एक कहानी यह भी ।NCERT Solutions class X hindi प्रश्न तथा उनके उत्तर पाठ-14 के इस ब्लॉग में कक्षा दसवीं के सभी विद्यार्थियों के लिए एक बहुत ही अच्छा एवं सरल भाषा में हिंदी पुस्तक की पाठ के सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों को विस्तार पूर्वक बताया गया है, जिसमें परीक्षा उपयोगी सभी प्रकार के प्रश्नों का भी हल ,इस ब्लॉक में आपको मिलेगा इसलिए इस ब्लॉग को आप जरूर पढ़ें और लोगों के साथ शेयर भी जरूर कीजिए ताकि सभी विद्यार्थियों को पता चल सके कि इस ब्लॉग में कक्षा पांचवी से लेकर 12वीं तक के सभी विषयों का सभी तरह के प्रश्नों का हल इस ब्लॉक में मौजूद है, अभ्यास प्रश्न के उत्तर
NCERT Solutions class X hindi महत्वपूर्ण प्रश्न के उत्तर
(1.) पाठ तथा उसके लेखक का नाम लिखें।
उत्तर-पाठ का नाम- एक कहानी यह भी और लेखिका का नाम- मन्नू भंडारी।
(2.) लेखिका का जन्म कहाँ हुआ? यादों का सिलसिला कहाँ से शुरू होता है?
उत्तर-लेखिका का जन्म मध्यप्रदेश के एक गाँव भानपुरा में हुआ लेकिन उसकी यादों का सिलसिला अजमेर के ब्रह्मपुरी मुहल्ले के दो मंजिला मकान से शुरू होता है, और वहीं लेखिका का बचपन बीता।
(3.) पिताजी क्या काम करते थे?
उत्तर-पिताजी मकान की ऊपरी मंजिल पर रहते थे एवं वहीं उनकी पुस्तकें, पत्रिकाएँ बेतरतीब ढंग से बिखरी पड़ी रहती थी और वे हर समय या तो कुछ पढ़ते रहते थे या डिक्टेशन देते रहते थे।
(4.) इस गद्यांश में माँ के बारे में क्या बताया गया है ?
उत्तर-इस गद्यांश में लेखिका ने बताया है कि माँ अनपढ़ थीं तथा वे व्यक्तित्वविहीन थीं अर्थात उनका अपना कोई व्यक्तित्व नहीं था। वे सवेरे से शाम तक या तो बच्चों की इच्छाओं की पूर्ति करती रहती थीं या पिताजी की आज्ञाओं के पालन में लगी रहती थीं।
(5.) पिताजी के किन-किन गुणों का उल्लेख इस गद्यांश में हुआ है ?
उत्तर-लेखिका ने पिताजी के गुणों का उल्लेख करते हुए बताया है कि अजमेर आने से पहले पिताजी इंदौर में थे। और वहाँ समाज में उनकी बड़ी प्रतिष्ठा थी। किन्तु वे कांग्रेस के साथ-साथ समाज-सुधार के कार्यों से जुड़े थे। वे गरीब छात्रों को अपने घर रखकर पढ़ाई करवाते थे और उनकी पढ़ाई का भी खर्चा उठाते थे। वे एक दरियादिल व्यक्ति थे। वे बेहद कोमल और संवेदनशील व्यक्ति होते हुए भी कभी-कभी क्रोध और अहंवादी रूप ले लेते थे।
(33.) लेखिका ने शक्की स्वभाव पिता से पाया- कैसे ?
उत्तर-लेखिका के पिता अपने सभी परिवारजनों पर शक करने लगे थे। कारण यह था कि उन्हें उन्हीं के अपनों ने धोखा दिया था। लेखिका पिता के शक्की स्वभाव का विरोध करती थी। परंतु हुआ उलटा। समय के साथ पिता का यह अवगुण उसके स्वभाव में भी चला आया।
(34.) लेखिका और पिता के सम्बन्धों पर प्रकाश डालें।
उत्तर-लेखिका के विचार पिता से भिन्न थे। इसलिए वह प्रायः अपने पिता से टकराती रहती थी। वे संघर्ष आज भी भिन्न-भिन्न रूप धारण करके उसके स्वभाव में समा गए हैं।
(35.) लेखिका का पैतृक संघर्ष किस प्रकार उसके जीवन को प्रभावित करता रहा ?
उत्तर-पाठ-14 एक कहानी यह भी ।NCERT Solutions class X में लेखिका अपने पिता से कई बातों पर टकराती रही। वह उनके शक्की स्वभाव पर खीजती रही। परंतुउसने देखा कि पिता का यह शक्की स्वभाव उसके अपनी स्वभाव में भी आ गया। जब उसे अपने ‘अपनों’ ने गहरी पीड़ा पहँचाई तो वह भी शक्की हो गई। इसके अतिरिक्त उसका जिन-जिन बातों के कारण पिता से संघर्ष रहता था, वे सभी बातें आज भी उसके जीवन में विद्यमान हैं।
आप इन्हें भी अवश्य पढ़ें –
1. पद– सूरदास
2. राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद – तुलसीदास
3. (I) सवैया, – देव
(II) कवित्त – देव
4. आत्मकथ्य – जयशंकर प्रसाद
5. उत्साह, अट नहीं रही है – सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
6. (I) यह दन्तुरित मुस्कान – नागार्जुन
(II) फसल – नागार्जुन
7. छाया मत छूना – गिरजा कुमार माथुर
8.कन्यादान – ऋतुराज
9. संगतकार – मंगलेश डबराल
10 .नेता जी का चश्मा – स्वयं प्रकाश
11 . बालगोविंद भगत – रामवृक्ष बेनीपुरी
12 . लखनवी अंदाज़ – यशपाल
13. मानवीय करुणा की दिव्य चमक – सवेश्वर दयाल सक्सेना
14. एक कहानी यह भी – मन्नू भंडारी
15.स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन – महावीर प्रसाद द्विवेदी
16. नौबतखाने में इबादत – यतीन्द्र मिश्र
17. संस्कृति – भदंत आनंद कौसल्यायन
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- यदि आप क्लास 10th के किसी भी विषय को पाठ वाइज (Lesson Wise) अध्ययन करना या देखना चाहते है, तो यहाँ पर क्लिक करें उसके बाद आप क्लास X के कोई भी विषय का अपने पसंद के अनुसार पाठ select करके अध्ययन कर सकते है ।
- आप क्लास 10th हिंदी विषय के सभी पाठ, कवि परिचय ,व्याकरण ,निबंध आदि की जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करे
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(32.) लेखिका का विश्वास खंडित क्यों हुआ?
उत्तर-लेखिका को भी पिता के समान उनके ‘बहुत अपनों ने चोट पहुँचाई। वह जिन पर अखंड विश्वास करती थी, उन्हीं ने उन्हें धोखा दिया। इस कारण उसके विश्वास खंडित हो गए।
(33.) लेखिका ने शक्की स्वभाव पिता से पाया- कैसे ?
उत्तर-लेखिका के पिता अपने सभी परिवारजनों पर शक करने लगे थे। कारण यह था कि उन्हें उन्हीं के अपनों ने धोखा दिया था। लेखिका पिता के शक्की स्वभाव का विरोध करती थी। परंतु हुआ उलटा। समय के साथ पिता का यह अवगुण उसके स्वभाव में भी चला आया।
(34.) लेखिका और पिता के सम्बन्धों पर प्रकाश डालें।
उत्तर-लेखिका के विचार पिता से भिन्न थे। इसलिए वह प्रायः अपने पिता से टकराती रहती थी। वे संघर्ष आज भी भिन्न-भिन्न रूप धारण करके उसके स्वभाव में समा गए हैं।
(35.) लेखिका का पैतृक संघर्ष किस प्रकार उसके जीवन को प्रभावित करता रहा ?
उत्तर-पाठ-14 एक कहानी यह भी ।NCERT Solutions class X में लेखिका अपने पिता से कई बातों पर टकराती रही। वह उनके शक्की स्वभाव पर खीजती रही। परंतुउसने देखा कि पिता का यह शक्की स्वभाव उसके अपनी स्वभाव में भी आ गया। जब उसे अपने ‘अपनों’ ने गहरी पीड़ा पहँचाई तो वह भी शक्की हो गई। इसके अतिरिक्त उसका जिन-जिन बातों के कारण पिता से संघर्ष रहता था, वे सभी बातें आज भी उसके जीवन में विद्यमान हैं।
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2. राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद – तुलसीदास
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5. उत्साह, अट नहीं रही है – सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
6. (I) यह दन्तुरित मुस्कान – नागार्जुन
(II) फसल – नागार्जुन
7. छाया मत छूना – गिरजा कुमार माथुर
8.कन्यादान – ऋतुराज
9. संगतकार – मंगलेश डबराल
10 .नेता जी का चश्मा – स्वयं प्रकाश
11 . बालगोविंद भगत – रामवृक्ष बेनीपुरी
12 . लखनवी अंदाज़ – यशपाल
13. मानवीय करुणा की दिव्य चमक – सवेश्वर दयाल सक्सेना
14. एक कहानी यह भी – मन्नू भंडारी
15.स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन – महावीर प्रसाद द्विवेदी
16. नौबतखाने में इबादत – यतीन्द्र मिश्र
17. संस्कृति – भदंत आनंद कौसल्यायन
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(24.) लेखिका का पैतृक संघर्ष किस प्रकार उसके जीवन को प्रभावित करता रहा ?
उत्तर-लेखिका अपने पिता से कई बातों पर टकराती रही। वह उनके शक्की स्वभाव पर खीजती रही। परंतु उसने देखा कि पिता का यह शक्की स्वभाव उसके अपनी स्वभाव में भी आ गया। जब उसे अपने ‘अपनों’ ने गहरी पीड़ा पहँचाई तो वह भी शक्की हो गई। इसके अतिरिक्त उसका जिन-जिन बातों के कारण पिता से संघर्ष रहता था, वे सभी बातें आज भी उसके जीवन में विद्यमान हैं।
(25.) पिताजी के व्यक्तित्व का अंतर्विरोध क्या था ?
उत्तर-पाठ-14 एक कहानी यह भी ।NCERT Solutions class X में पिताजी के व्यक्तित्व का अंतर्विरोध यह था कि वे विशिष्ट बनने का मान-सम्मान भी चाहते थे और सामाजिक छवि पर जरा-सी आँच भी नहीं आने देना चाहते थे।अर्थात् वे बिना कोई कीमत दिए यश लूटना चाहते थे।
(26.) यहाँ किस डॉक्टर साहब की चर्चा है ? उनकी भूमिका स्पष्ट करें।
उत्तर-यहाँ अजमेर के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर अंबालाल की चर्चा की गई है। उन्होंने दो महत्त्वपूर्ण काम किए। पहला, उन्होंने लेखिका के धुंआधार भाषण के लिए उसे बधाई दी। उसकी जमकर प्रशंसा की। इससे लेखिका का उत्साह बढ़ा। दूसरे, उन्होंने लेखिका के पिता का मन बदला। लेखिका के पिता अपनी पुत्री को सरेबाजार भाषण, हड़ताल आदि में भाग लेता देखकर शर्मसार थे। अंबालाल ने लेखिका की प्रशंसा करके उनका मान-सम्मान और गर्व बढ़ा दिया।
(27.)लेखिका ने स्वतंत्रता आंदोलन में किस प्रकार योगदान किया ?
उत्तर-लेखिका ने स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया था। उसने कॉलेज की छात्राओं को राष्ट्रीय आंदोलन में झोंका था। उसने हड़ताल, नारेबाजी, प्रभात फेरी जलसे, जुलूस आदि में आगे आकर आम विद्यार्थियों को प्रेरित किया था।
(28.) डॉक्टर साहब ने लेखिका की प्रशंसा क्यों की होगी ?
उत्तर-डॉक्टर साहब ने लेखिका का उत्साह, जोश और साहस देखकर उसकी प्रशंसा की होगी। उन्होंने लेखिका की देशभक्ति देखी होगी। वे उसकी पवित्र भावनाओं पर मुग्ध हो गए होंगे। लेखिका सोचती है कि शायद डॉक्टर साहब उमड़ती भीड़ के बीच एक लड़की को बेझिझक बोलते देखकर प्रभावित हो गए होंगे।
पाठ-14 एक कहानी यह भी ।NCERT Solutions class X hindi
(29.) प्रिंसिपल ने लेखिका के पिता को क्या अनुरोध किया?
उत्तर-कॉलेज की प्रिंसिपल ने लेखिका के पिता को अनुरोध किया कि वे अपनी लड़की को कॉलेज से निकाल लें।
(30.) पिताजी कॉलेज जाने से पहले क्यों घबरा रहे थे ?
उत्तर-पिताजी को प्रिंसिपल का नोटिस मिला कि वे अपनी लड़की के सिलसिले में आकर उनसे मिलें। उन्हें लगा कि उनकी लड़की स्वभाव से विद्रोही है। इस लिए वह घबरा रहे थे ।
(31.) हमारा अतीत किस-किस रूप में अभिव्यक्त होता रहता है ?
उत्तर-हमारा अतीत कभी प्रतिक्रिया के रूप में व्यक्त होता है। कभी वह हमारी कुंठाओं के रूप में प्रकट होता है ओर कभी प्रतिबिंब के रूप में। आशय यह है कि कभी हम पिछले संस्कारों के कारण वर्तमान पर झुंझलाते हैं, कभी उसे अपनाते हैं और कभी उस पर अपना असंतोष प्रकट करते हैं।
(32.) लेखिका का विश्वास खंडित क्यों हुआ?
उत्तर-लेखिका को भी पिता के समान उनके ‘बहुत अपनों ने चोट पहुँचाई। वह जिन पर अखंड विश्वास करती थी, उन्हीं ने उन्हें धोखा दिया। इस कारण उसके विश्वास खंडित हो गए।
(33.) लेखिका ने शक्की स्वभाव पिता से पाया- कैसे ?
उत्तर-लेखिका के पिता अपने सभी परिवारजनों पर शक करने लगे थे। कारण यह था कि उन्हें उन्हीं के अपनों ने धोखा दिया था। लेखिका पिता के शक्की स्वभाव का विरोध करती थी। परंतु हुआ उलटा। समय के साथ पिता का यह अवगुण उसके स्वभाव में भी चला आया।
(34.) लेखिका और पिता के सम्बन्धों पर प्रकाश डालें।
उत्तर-लेखिका के विचार पिता से भिन्न थे। इसलिए वह प्रायः अपने पिता से टकराती रहती थी। वे संघर्ष आज भी भिन्न-भिन्न रूप धारण करके उसके स्वभाव में समा गए हैं।
(35.) लेखिका का पैतृक संघर्ष किस प्रकार उसके जीवन को प्रभावित करता रहा ?
उत्तर-पाठ-14 एक कहानी यह भी ।NCERT Solutions class X में लेखिका अपने पिता से कई बातों पर टकराती रही। वह उनके शक्की स्वभाव पर खीजती रही। परंतुउसने देखा कि पिता का यह शक्की स्वभाव उसके अपनी स्वभाव में भी आ गया। जब उसे अपने ‘अपनों’ ने गहरी पीड़ा पहँचाई तो वह भी शक्की हो गई। इसके अतिरिक्त उसका जिन-जिन बातों के कारण पिता से संघर्ष रहता था, वे सभी बातें आज भी उसके जीवन में विद्यमान हैं।
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1. पद– सूरदास
2. राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद – तुलसीदास
3. (I) सवैया, – देव
(II) कवित्त – देव
4. आत्मकथ्य – जयशंकर प्रसाद
5. उत्साह, अट नहीं रही है – सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
6. (I) यह दन्तुरित मुस्कान – नागार्जुन
(II) फसल – नागार्जुन
7. छाया मत छूना – गिरजा कुमार माथुर
8.कन्यादान – ऋतुराज
9. संगतकार – मंगलेश डबराल
10 .नेता जी का चश्मा – स्वयं प्रकाश
11 . बालगोविंद भगत – रामवृक्ष बेनीपुरी
12 . लखनवी अंदाज़ – यशपाल
13. मानवीय करुणा की दिव्य चमक – सवेश्वर दयाल सक्सेना
14. एक कहानी यह भी – मन्नू भंडारी
15.स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन – महावीर प्रसाद द्विवेदी
16. नौबतखाने में इबादत – यतीन्द्र मिश्र
17. संस्कृति – भदंत आनंद कौसल्यायन
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- यदि आप क्लास 10th के किसी भी विषय को पाठ वाइज (Lesson Wise) अध्ययन करना या देखना चाहते है, तो यहाँ पर क्लिक करें उसके बाद आप क्लास X के कोई भी विषय का अपने पसंद के अनुसार पाठ select करके अध्ययन कर सकते है ।
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(23.) लेखिका और पिता के सम्बन्धों पर प्रकाश डालें।
उत्तर-लेखिका के विचार पिता से भिन्न थे। इसलिए वह प्रायः अपने पिता से टकराती रहती थी। वे संघर्ष आज भी भिन्न-भिन्न रूप धारण करके उसके स्वभाव में समा गए हैं।
(24.) लेखिका का पैतृक संघर्ष किस प्रकार उसके जीवन को प्रभावित करता रहा ?
उत्तर-लेखिका अपने पिता से कई बातों पर टकराती रही। वह उनके शक्की स्वभाव पर खीजती रही। परंतु उसने देखा कि पिता का यह शक्की स्वभाव उसके अपनी स्वभाव में भी आ गया। जब उसे अपने ‘अपनों’ ने गहरी पीड़ा पहँचाई तो वह भी शक्की हो गई। इसके अतिरिक्त उसका जिन-जिन बातों के कारण पिता से संघर्ष रहता था, वे सभी बातें आज भी उसके जीवन में विद्यमान हैं।
(25.) पिताजी के व्यक्तित्व का अंतर्विरोध क्या था ?
उत्तर-पाठ-14 एक कहानी यह भी ।NCERT Solutions class X में पिताजी के व्यक्तित्व का अंतर्विरोध यह था कि वे विशिष्ट बनने का मान-सम्मान भी चाहते थे और सामाजिक छवि पर जरा-सी आँच भी नहीं आने देना चाहते थे।अर्थात् वे बिना कोई कीमत दिए यश लूटना चाहते थे।
(26.) यहाँ किस डॉक्टर साहब की चर्चा है ? उनकी भूमिका स्पष्ट करें।
उत्तर-यहाँ अजमेर के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर अंबालाल की चर्चा की गई है। उन्होंने दो महत्त्वपूर्ण काम किए। पहला, उन्होंने लेखिका के धुंआधार भाषण के लिए उसे बधाई दी। उसकी जमकर प्रशंसा की। इससे लेखिका का उत्साह बढ़ा। दूसरे, उन्होंने लेखिका के पिता का मन बदला। लेखिका के पिता अपनी पुत्री को सरेबाजार भाषण, हड़ताल आदि में भाग लेता देखकर शर्मसार थे। अंबालाल ने लेखिका की प्रशंसा करके उनका मान-सम्मान और गर्व बढ़ा दिया।
(27.)लेखिका ने स्वतंत्रता आंदोलन में किस प्रकार योगदान किया ?
उत्तर-लेखिका ने स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया था। उसने कॉलेज की छात्राओं को राष्ट्रीय आंदोलन में झोंका था। उसने हड़ताल, नारेबाजी, प्रभात फेरी जलसे, जुलूस आदि में आगे आकर आम विद्यार्थियों को प्रेरित किया था।
(28.) डॉक्टर साहब ने लेखिका की प्रशंसा क्यों की होगी ?
उत्तर-डॉक्टर साहब ने लेखिका का उत्साह, जोश और साहस देखकर उसकी प्रशंसा की होगी। उन्होंने लेखिका की देशभक्ति देखी होगी। वे उसकी पवित्र भावनाओं पर मुग्ध हो गए होंगे। लेखिका सोचती है कि शायद डॉक्टर साहब उमड़ती भीड़ के बीच एक लड़की को बेझिझक बोलते देखकर प्रभावित हो गए होंगे।
पाठ-14 एक कहानी यह भी ।NCERT Solutions class X hindi
(29.) प्रिंसिपल ने लेखिका के पिता को क्या अनुरोध किया?
उत्तर-कॉलेज की प्रिंसिपल ने लेखिका के पिता को अनुरोध किया कि वे अपनी लड़की को कॉलेज से निकाल लें।
(30.) पिताजी कॉलेज जाने से पहले क्यों घबरा रहे थे ?
उत्तर-पिताजी को प्रिंसिपल का नोटिस मिला कि वे अपनी लड़की के सिलसिले में आकर उनसे मिलें। उन्हें लगा कि उनकी लड़की स्वभाव से विद्रोही है। इस लिए वह घबरा रहे थे ।
(31.) हमारा अतीत किस-किस रूप में अभिव्यक्त होता रहता है ?
उत्तर-हमारा अतीत कभी प्रतिक्रिया के रूप में व्यक्त होता है। कभी वह हमारी कुंठाओं के रूप में प्रकट होता है ओर कभी प्रतिबिंब के रूप में। आशय यह है कि कभी हम पिछले संस्कारों के कारण वर्तमान पर झुंझलाते हैं, कभी उसे अपनाते हैं और कभी उस पर अपना असंतोष प्रकट करते हैं।
(32.) लेखिका का विश्वास खंडित क्यों हुआ?
उत्तर-लेखिका को भी पिता के समान उनके ‘बहुत अपनों ने चोट पहुँचाई। वह जिन पर अखंड विश्वास करती थी, उन्हीं ने उन्हें धोखा दिया। इस कारण उसके विश्वास खंडित हो गए।
(33.) लेखिका ने शक्की स्वभाव पिता से पाया- कैसे ?
उत्तर-लेखिका के पिता अपने सभी परिवारजनों पर शक करने लगे थे। कारण यह था कि उन्हें उन्हीं के अपनों ने धोखा दिया था। लेखिका पिता के शक्की स्वभाव का विरोध करती थी। परंतु हुआ उलटा। समय के साथ पिता का यह अवगुण उसके स्वभाव में भी चला आया।
(34.) लेखिका और पिता के सम्बन्धों पर प्रकाश डालें।
उत्तर-लेखिका के विचार पिता से भिन्न थे। इसलिए वह प्रायः अपने पिता से टकराती रहती थी। वे संघर्ष आज भी भिन्न-भिन्न रूप धारण करके उसके स्वभाव में समा गए हैं।
(35.) लेखिका का पैतृक संघर्ष किस प्रकार उसके जीवन को प्रभावित करता रहा ?
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4. आत्मकथ्य – जयशंकर प्रसाद
5. उत्साह, अट नहीं रही है – सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
6. (I) यह दन्तुरित मुस्कान – नागार्जुन
(II) फसल – नागार्जुन
7. छाया मत छूना – गिरजा कुमार माथुर
8.कन्यादान – ऋतुराज
9. संगतकार – मंगलेश डबराल
10 .नेता जी का चश्मा – स्वयं प्रकाश
11 . बालगोविंद भगत – रामवृक्ष बेनीपुरी
12 . लखनवी अंदाज़ – यशपाल
13. मानवीय करुणा की दिव्य चमक – सवेश्वर दयाल सक्सेना
14. एक कहानी यह भी – मन्नू भंडारी
15.स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन – महावीर प्रसाद द्विवेदी
16. नौबतखाने में इबादत – यतीन्द्र मिश्र
17. संस्कृति – भदंत आनंद कौसल्यायन
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(7.) पिताजी के परिवर्तित व्यक्तित्व का लेखिका और उसकी माँ पर क्या प्रभाव था?
उत्तर-पिताजी के परिवर्तित व्यक्तित्व को लेखिका कभी अपना आदर्श नहीं बना सकी। फिर भी पिताजी शीर्ष पर रहने के बाद हाशिए पर सरकने की यातना को क्रोध को रूप में माँ पर निकालते थे। इसी कारण माँ हर समय काँपती-थरथराती रहती थीं।
NCERT Solutions class X hindi सवाल जवाब
(8.) लेखिका की माँ किस कारण डरी-डरी रहती थी?
उत्तर-लेखिका की माता स्वभाव से ही दब्बू थीं। वे मानो पिता की आज्ञाकारिणी सेविका थीं। परंतु जब लेखिका के पिता आर्थिक संकट में थे। फिर भी उनका अहंकार अधिक नुकीला हो गया था। तथा पैसे न होने पर भी आदतें नवाबी थीं। महत्त्वकांक्षाएँ पूरी न हो पाई थीं। हमेशा प्रधान पद पर रहने के बावजूद आज उनका स्थान कम होता जा रहा था। इस कारण वे हमेशा क्रोध में रहने लगे थे। अतः माँ स्वाभाविक रूप से काँपती-थरथराती रहती थी।
(9.) ‘भग्नावशेषों को ढोते पिता का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर-इसका अर्थ है- अपने पुराने वैभव के बचे-खुचे अंशों को उनकी यादों के सहारे जीते हुए पिता। इससे पता चलता है कि इस समय वे जिंदगी को जैसे-तैसे काट रहे थे। उनकी वर्तमान दशा जर्जर थी। मन में पुराने वैभव के नष्ट होने का दुख था।
(10.)पिता अपनी आर्थिक दुरवस्था के बारे में किसी को कुछ बताते क्यों न थे?
उत्तर-पिता वैसे ही अहंकारी थे। उन्हें अपने धन-वैभव का अहंकार था। अब उनकी आर्थिक स्थिति डाँवाडोल हो गई थी। इससे उनका अहंकार और अधिक कुठित और नुकीला हो गया था। इस कारण वे किसी बच्चे के सामने अपनी बदहाली का रोना रोकर छोटे नहीं होना चाहते थे।
(11.) हमारा अतीत किस-किस रूप में अभिव्यक्त होता रहता है ?
उत्तर-हमारा अतीत कभी प्रतिक्रिया के रूप में व्यक्त होता है। कभी वह हमारी कुंठाओं के रूप में प्रकट होता है ओर कभी प्रतिबिंब के रूप में। आशय यह है कि कभी हम पिछले संस्कारों के कारण वर्तमान पर झुंझलाते हैं, कभी उसे अपनाते हैं और कभी उस पर अपना असंतोष प्रकट करते हैं।
(12.) लेखिका का विश्वास खंडित क्यों हुआ?
उत्तर-लेखिका को भी पिता के समान उनके ‘बहुत अपनों ने चोट पहुँचाई। वह जिन पर अखंड विश्वास करती थी, उन्हीं ने उन्हें धोखा दिया। इस कारण उसके विश्वास खंडित हो गए।
(13.) लेखिका ने शक्की स्वभाव पिता से पाया- कैसे ?
उत्तर-लेखिका के पिता अपने सभी परिवारजनों पर शक करने लगे थे। कारण यह था कि उन्हें उन्हीं के अपनों ने धोखा दिया था। लेखिका पिता के शक्की स्वभाव का विरोध करती थी। परंतु हुआ उलटा। समय के साथ पिता का यह अवगुण उसके स्वभाव में भी चला आया।
(14.) लेखिका और पिता के सम्बन्धों पर प्रकाश डालें।
उत्तर-लेखिका के विचार पिता से भिन्न थे। इसलिए वह प्रायः अपने पिता से टकराती रहती थी। वे संघर्ष आज भी भिन्न-भिन्न रूप धारण करके उसके स्वभाव में समा गए हैं।
(15.) लेखिका का पैतृक संघर्ष किस प्रकार उसके जीवन को प्रभावित करता रहा ?
उत्तर-लेखिका अपने पिता से कई बातों पर टकराती रही। वह उनके शक्की स्वभाव पर खीजती रही। परंतु उसने देखा कि पिता का यह शक्की स्वभाव उसके अपनी स्वभाव में भी आ गया। जब उसे अपने ‘अपनों’ ने गहरी पीड़ा पहँचाई तो वह भी शक्की हो गई। इसके अतिरिक्त उसका जिन-जिन बातों के कारण पिता से संघर्ष रहता था, वे सभी बातें आज भी उसके जीवन में विद्यमान हैं।
NCERT Solutions class X hindi के सभी प्रश्नों के उत्तर
(क) लेखिका के बचपन में ‘घर’ का क्या आशय होता था?
उत्तर-लेखिका बचपन में जिसे ‘घर’ मानती थी, वह केवल अपना घर नहीं होता था । उस समय अपना पड़ोस और मोहल्ला अपना-ही प्रतीत होता था। कुछ घर तो इतने अपने-से लगते थे कि उनमें आना-जान घर जैसा ही लगता था । तब मोहल्ले के किसी भी घर में जाने में कोई पाबंदी नहीं होती थी।
(16.) आज के महानगरीय जीवन और लेखिका के बचपन में क्या अंतर होता था ?
उत्तर-लेखिका का बचपन बड़े आत्मीय वातावरण में बीता। तब पूरा पास पड़ोस और मोहल्ला घर जैसा आत्मीय प्रतीत होता था। परंतु महानगरीय जीवन में ऐसा खुलापन नहीं है। यहाँ सभी लोग अपने-अपने फ्लैटों में दुबके रहते हैं। सभी अपनी तुच्छ सीमाओं में घिरे हुए हैं।
(17.) पड़ोस-कल्चर’ का आशय स्पष्ट करते हुए उसके लाभ बताएँ।
उत्तर- पाठ-14 एक कहानी यह भी ।NCERT Solutions class X में पड़ोस-कल्चर’ का आशय है- अपने आस-पडोस को अपना आत्मीय समझकर उस के साथ समरस होकर जीता उसी में खेलना-कूदना, सुख-दुख में भागीदार होना। अपने पड़ोसियों को अपना समझकर उन्हें अपनापन देना तथा उनके घर को भी अपना समझना। इस पड़ोस कल्चर से मनुष्य स्वयं को अधिक प्रसन्न, उदार, विस्तृत, खुला और सुरक्षित अनुभव करता था।
(18.) लेखिका को उसके पड़ोस ने किस प्रकार प्रभावित किया ?
उत्तर-लेखिका को उसके पड़ोस ने बहुत गहराई से प्रभावित किया। इसका प्रमाण यह है कि उसने जब भी कहानियाँ लिखीं, उन-उन पात्रों को लेकर लिखीं जो उसके पड़ोसी-संगी थे।
(19.) पुराने समय में बच्चे कौन-से खेल खेलते थे जो आज गायब हो गए हैं ?
उत्तर-पुराने समय में लोग अपने मोहल्ले में गिल्ली-डंडा खेलते थे। पतंग उड़ाया करते थे। काँच पीसकर डोर सूतने का काम अपने हाथों से किया करते थे। आज महानगरों के लोग इन खेलों से वंचित हो गए हैं।
(20.) हमारा अतीत किस-किस रूप में अभिव्यक्त होता रहता है ?
उत्तर-हमारा अतीत कभी प्रतिक्रिया के रूप में व्यक्त होता है। कभी वह हमारी कुंठाओं के रूप में प्रकट होता है ओर कभी प्रतिबिंब के रूप में। आशय यह है कि कभी हम पिछले संस्कारों के कारण वर्तमान पर झुंझलाते हैं, कभी उसे अपनाते हैं और कभी उस पर अपना असंतोष प्रकट करते हैं।
(21.) लेखिका का विश्वास खंडित क्यों हुआ?
उत्तर-लेखिका को भी पिता के समान उनके ‘बहुत अपनों ने चोट पहुँचाई। वह जिन पर अखंड विश्वास करती थी, उन्हीं ने उन्हें धोखा दिया। इस कारण उसके विश्वास खंडित हो गए।
(22.) लेखिका ने शक्की स्वभाव पिता से पाया- कैसे?
उत्तर-लेखिका के पिता अपने सभी परिवारजनों पर शक करने लगे थे। कारण यह था कि उन्हें उन्हीं के अपनों ने धोखा दिया था। लेखिका पिता के शक्की स्वभाव का विरोध करती थी। परंतु हुआ उलटा। समय के साथ पिता का यह अवगुण उसके स्वभाव में भी चला आया।
(23.) लेखिका और पिता के सम्बन्धों पर प्रकाश डालें।
उत्तर-लेखिका के विचार पिता से भिन्न थे। इसलिए वह प्रायः अपने पिता से टकराती रहती थी। वे संघर्ष आज भी भिन्न-भिन्न रूप धारण करके उसके स्वभाव में समा गए हैं।
(24.) लेखिका का पैतृक संघर्ष किस प्रकार उसके जीवन को प्रभावित करता रहा ?
उत्तर-लेखिका अपने पिता से कई बातों पर टकराती रही। वह उनके शक्की स्वभाव पर खीजती रही। परंतु उसने देखा कि पिता का यह शक्की स्वभाव उसके अपनी स्वभाव में भी आ गया। जब उसे अपने ‘अपनों’ ने गहरी पीड़ा पहँचाई तो वह भी शक्की हो गई। इसके अतिरिक्त उसका जिन-जिन बातों के कारण पिता से संघर्ष रहता था, वे सभी बातें आज भी उसके जीवन में विद्यमान हैं।
(25.) पिताजी के व्यक्तित्व का अंतर्विरोध क्या था ?
उत्तर-पाठ-14 एक कहानी यह भी ।NCERT Solutions class X में पिताजी के व्यक्तित्व का अंतर्विरोध यह था कि वे विशिष्ट बनने का मान-सम्मान भी चाहते थे और सामाजिक छवि पर जरा-सी आँच भी नहीं आने देना चाहते थे।अर्थात् वे बिना कोई कीमत दिए यश लूटना चाहते थे।
(26.) यहाँ किस डॉक्टर साहब की चर्चा है ? उनकी भूमिका स्पष्ट करें।
उत्तर-यहाँ अजमेर के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर अंबालाल की चर्चा की गई है। उन्होंने दो महत्त्वपूर्ण काम किए। पहला, उन्होंने लेखिका के धुंआधार भाषण के लिए उसे बधाई दी। उसकी जमकर प्रशंसा की। इससे लेखिका का उत्साह बढ़ा। दूसरे, उन्होंने लेखिका के पिता का मन बदला। लेखिका के पिता अपनी पुत्री को सरेबाजार भाषण, हड़ताल आदि में भाग लेता देखकर शर्मसार थे। अंबालाल ने लेखिका की प्रशंसा करके उनका मान-सम्मान और गर्व बढ़ा दिया।
(27.)लेखिका ने स्वतंत्रता आंदोलन में किस प्रकार योगदान किया ?
उत्तर-लेखिका ने स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया था। उसने कॉलेज की छात्राओं को राष्ट्रीय आंदोलन में झोंका था। उसने हड़ताल, नारेबाजी, प्रभात फेरी जलसे, जुलूस आदि में आगे आकर आम विद्यार्थियों को प्रेरित किया था।
(28.) डॉक्टर साहब ने लेखिका की प्रशंसा क्यों की होगी ?
उत्तर-डॉक्टर साहब ने लेखिका का उत्साह, जोश और साहस देखकर उसकी प्रशंसा की होगी। उन्होंने लेखिका की देशभक्ति देखी होगी। वे उसकी पवित्र भावनाओं पर मुग्ध हो गए होंगे। लेखिका सोचती है कि शायद डॉक्टर साहब उमड़ती भीड़ के बीच एक लड़की को बेझिझक बोलते देखकर प्रभावित हो गए होंगे।
पाठ-14 एक कहानी यह भी ।NCERT Solutions class X hindi
(29.) प्रिंसिपल ने लेखिका के पिता को क्या अनुरोध किया?
उत्तर-कॉलेज की प्रिंसिपल ने लेखिका के पिता को अनुरोध किया कि वे अपनी लड़की को कॉलेज से निकाल लें।
(30.) पिताजी कॉलेज जाने से पहले क्यों घबरा रहे थे ?
उत्तर-पिताजी को प्रिंसिपल का नोटिस मिला कि वे अपनी लड़की के सिलसिले में आकर उनसे मिलें। उन्हें लगा कि उनकी लड़की स्वभाव से विद्रोही है। इस लिए वह घबरा रहे थे ।
(31.) हमारा अतीत किस-किस रूप में अभिव्यक्त होता रहता है ?
उत्तर-हमारा अतीत कभी प्रतिक्रिया के रूप में व्यक्त होता है। कभी वह हमारी कुंठाओं के रूप में प्रकट होता है ओर कभी प्रतिबिंब के रूप में। आशय यह है कि कभी हम पिछले संस्कारों के कारण वर्तमान पर झुंझलाते हैं, कभी उसे अपनाते हैं और कभी उस पर अपना असंतोष प्रकट करते हैं।
(32.) लेखिका का विश्वास खंडित क्यों हुआ?
उत्तर-लेखिका को भी पिता के समान उनके ‘बहुत अपनों ने चोट पहुँचाई। वह जिन पर अखंड विश्वास करती थी, उन्हीं ने उन्हें धोखा दिया। इस कारण उसके विश्वास खंडित हो गए।
(33.) लेखिका ने शक्की स्वभाव पिता से पाया- कैसे ?
उत्तर-लेखिका के पिता अपने सभी परिवारजनों पर शक करने लगे थे। कारण यह था कि उन्हें उन्हीं के अपनों ने धोखा दिया था। लेखिका पिता के शक्की स्वभाव का विरोध करती थी। परंतु हुआ उलटा। समय के साथ पिता का यह अवगुण उसके स्वभाव में भी चला आया।
(34.) लेखिका और पिता के सम्बन्धों पर प्रकाश डालें।
उत्तर-लेखिका के विचार पिता से भिन्न थे। इसलिए वह प्रायः अपने पिता से टकराती रहती थी। वे संघर्ष आज भी भिन्न-भिन्न रूप धारण करके उसके स्वभाव में समा गए हैं।
(35.) लेखिका का पैतृक संघर्ष किस प्रकार उसके जीवन को प्रभावित करता रहा ?
उत्तर-पाठ-14 एक कहानी यह भी ।NCERT Solutions class X में लेखिका अपने पिता से कई बातों पर टकराती रही। वह उनके शक्की स्वभाव पर खीजती रही। परंतुउसने देखा कि पिता का यह शक्की स्वभाव उसके अपनी स्वभाव में भी आ गया। जब उसे अपने ‘अपनों’ ने गहरी पीड़ा पहँचाई तो वह भी शक्की हो गई। इसके अतिरिक्त उसका जिन-जिन बातों के कारण पिता से संघर्ष रहता था, वे सभी बातें आज भी उसके जीवन में विद्यमान हैं।
आप इन्हें भी अवश्य पढ़ें –
1. पद– सूरदास
2. राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद – तुलसीदास
3. (I) सवैया, – देव
(II) कवित्त – देव
4. आत्मकथ्य – जयशंकर प्रसाद
5. उत्साह, अट नहीं रही है – सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
6. (I) यह दन्तुरित मुस्कान – नागार्जुन
(II) फसल – नागार्जुन
7. छाया मत छूना – गिरजा कुमार माथुर
8.कन्यादान – ऋतुराज
9. संगतकार – मंगलेश डबराल
10 .नेता जी का चश्मा – स्वयं प्रकाश
11 . बालगोविंद भगत – रामवृक्ष बेनीपुरी
12 . लखनवी अंदाज़ – यशपाल
13. मानवीय करुणा की दिव्य चमक – सवेश्वर दयाल सक्सेना
14. एक कहानी यह भी – मन्नू भंडारी
15.स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन – महावीर प्रसाद द्विवेदी
16. नौबतखाने में इबादत – यतीन्द्र मिश्र
17. संस्कृति – भदंत आनंद कौसल्यायन
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(6.) अजमेर में आकर पिताजी ने क्या काम किया ?
उत्तर-अजमेर में आकर उन्होंने आर्थिक कष्ट झेलकर भी अकेले अपने बलबूते पर अंग्रेजी-हिन्दी शब्द-कोश (विषयवार) तैयार किया। और इससे उन्हें यश और प्रतिष्ठा तो काफी मिली, पर धन नहीं मिल सका।
(7.) पिताजी के परिवर्तित व्यक्तित्व का लेखिका और उसकी माँ पर क्या प्रभाव था?
उत्तर-पिताजी के परिवर्तित व्यक्तित्व को लेखिका कभी अपना आदर्श नहीं बना सकी। फिर भी पिताजी शीर्ष पर रहने के बाद हाशिए पर सरकने की यातना को क्रोध को रूप में माँ पर निकालते थे। इसी कारण माँ हर समय काँपती-थरथराती रहती थीं।
NCERT Solutions class X hindi सवाल जवाब
(8.) लेखिका की माँ किस कारण डरी-डरी रहती थी?
उत्तर-लेखिका की माता स्वभाव से ही दब्बू थीं। वे मानो पिता की आज्ञाकारिणी सेविका थीं। परंतु जब लेखिका के पिता आर्थिक संकट में थे। फिर भी उनका अहंकार अधिक नुकीला हो गया था। तथा पैसे न होने पर भी आदतें नवाबी थीं। महत्त्वकांक्षाएँ पूरी न हो पाई थीं। हमेशा प्रधान पद पर रहने के बावजूद आज उनका स्थान कम होता जा रहा था। इस कारण वे हमेशा क्रोध में रहने लगे थे। अतः माँ स्वाभाविक रूप से काँपती-थरथराती रहती थी।
(9.) ‘भग्नावशेषों को ढोते पिता का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर-इसका अर्थ है- अपने पुराने वैभव के बचे-खुचे अंशों को उनकी यादों के सहारे जीते हुए पिता। इससे पता चलता है कि इस समय वे जिंदगी को जैसे-तैसे काट रहे थे। उनकी वर्तमान दशा जर्जर थी। मन में पुराने वैभव के नष्ट होने का दुख था।
(10.)पिता अपनी आर्थिक दुरवस्था के बारे में किसी को कुछ बताते क्यों न थे?
उत्तर-पिता वैसे ही अहंकारी थे। उन्हें अपने धन-वैभव का अहंकार था। अब उनकी आर्थिक स्थिति डाँवाडोल हो गई थी। इससे उनका अहंकार और अधिक कुठित और नुकीला हो गया था। इस कारण वे किसी बच्चे के सामने अपनी बदहाली का रोना रोकर छोटे नहीं होना चाहते थे।
(11.) हमारा अतीत किस-किस रूप में अभिव्यक्त होता रहता है ?
उत्तर-हमारा अतीत कभी प्रतिक्रिया के रूप में व्यक्त होता है। कभी वह हमारी कुंठाओं के रूप में प्रकट होता है ओर कभी प्रतिबिंब के रूप में। आशय यह है कि कभी हम पिछले संस्कारों के कारण वर्तमान पर झुंझलाते हैं, कभी उसे अपनाते हैं और कभी उस पर अपना असंतोष प्रकट करते हैं।
(12.) लेखिका का विश्वास खंडित क्यों हुआ?
उत्तर-लेखिका को भी पिता के समान उनके ‘बहुत अपनों ने चोट पहुँचाई। वह जिन पर अखंड विश्वास करती थी, उन्हीं ने उन्हें धोखा दिया। इस कारण उसके विश्वास खंडित हो गए।
(13.) लेखिका ने शक्की स्वभाव पिता से पाया- कैसे ?
उत्तर-लेखिका के पिता अपने सभी परिवारजनों पर शक करने लगे थे। कारण यह था कि उन्हें उन्हीं के अपनों ने धोखा दिया था। लेखिका पिता के शक्की स्वभाव का विरोध करती थी। परंतु हुआ उलटा। समय के साथ पिता का यह अवगुण उसके स्वभाव में भी चला आया।
(14.) लेखिका और पिता के सम्बन्धों पर प्रकाश डालें।
उत्तर-लेखिका के विचार पिता से भिन्न थे। इसलिए वह प्रायः अपने पिता से टकराती रहती थी। वे संघर्ष आज भी भिन्न-भिन्न रूप धारण करके उसके स्वभाव में समा गए हैं।
(15.) लेखिका का पैतृक संघर्ष किस प्रकार उसके जीवन को प्रभावित करता रहा ?
उत्तर-लेखिका अपने पिता से कई बातों पर टकराती रही। वह उनके शक्की स्वभाव पर खीजती रही। परंतु उसने देखा कि पिता का यह शक्की स्वभाव उसके अपनी स्वभाव में भी आ गया। जब उसे अपने ‘अपनों’ ने गहरी पीड़ा पहँचाई तो वह भी शक्की हो गई। इसके अतिरिक्त उसका जिन-जिन बातों के कारण पिता से संघर्ष रहता था, वे सभी बातें आज भी उसके जीवन में विद्यमान हैं।
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(क) लेखिका के बचपन में ‘घर’ का क्या आशय होता था?
उत्तर-लेखिका बचपन में जिसे ‘घर’ मानती थी, वह केवल अपना घर नहीं होता था । उस समय अपना पड़ोस और मोहल्ला अपना-ही प्रतीत होता था। कुछ घर तो इतने अपने-से लगते थे कि उनमें आना-जान घर जैसा ही लगता था । तब मोहल्ले के किसी भी घर में जाने में कोई पाबंदी नहीं होती थी।
(16.) आज के महानगरीय जीवन और लेखिका के बचपन में क्या अंतर होता था ?
उत्तर-लेखिका का बचपन बड़े आत्मीय वातावरण में बीता। तब पूरा पास पड़ोस और मोहल्ला घर जैसा आत्मीय प्रतीत होता था। परंतु महानगरीय जीवन में ऐसा खुलापन नहीं है। यहाँ सभी लोग अपने-अपने फ्लैटों में दुबके रहते हैं। सभी अपनी तुच्छ सीमाओं में घिरे हुए हैं।
(17.) पड़ोस-कल्चर’ का आशय स्पष्ट करते हुए उसके लाभ बताएँ।
उत्तर- पाठ-14 एक कहानी यह भी ।NCERT Solutions class X में पड़ोस-कल्चर’ का आशय है- अपने आस-पडोस को अपना आत्मीय समझकर उस के साथ समरस होकर जीता उसी में खेलना-कूदना, सुख-दुख में भागीदार होना। अपने पड़ोसियों को अपना समझकर उन्हें अपनापन देना तथा उनके घर को भी अपना समझना। इस पड़ोस कल्चर से मनुष्य स्वयं को अधिक प्रसन्न, उदार, विस्तृत, खुला और सुरक्षित अनुभव करता था।
(18.) लेखिका को उसके पड़ोस ने किस प्रकार प्रभावित किया ?
उत्तर-लेखिका को उसके पड़ोस ने बहुत गहराई से प्रभावित किया। इसका प्रमाण यह है कि उसने जब भी कहानियाँ लिखीं, उन-उन पात्रों को लेकर लिखीं जो उसके पड़ोसी-संगी थे।
(19.) पुराने समय में बच्चे कौन-से खेल खेलते थे जो आज गायब हो गए हैं ?
उत्तर-पुराने समय में लोग अपने मोहल्ले में गिल्ली-डंडा खेलते थे। पतंग उड़ाया करते थे। काँच पीसकर डोर सूतने का काम अपने हाथों से किया करते थे। आज महानगरों के लोग इन खेलों से वंचित हो गए हैं।
(20.) हमारा अतीत किस-किस रूप में अभिव्यक्त होता रहता है ?
उत्तर-हमारा अतीत कभी प्रतिक्रिया के रूप में व्यक्त होता है। कभी वह हमारी कुंठाओं के रूप में प्रकट होता है ओर कभी प्रतिबिंब के रूप में। आशय यह है कि कभी हम पिछले संस्कारों के कारण वर्तमान पर झुंझलाते हैं, कभी उसे अपनाते हैं और कभी उस पर अपना असंतोष प्रकट करते हैं।
(21.) लेखिका का विश्वास खंडित क्यों हुआ?
उत्तर-लेखिका को भी पिता के समान उनके ‘बहुत अपनों ने चोट पहुँचाई। वह जिन पर अखंड विश्वास करती थी, उन्हीं ने उन्हें धोखा दिया। इस कारण उसके विश्वास खंडित हो गए।
(22.) लेखिका ने शक्की स्वभाव पिता से पाया- कैसे?
उत्तर-लेखिका के पिता अपने सभी परिवारजनों पर शक करने लगे थे। कारण यह था कि उन्हें उन्हीं के अपनों ने धोखा दिया था। लेखिका पिता के शक्की स्वभाव का विरोध करती थी। परंतु हुआ उलटा। समय के साथ पिता का यह अवगुण उसके स्वभाव में भी चला आया।
(23.) लेखिका और पिता के सम्बन्धों पर प्रकाश डालें।
उत्तर-लेखिका के विचार पिता से भिन्न थे। इसलिए वह प्रायः अपने पिता से टकराती रहती थी। वे संघर्ष आज भी भिन्न-भिन्न रूप धारण करके उसके स्वभाव में समा गए हैं।
(24.) लेखिका का पैतृक संघर्ष किस प्रकार उसके जीवन को प्रभावित करता रहा ?
उत्तर-लेखिका अपने पिता से कई बातों पर टकराती रही। वह उनके शक्की स्वभाव पर खीजती रही। परंतु उसने देखा कि पिता का यह शक्की स्वभाव उसके अपनी स्वभाव में भी आ गया। जब उसे अपने ‘अपनों’ ने गहरी पीड़ा पहँचाई तो वह भी शक्की हो गई। इसके अतिरिक्त उसका जिन-जिन बातों के कारण पिता से संघर्ष रहता था, वे सभी बातें आज भी उसके जीवन में विद्यमान हैं।
(25.) पिताजी के व्यक्तित्व का अंतर्विरोध क्या था ?
उत्तर-पाठ-14 एक कहानी यह भी ।NCERT Solutions class X में पिताजी के व्यक्तित्व का अंतर्विरोध यह था कि वे विशिष्ट बनने का मान-सम्मान भी चाहते थे और सामाजिक छवि पर जरा-सी आँच भी नहीं आने देना चाहते थे।अर्थात् वे बिना कोई कीमत दिए यश लूटना चाहते थे।
(26.) यहाँ किस डॉक्टर साहब की चर्चा है ? उनकी भूमिका स्पष्ट करें।
उत्तर-यहाँ अजमेर के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर अंबालाल की चर्चा की गई है। उन्होंने दो महत्त्वपूर्ण काम किए। पहला, उन्होंने लेखिका के धुंआधार भाषण के लिए उसे बधाई दी। उसकी जमकर प्रशंसा की। इससे लेखिका का उत्साह बढ़ा। दूसरे, उन्होंने लेखिका के पिता का मन बदला। लेखिका के पिता अपनी पुत्री को सरेबाजार भाषण, हड़ताल आदि में भाग लेता देखकर शर्मसार थे। अंबालाल ने लेखिका की प्रशंसा करके उनका मान-सम्मान और गर्व बढ़ा दिया।
(27.)लेखिका ने स्वतंत्रता आंदोलन में किस प्रकार योगदान किया ?
उत्तर-लेखिका ने स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया था। उसने कॉलेज की छात्राओं को राष्ट्रीय आंदोलन में झोंका था। उसने हड़ताल, नारेबाजी, प्रभात फेरी जलसे, जुलूस आदि में आगे आकर आम विद्यार्थियों को प्रेरित किया था।
(28.) डॉक्टर साहब ने लेखिका की प्रशंसा क्यों की होगी ?
उत्तर-डॉक्टर साहब ने लेखिका का उत्साह, जोश और साहस देखकर उसकी प्रशंसा की होगी। उन्होंने लेखिका की देशभक्ति देखी होगी। वे उसकी पवित्र भावनाओं पर मुग्ध हो गए होंगे। लेखिका सोचती है कि शायद डॉक्टर साहब उमड़ती भीड़ के बीच एक लड़की को बेझिझक बोलते देखकर प्रभावित हो गए होंगे।
पाठ-14 एक कहानी यह भी ।NCERT Solutions class X hindi
(29.) प्रिंसिपल ने लेखिका के पिता को क्या अनुरोध किया?
उत्तर-कॉलेज की प्रिंसिपल ने लेखिका के पिता को अनुरोध किया कि वे अपनी लड़की को कॉलेज से निकाल लें।
(30.) पिताजी कॉलेज जाने से पहले क्यों घबरा रहे थे ?
उत्तर-पिताजी को प्रिंसिपल का नोटिस मिला कि वे अपनी लड़की के सिलसिले में आकर उनसे मिलें। उन्हें लगा कि उनकी लड़की स्वभाव से विद्रोही है। इस लिए वह घबरा रहे थे ।
(31.) हमारा अतीत किस-किस रूप में अभिव्यक्त होता रहता है ?
उत्तर-हमारा अतीत कभी प्रतिक्रिया के रूप में व्यक्त होता है। कभी वह हमारी कुंठाओं के रूप में प्रकट होता है ओर कभी प्रतिबिंब के रूप में। आशय यह है कि कभी हम पिछले संस्कारों के कारण वर्तमान पर झुंझलाते हैं, कभी उसे अपनाते हैं और कभी उस पर अपना असंतोष प्रकट करते हैं।
(32.) लेखिका का विश्वास खंडित क्यों हुआ?
उत्तर-लेखिका को भी पिता के समान उनके ‘बहुत अपनों ने चोट पहुँचाई। वह जिन पर अखंड विश्वास करती थी, उन्हीं ने उन्हें धोखा दिया। इस कारण उसके विश्वास खंडित हो गए।
(33.) लेखिका ने शक्की स्वभाव पिता से पाया- कैसे ?
उत्तर-लेखिका के पिता अपने सभी परिवारजनों पर शक करने लगे थे। कारण यह था कि उन्हें उन्हीं के अपनों ने धोखा दिया था। लेखिका पिता के शक्की स्वभाव का विरोध करती थी। परंतु हुआ उलटा। समय के साथ पिता का यह अवगुण उसके स्वभाव में भी चला आया।
(34.) लेखिका और पिता के सम्बन्धों पर प्रकाश डालें।
उत्तर-लेखिका के विचार पिता से भिन्न थे। इसलिए वह प्रायः अपने पिता से टकराती रहती थी। वे संघर्ष आज भी भिन्न-भिन्न रूप धारण करके उसके स्वभाव में समा गए हैं।
(35.) लेखिका का पैतृक संघर्ष किस प्रकार उसके जीवन को प्रभावित करता रहा ?
उत्तर-पाठ-14 एक कहानी यह भी ।NCERT Solutions class X में लेखिका अपने पिता से कई बातों पर टकराती रही। वह उनके शक्की स्वभाव पर खीजती रही। परंतुउसने देखा कि पिता का यह शक्की स्वभाव उसके अपनी स्वभाव में भी आ गया। जब उसे अपने ‘अपनों’ ने गहरी पीड़ा पहँचाई तो वह भी शक्की हो गई। इसके अतिरिक्त उसका जिन-जिन बातों के कारण पिता से संघर्ष रहता था, वे सभी बातें आज भी उसके जीवन में विद्यमान हैं।
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1. पद– सूरदास
2. राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद – तुलसीदास
3. (I) सवैया, – देव
(II) कवित्त – देव
4. आत्मकथ्य – जयशंकर प्रसाद
5. उत्साह, अट नहीं रही है – सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
6. (I) यह दन्तुरित मुस्कान – नागार्जुन
(II) फसल – नागार्जुन
7. छाया मत छूना – गिरजा कुमार माथुर
8.कन्यादान – ऋतुराज
9. संगतकार – मंगलेश डबराल
10 .नेता जी का चश्मा – स्वयं प्रकाश
11 . बालगोविंद भगत – रामवृक्ष बेनीपुरी
12 . लखनवी अंदाज़ – यशपाल
13. मानवीय करुणा की दिव्य चमक – सवेश्वर दयाल सक्सेना
14. एक कहानी यह भी – मन्नू भंडारी
15.स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन – महावीर प्रसाद द्विवेदी
16. नौबतखाने में इबादत – यतीन्द्र मिश्र
17. संस्कृति – भदंत आनंद कौसल्यायन
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