NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 5- उत्साह और अट नहीं रही हिंदी में कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला बसंत ऋतु तथा फागुन महीने की खूबसूरत अदाओं का वर्णन किये है और उस महीने की हर पल हर समय का खूबसूरत नजारों को व्यक्त किया है नीचे इन्हीं से जुड़ी महत्वपूर्ण प्रश्न नीचे दिए गए हैं
NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 5- उत्साह और अट नहीं रही हिंदी, महत्वपूर्ण प्रश्न
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(1.) कवि और कविता का नाम लिखें।
उत्तर-कवि का नाम- सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’,कविता का नाम- अट नहीं रही है।
(2.) “साँस लेना’ किस स्थिति का परिचायक है ?
उत्तर-फागुन महीने का खुलकर साँस लेना अपनी शोभा को खुलकर प्रकट करने का परिचायक है। इसका एक अर्थ है- सुगंधित हवाओं का चलना।
(3.) ‘अट नहीं रही है’ का क्या आशय है ?
उत्तर-‘अट नहीं रही है’ का आशय यह है कि फागुन मास (बसंत) की शोभा इतनी अधिक है कि वह न तो प्रकृति में समा पा रही है और न तन पर ।
(4.) फागुन की आभा का प्रभाव कहाँ-कहाँ दिखाई देता है ?
उत्तर-अट नहीं रही है पाठ में फागुन की आभा का प्रभाव सर्वत्र है। फागुन की सुगंध से प्रत्येक घर महक रहा है। फागुन प्रत्येक व्यक्ति के मन को उत्साह एवं आनंद से भर देता है। वह लोगों के मन में ‘नई-नई कल्पनाएँ जगाता है।
(5.) फागुन के सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में करें।
उत्तर- फागुन का सौंदर्य प्रकृति में सर्वत्र दृष्टिगोचर होता है। वृक्षों की डालियाँ पत्तों से लद गई हैं। कहीं वे हरी हैं तो कहीं लाल हैं। किसी-किसी के गले में फूलों की माला पड़ी हुई है। जगह-जगह यह शोभा इतनी अधिक है कि समा नहीं पा रही है। फागुन की शोभा बहुत अधिक है।
(6.) कवि की आँख किससे नहीं हट रही और क्यों ?
उत्तर-कवि की आँख फागुन की शोभा से नहीं हट रही है। क्योंकि फागुन में खिले बरगे फूल, हरियाली और आकाश की स्वच्छता उसे मोहित कर रही है। ncert
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