवास बंद करो —– मुझे कुछ करना पड़ेगा।
(ङ)—– तुमने यह क्या कर डाला ?
उत्तर (क) अरे ! – विस्मयादिबोधक,
(ख) ताकि – समुच्चयबोधक,
(ग) अच्छा! – विस्मयादिबोधक,
(घ) अन्यथा – समुच्चयबोधक,
(ङ) हाय ! – विस्मयादिबोधक।
अव्यय हिंदी व्याकरण निम्नांकित वाक्यों से निपात छाँटें और नए वाक्य बनाएँ
(क) नगरपालिका थी तो कुछ न कुछ करती भी रहती थी।
(ख) किसी स्थानीय कलाकार को ही अवसर देने का निर्णय किया गया
।(ग) यानी चश्मा तो था लेकिन संगमरमर का नहीं था।
(घ) हालदार साहब अब भी नहीं समझ पाए।(ङ) दो साल तक हालदार साहब अपने काम के सिलसिले में उस कस्बे से गुजरते रहे।
उत्तर (क) तो – तुमने मुझे जो काम करने को दिया था, वह कर तो दिया | भी – तुम्हारे साथ यह भी चलेगा। (ख) ही – हमारे देश की रक्षा नौजवानों ने ही की।
(ग) तो – मेरे पास दस्ताने थे तो सही लेकिन मैंने पहने नहीं ।
(घ) भी – उस मूर्ख को तुम भी नहीं समझा पाओगे।
(ङ) तक – उसने मेरे कमरे की ओर झाँका तक नहीं।
अव्यय हिंदी व्याकरण में निम्नांकित वाक्यों से समुच्चयबोधक अव्यय छाँटकर अलग लिखें
(क) तब भी जब वह इलाहाबाद में थे और तब भी जब वह दिल्ली आते थे।
(ख) माँ ने बचपन से ही घोषित कर दिया था कि लड़का हाथ से गया।
(ग) वे रिश्ता बनाते थे तो तोड़ते नहीं थे।(घ) उनके मुख से सांत्वना के जादू भरे दो शब्द सुनना एक ऐसी रोशनी से भर देता था जो किसी गहरी तपस्या से जनमती है।
(ङ) पिता के लिए मन में बहुत लगाव नहीं था लेकिन वो स्मृति में अकसर डूब जाते।
उत्तर (क) और, (ख) कि, (ग) तो, (घ) जो, (ङ) लेकिन।
निम्नांकित वाक्यों में आए क्रिया-विशेषणों को छाँटकर उनके भेदों के नाम लिखें :-
(क) पुस्तकें हाथों-हाथ बिक गई।
(ख) चाय में चीनी अधिक पड़ गई है।
(ग) आतंकवादी पहाड़ियों की ओर धीरे-धीरे बढ़े।
(घ) कड़ाही में तेल थोड़ा बचा है।
(ङ) आश्रम में मंदिर उस ओर बनवाएँगे।
(च) पीछे पत्नी और पति आगे चल रहा है।
(छ) प्रधानाचार्य कोलकाता परसों जाएँगे।
(ज) महंत बाहर टहल रहा है।
(झ) आँधी एकाएक आ गई।
(ञ) दाल में घी बहुत है।
उत्तर– (क) हाथों-हाथ – रीति वाचक क्रिया-विशेषण
(ख) अधिक – परिमाण वाचक क्रिया-विशेषण
(ग) धीरे-धीरे – रीति वाचक क्रिया-विशेषण
(घ) थोड़ा – परिमाण वाचक क्रिया-विशेषण
(ङ) उस ओर – स्थान वाचक क्रिया-विशेषण
(च ) पीछे, आगे – स्थान वाचक क्रिया-विशेषण
(छ) परसों- काल वाचक क्रिया-विशेषण
(ज) बाहर – स्थान वाचक क्रिया-विशेषण
(झ) एकाएक – रीति वाचक क्रिया-विशेषण
(ञ) बहुत – परिमाण वाचक क्रिया-विशेषण
निम्नांकित वाक्यों में आए संबंधबोधक अव्यय छाँटकर लिखें
(क) पिताजी के पास अनामिका बैठी है।
(ख) पॉलिश के बिना जूते नहीं चमकते।
(ग) हरिद्वार के निकट ऋषिकेश है।
(घ) ललिता के अतिरिक्त सौम्या ने ही गृह-कार्य किया।
(ङ) डॉक्टर के द्वारा इंजेक्शन दिया गया।
(च) ट्रॉली के ऊपर टेलीविजन रख दो।
(छ) दादाजी बच्चों के लिए फल लाए।
(ज) प्रभा से पहले विनीता भजन सुनाएगी।
(झ) सीढ़ी के सहारे छत पर जाना पड़ेगा।
(ञ) धन के साथ जीवनयापन होता है।
उत्तर-(क) के पास,
(ख) के बिना,
(ग) के निकट,
(घ) के अतिरिक्त,
(ङ) के द्वारा,
(च) के ऊपर,
(छ) के लिए,
(ज) से पहले,
(झ) के सहारे,
(ञ) के साथ।
निम्नांकित वाक्यों में आए विस्मयादिबोधक अव्यय छाँटकर लिखें
(क) शाबाश! तुमने बहुत अच्छा काम किया।
(ख) बाप रे! मैं तो बर्बाद हो गया।
(ग) छिः छिः! तुम तो बड़े नीच आदमी हो।
(घ) बचो! सामने से ट्रक आ रहा है।
(ङ) वाह! नाटक देखकर मजा आ गया।
उत्तर– (क) शाबाश! (ख) बाप रे! (ग) छिः छिः!, (घ) बचो! (ङ) वाह!
अव्यय हिंदी व्याकरण में निर्देशानुसार उत्तर लिखें
1. (क) वह जोर-जोर से रो रहा है। (क्रिया विशेषण छाँटें)
(ख) आपने स्नान किया या नहीं ? (समुच्चयबोधक शब्द छाँटें)
(ग) मोहन तुम्हारे यहाँ गया है। (संबंध-बोधक शब्द छाँटें)
उत्तर-(क) जोर-जोर से – रीति वाचक क्रिया विशेषण,
(ख) या – समुच्चयबोधक,
(ग) यहाँ – संबंधबोधक।
2. (क) मोहन और राधा एक ही विद्यालय में पढ़ते हैं। (समुच्चय बोधक
(ख) मनोहर यहाँ आया था। (क्रिया विशेषण छाँटें)
(ग) परीक्षा से पहले खूब पढ़ो। (संबंध-बोधक छाँढे)
उत्तर– (क) और – समुच्चय बोधक,
(ख) यहाँ – स्थानवाचक क्रिया विशेषण,
(ग) पहले – संबंध बोधक।
3.(क) खूब मन लगाकर पढ़ो ताकि परीक्षा में प्रथम आओ। (समुच्चयबोधक शब्द छाँटे)
(ख) वह प्रातः उठकर स्नान करता है। (क्रियविशेषण छाँटे) ।
(ग) आज धन के बिना कोई नहीं पूछता।(संबंधबोधक अव्यय छाँटे)
उत्तर– (क) ताकि,
(ख) प्रातः – कालवाचक क्रिया विशेषण,
(ग) के बिना।
4. (क) नंदिता और विजया पुस्तक मेले में गईं। (समुच्चयबोधक शब्द छाँटे)
(ख) धीरे बोलो, कोई सुन लेगा। (क्रिया-विशेषण छाँटें)
(ग) घर के बाहर स्थान है। (संबंधबोधक अव्यय छाँटे)
उत्तर– (क) और, (ख) धीरे, (ग) बाहर।
5.(क) वह धीरे-धीरे खा रहा है।( क्रिया-विशेषण छाँटें)।
(ख) नहा-धो लो और खाना खाओ। (समुच्चयबोधक शब्द छाँटें)
(ग) हाय ! अब मैं क्या करूं।( विस्मयादिबोधक अव्यय छाँटें)
उत्तर– (क) धीरे-धीरे, (ख) और, (ग) हाय !। jac board