NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 5 उत्साह और अट नहीं रही है,के इस सीरीज में पाठ से जुड़े हर तरह के परीक्षा उपयोगी अभ्यास प्रश्न को नीचे दर्शाया गया है आशा है विद्यार्थियों को पढ़ने के बाद उन्हें याद करने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी तो नीचे देखिए अभ्यास प्रश्न दिए गए
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 5 उत्साह और अट नहीं रही है
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1. कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है ?
उत्तर-फागुन बहुत मतवाला, मस्त और शोभाशाली है। उसका रूप-सौंदर्य रंग-बिरंग फूलों पतों और हवाओं में प्रकट हो रहा है । फागुन के कारण मौसम इतना सुहावना हो गया है कि उस पर से आँख हटाने का मन नहीं करता।
2. अट नहीं रही है कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन कि में किया है ?
उत्तर-अट नहीं रही है अभ्यास प्रश्न में कवि ने प्रकृति की सुंदरता की व्यापकता का वर्णन अनेक प्रकार से किया है, उसे हर जगह छलकता हुआ दिखाया गया है। घर-घर में फैला हुआ दिखाया गया है, कवि ने जान-बूझकर उसे किसी एक दृश्य में नहीं बाँधा है, बल्कि असीम दिखाया है।
कहीं साँस लेते हो’ का आशय है कि कहीं मादक हवाएँ चल रही हैं। घर-घर में भरने के भी अनेक रूप हैं। शोभा का भरना, फूलों का भरना, खुशी और उमंग का भरना। ‘उड़ने को पर-पर करना’ भी ऐसा सांकेतिक प्रयोग है जिसके विस्तृत अर्थ हैं। यह वर्णन पक्षियों की उड़ान पर भी लागू होता है और मन की उमंग पर भी। सौंदर्य से आँख न हटा पाना भी उसके विस्तार की झलक देता है।
3. फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है ?
उत्तर – फागुन में मादकता का प्रभाव विशेष रूप से होता है। यह मादकता उसे अन्य ऋतुओं से अलग कर देती है। फागुन में बसंत का मोहक सौंदर्य देखते ही बनता है। फागुन के महीने में निर्जीव प्रतीत होने वाले प्राणियों तथा प्रकृति में भी जान पड़ जाती है। इस ऋतु में उत्साह का संचार होता है। फागुन मास मौज-मस्ती लेकर आता है।
4. इन कविताओं के आधार पर निराला के काव्य-शिल्प की विशेषताएँ लिखें ।Ncert
उत्तर- इन कविताओं के आधार पर निराला के काव्य-शिल्प की निम्नांकित विशषता उभरती हैं-
(क) निराला जी का शब्द चयन अनूठा है। वे कम शब्दों में अधिक बात हैं।
(ख) निराला जी प्रकृति का चित्रण अत्यंत कुशलता के साथ करते है।
(ग) छायावादी कविता में कल्पना की उड़ान है।
(घ) निराला जी प्रकृति का मानवीकरण करने में अत्यंत कुशल हैं।
(ङ) उन्होंने खड़ी बोली का प्रयोग किया है।
(च) तत्सम शब्दावली का प्रयोग किया है।
(छ) उनकी कविता में प्रतीकात्मकता एवं लाक्षणिकता का समावेश है।
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