Atamnirbhar I आत्मनिर्भरता पाठ 12 नैतिक शिक्षा अभ्यास प्रश्नोत्तर I Ncert Solution For Class 8th moral education के इस पोस्ट में आप सभी विद्यार्थियों का स्वागत है, इस पोस्ट के माध्यम से इस पाठ से जुड़े सभी महत्वपूर्ण अभ्यास प्रश्नों को कभर किया गया है, जो परीक्षा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, इसलिए इस पोस्ट को कृपया करके जरूर पूरा पढ़ें-
Atamnirbhar I आत्मनिर्भरता पाठ 12 नैतिक शिक्षा अभ्यास प्रश्नोत्तर I Ncert Solution For Class 8th moral education
सही विकल्प का चयन करें-
1 नम्रता की स्वतंत्रता की
(a) दात्री,
(b) दासी.
(c) धात्री.
(d) मर्यादा।
उत्तर-(c)
2 मर्यादापूर्वक जीवन जीने वाले व्यक्ति में किस गुण का समावेश होता है ?
(a) आत्मनिर्भरता.
(b) स्वतंत्रता,
(c) परावलंबन.
(d) अनिश्चितता।
उत्तर-(a)
3 आत्मनिर्भरता का अर्थ है-
(a) अवलंबित होना.
(b) स्वावलंबी होना,
(c) परतंत्र होना,
(d) स्वतंत्र होना।
उत्तर-(b)
4 आत्मनिर्भरता जीवन में सफलता पाने का सबसे बड़ा है।
(a) साधन.
(b) संयोग,
(c) परमार्थ,
(d) स्वार्थ।
उत्तर-(a)
Atamnirbhar I आत्मनिर्भरता पाठ 12 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर लिखें-
1 निम्नांकित कथन सही है या गलत, कैसे ? उत्तर दें-
(क) आत्मनिर्भरता जीवन में सफलता प्राप्त करने का सबसे बड़ा साधन है।
(ख) मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता स्वयं है ?
(ग) आत्मनिर्भरता या स्वावलंबन पर ही व्यक्ति की स्वतंत्रता निर्भर करती है।
(घ) नम्र होने का मतलब दब्बू होना नहीं है।
(ङ) चित्त-वृत्ति की दृढ़ता मनुष्य को सामान्य जनों से उच्च बनाती है।
उत्तर-(क) सही है, क्योंकि आत्मनिर्भर व्यक्ति अपने सबल एवं निर्बल पक्ष को ध्यान में रखते हुए अपने लक्ष्य को निर्धारित करते हैं। वे दूसरे पर आश्रित न रहकर अपनी योग्यता एवं समयानुकूलता के अनुरूप कार्यों को सम्पादित करते हैं जिससे सफलता की सम्भावना भी बढ़ जाती है।
(ख) सही है, गोंकि सफल व्यक्ति को भाग्यवान महा जाता और सफलता अराफलता गनुष्य को स्वयं को हाथ में निहित है। अब कोई व्यक्ति निष्ठापूर्वक अपनी वागता को ध्यान में रखकर अथक परिश्रम करता है तो सफलता अवश्य ही उसका काम भूगती है।
(ग) सही है, क्योंकि जात्मनिर्भर व्यक्ति अपने कार्यों को लिए दूसरे पर आश्रित नहीं रहता है। यह अपना निर्णय स्वयं लेता है और तदनुरूप कार्यों को सम्पादित गाएता है। इस प्रकार आत्मनिर्भर या स्वावलम्बी व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वतंत्र रहता है।
(घ) सही है। क्योंकि ना व्यक्ति दयू नहीं होता है। ना यही व्यक्ति हो सकता है जिसमें आत्मविश्वास एवं चरित्र में दृढ़ता हो। आत्मविश्वास तय बढ़ता है जब हमें शान एवं
जानकारी हो तथा चरित्र में दृढ़ता तब आती है जब हम सच्चे हों।
(ङ) सही है। क्योंकि चित्तवृति की दृवता तब आती है जब हम कुमंत्रणाओं का तिरस्कार करते हैं तथा सल्य एवं आदर्शों के बल पर प्रलोभनों का निवारण करके उन्हें पद दलित करते हैं। ऐसी दृढ़ता हमें सामान्य जन से उच्च बनाती है।
2 आत्मनिर्भरता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-आत्मनिर्भरता का अर्थ है स्वावलम्बी होना। हम स्वावलम्बी तब बनते हैं जब अपने कार्यों को स्वयं अपने बल पर पूर्ण करते हैं तथा दूसरे पर निर्भर नहीं रह कर अपना निर्णय स्वयं लेते
हैं।
3 आत्मनिर्भरता से हमें क्या लाभ है?
उत्तर-आत्मनिर्भरता से हमें यह लाभ है कि हम अपने विवेक से अपने लाभ-हानि का निर्णय लेते हैं। अपनी जरूरत के अनुरूप कार्यों का चुनाव करते हैं एवं स्वतंत्रतापूर्वक जीवन जीते हैं।
4 जो मनुष्य अपना लक्ष्य जितना ही ऊपर रखता है, उसका तीर उतना ही ऊपर जाता है। कैसे
उत्तर-जो मनुष्य अपना लक्ष्य जितना ऊँचा रखता है उसका तीर उतना ही ऊपर जाता है क्योंकि लक्ष्य ऊपर रखने से व्यक्ति उसे प्राप्त करने के लिए अपनी सारी शक्ति एवं ऊर्जा
लगाकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करता है।
5 विद्याथियों को आत्मनिर्भर होने के लिए अपने आचरण में क्या-क्या परिवर्तन लाना चाहिए?
उत्तर-विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर होने के लिए अपने आचरण में निम्नांकित परिवर्तन लाना चाहिए-
(क) उसे समयनिष्ठ एवं कर्तव्यनिष्ठ बनना चाहिए।
(ख) अपनी सफलता के प्रति विश्वास रखना चाहिए।
(ग) सोच सकारात्मक रखनी चाहिए।
(घ) लक्ष्य निर्धारित कर उसकी प्राप्ति हेतु सतत् प्रयत्नशील रहना चाहिए।
(ङ) शिष्ट एवं मर्यादित जीवन जीना चाहिए। ncert