अलंकार की सम्पूर्ण ज्ञान हिंदी व्याकरण

अलंकार का परिचय

अलंकार की सम्पूर्ण ज्ञान के इस पोस्ट में आप सभी students को अलंकार से जुड़ी सभी तरह की जानकारी मिलने वाली है , इनके परिभाषा के साथ ,उनके भेद ,उपभेद और उनसे जुड़ी हर प्रकार के सवालों का विस्तार पूर्वक चर्चा किया गया है , इसलिए यदि आप इस ब्लॉग पोस्ट में आ गए है तो आज आपको अलंकार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिलने वाली है , तो बिना देर किये जल्दी शुरू करते है –

1. अलंकार किसे कहते हैं ?

 उत्तर- अलंकार सब्द  का अर्थ है- Jewelry or ornament  जिस प्रकार गहने या आभूषण धारण करने से Female  के सौंदर्य में वृद्धि हो जाती है, उसी प्रकार Poetry (kaby काव्य )के शोभा बढ़ाने वाले तत्व alankar kahlate  हैं।

2 .अलंकार के कितने भेद होते हैं ? 

उत्तर- अलंकार के दो भेद हैं- 

  • शब्दालंकार,                                         
  • अर्थालंकार।

शब्दालंकार- यह  अलंकार शब्दों के माध्यम से  काव्य में चमत्कार उत्पन्न करते हैं। इसलिए इसे शब्दालंकार कहते है

प्रमुख शब्दालंकार हैं- 

  • अनुप्रास, 
  • श्लेष, 
  • यमक।

अर्थालंकार- इस अलंकार से शब्दों के अर्थ द्वारा काव्य पर  चमत्कार उत्पन्न होती हैं। इसलिए इसे अर्थालंकार कहते है
प्रमुख अर्थालंकार हैं- 

  • उपमा, 
  • रूपक,
  •  उत्प्रेक्षा, 
  • अतिशयोक्ति, 
  • अन्योक्ति।

 3. अनुप्रास अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखें।

 उत्तर- जिस रचना में व्यजनों की बार-बार आवृत्ति के कारण चमत्कार  उत्पन्न  हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। यह आवृत्ति कम से कम दो पदों के प्रारंभ या अंत के वर्णों की होनी चाहिए।

जैसे—(क) मुदित महीपति मंदिर आए।                

सेवक सचिव सुमंत बुलाए।     

(ख) तरनि-तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए।  (‘त’ वर्ण की आवृत्ति) 

4. यमक अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखें। 

उत्तर- जिस रचना में एक ही  शब्द बार-बार आए परन्तु , उसका अर्थ अलग -अलग  रहता है, वहाँ पर यमक अलंकार होता है। 
जैसे- (क) काली घटा का घमंड घटा।
 (यहाँ ‘घटा’ शब्द दो बार आया है। पहली ‘घटा’ का अर्थ ‘बादल’ और  दूसरी घटा’ का अर्थ ‘कम हो गया है)। 

(ख) तीन बेर खाती थीं, वे तीन बेर खाती हैं। (तीन बेर का अर्थ है ‘तीन बार’ और दूसरा अर्थ ‘बेर के तीन दाने है)।

5. श्लेष अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखें।

उत्तर-  ‘श्लेष’ का शाब्दिक meaning  है। ‘चिपकना’। जहाँ एक शब्द के एक से  अधिक मीनिंग  निकले, वहाँ श्लेष alankar  होता है। 
जैसे-(क) mangal को देखि पट देत  bar -bar है।।
       (‘पट’ शब्द के दो अर्थ हैं- वस्त्र, किवाड़)      
(ख) रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून।           पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष चून।।           (‘पानी’ शब्द के तीन अर्थ हैं- इज्जत, चमक, जल) 

alankar की सम्पूर्ण ज्ञान में आप alankar के सभी उपभेद को जानेंगे

6. उपमा अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखें।

उत्तर-  उपमा का मीनिंग है -‘तुलना’ जहाँ किसी वस्तु या प्राणी की तुलना other popular वस्तु या प्राणी से की जाती है, वहाँ उपमा 

alankar  होता  है। 

जैसे-(क) ये देखिए, arvind -से शिशुवृंद कैसे  so रहे।        (इसमें ‘शिशुवृंद’ (उपमेय), ‘अरविंद’, अमृत (उपमान),            सम (वाचक शब्द), ‘सोना’ (साधारण धर्म) है।

(ख) निर्मल तेरा नीर अमृत के सम उत्तम है।  (प्रस्तुत उदाहरण में ‘नीर’ (उपमेय), अमृत (उपमान), 

सम (वाचक शब्द), ‘उत्तम’ (साधारण धर्म है)। 

7. रूपक अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखें। उत्तर- जहाँ गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय और अपमान में  अभेद बताया जाता है, वहाँ रूपक अलंकार होता है।       जैसे-(क) मइया  मैं तो चाँद -खिलौना लैहों।  (यहाँ ‘चंद्रमा’ (उपमेय) पर खिलौने (उपमान) का आरोप है।

(ख) पाइयो  जी मैंने राम-रतन समृद्धि  पायो।  (यहाँ ‘राम’ (उपमेय) पर रतन (उपमान) का आरोप है।)

 8. उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखें। उत्तर- जहाँ उपमेय और उपमान में समानता प्रकट करने के लिए उपमेय  में उपमान की कल्पना या संभावना की जाए, 

वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता    है। 
जैसे-(क) उस काल मारे क्रोध के तनु काँपने उसका लगा,मानो हवा के जोर से सोता हुआ सागर जगा।
      (प्रस्तुत पंक्तियों में क्रोध से काँपते शरीर में सोए हुए सागर के जागने की संभावना प्रकट की गयी है।) 

(ख) नमन  कर मैंने पूछ लिया, खा गया मानो झटका।          (यहाँ बस के ड्राइवर के रुकने की संभावना झटका खाकर रुक जाने से हुई है)

9. अतिशयोक्ति अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखें।

 उत्तर- जहाँ कोई भी  वस्तु या घटना का अत्यंत बढ़ा कर वर्णन किया  जाए, वहाँ अतिशयोक्ति alankar  होता है।
जैसे-(क) हनुमान की पूँछ में लगन न पाई आग,  लंका सिगरी जल गई गए निसाचर भाग।
     (इस पद्यांश में हनुमान की पूँछ में आग लगने से पूर्व ही सारी लंका के jalne की बात को  बढ़ा चढ़ाकर कही गयी है।)

 (ख) आगे नदिया पड़ी  apar , घोड़ा कैसे उतरे  par ,राणा ने सोचा इस पार, तब तक chetak था उस पार ।     (महाराणा प्रताप अभी सोच ही रहे थे कि घोड़ा उस पार हा गया। घोड़े की शक्ति को बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया गया है।) 

10. अन्योक्ति अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखें। उत्तर-  जहाँ उपमेय का वर्णन उपमान के वर्णन के माध्यम से किया जाए, वहाँ। अन्योक्ति अलंकार होता है। 

जैसे-(क) नहिं पराग नहिं मधुर, मधु, नहिं विकास इहिं काल। .अली कली ही सो बंध्यो, आगे कौन हवाल।      (प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने अली और कली के माध्यम से राजा जयसिंह की काम-लोलुपता का वर्णन किया है।)

 (ख) mali आवत देख करि, कलियाँ करें  pukar ,   फूलि फूलि चुनि लई, कालि हमारी  bar ।       (प्रस्तुत उदाहरण में कवि ने कलियों के टूटने के बहाने से मानव जीवन की नश्वरता की ओर संकेत किया है।) 


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अलंकार की सम्पूर्ण ज्ञान से सबंधित प्रश्न में से अलंकार बताएँ-

1. सोभा-सिंधु न अंत रही री। 

उत्तर- रूपक अलंकार।

2. मोको तो ram को name  कलपतरू कलि कल्यान करो। 

उत्तर- रूपक और अनुप्रास अलंकार। 

3. सुनियत setu  पयोधि पषाननि करि कपि-kapat  तरो।

उत्तर-अनुप्रास अलंकार। 

4. सहज सुभाय सुभग तन गोरे। 

उत्तर- अनुप्रास अलंकार।

6. मानहु बिधि तन- अच्छा  छवि स्वच्छ राखि दै काज। 

उत्तर- उत्प्रेक्षा अलंकार। 

7. तो par वारौं उर basee , सुनि, राधिके सुजान। tu  मोहन मैं उर बसी, वै ur बसी समान।। 

उत्तर- यमक अलंकार।

8. बड़े गझिन गंध-युक्त गुच्छों-सा।

 उत्तर- उपमा अलंकार।

9. वह jindagi  क्या जिंदगी है , जो सिर्फ pani -सी बही

 उत्तर- उपमा अलंकार।

11. और यह जीवन कृपा-करुणा का भिखारी। 

उत्तर- रूपक अलंकार।

12. स्वर me  पावक यदि nahi , वृथा वंदन है।

 उत्तर अनुप्रास अलंकार। 

14. सकुचि सप्रेम बात मृग नयनी। बोली मधुर बचन पिक बचनी।

 उत्तर- अनुप्रास और उपमा अलंकार। 

15. mohi तो ‘savan  के अंधहि’ ज्यौं सूझत rang  हरौ। 

उत्तर- उपमा अलंकार।

अलंकार की सम्पूर्ण ज्ञान में से ही कुछ प्रश्न दिए गए है उन्हें समझकर हल करें

रेखांकित पदों में प्रयुक्त अलंकार बताएँ-

1. रामनाम मनि दीपधरु जीह देहरी द्वार।

 उत्तर- रूपक और अनुप्रास अलंकार ।

2. वह दीपशिखा-सी शांत भव में लीन। 

उत्तर- उपमा अलंकार।

3. तीन ber  खाती थी वे, तीन ber  खाती हैं।

 उत्तर- यमक अलंकार।

4. कालिंदी कूल कदंब की डारन।

उत्तर– अनुप्रास अलंकार। 

5. मैया, मैं तो चंद खिलौना लैहों। 

उत्तर-  रूपक अलंकार।

6. teri  बरछी ne  बरछीने हैं खलन ke ।

उत्तर-  यमक अलंकार।

7. देख लॉ साकेत nagari  है यही, svarg  से मिलने gagan  में जा रही।

उत्तर-  अतिशयोक्ति।

 8. मुदित महीपति मंदिर आए।

 उत्तर-  अनुप्रास। 

10. काली घटा का घमंड घटा। 

उत्तर- yaman  (घटा- बादल तथा ‘घटना का भूतकालिक roop ‘)। 

11 . जोग ठगौरी ब्रज न बिकै है।

 उत्तर- रूपक अलंकार। 

12 . priti -प्रतीति जहाँ जाकी, तहँ tako  काज saro । 

उत्तर- अनुप्रास। 

13 . बंदउँ गुरु पद पदुम परागा।

उत्तर- पद padum में रूपक alankar  तथा अनुप्रास alankar  चरण ही है कम के समान- rupak । 

14 . sahaj  सुभाय सुभग तन gore , नामु लखनु लघु devar मोरे। 

उत्तर- स aur  ल ki  आवृत्ति ke  अनुप्रास alankar  । 

15 . बहुरि बदनु बिधु अंचल ढाँकी

 उत्तर- ‘ब’ ki  आवृत्ति, अनुप्रास alankar  ।

16 . रंकन्ह राय रासि जनु लूटी।

 उत्तर- अनुप्रास एवं उत्प्रेक्षालंकार ।