1857 की क्रांति पाठ 6 लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर,Ncert Solution For Class 8th History के इस ब्लॉग पोस्ट में आप सभी विद्यार्थियों का स्वागत है, इस पोस्ट के माध्यम से सभी विद्यार्थियों के लिए पाठ से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर इस पोस्ट पर आप को पढ़ने के लिए मिलेगा जो कि पिछले कई परीक्षाओं में पूछे जा चुके हैं, और उम्मीद है, आने वाले परीक्षाओं में भी इस तरह के प्रश्न पूछे जा सकते हैं इसलिए इस पोस्ट को कृपया करके पूरा पढ़ें-
1857 की क्रांति पाठ 6 लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर,Ncert Solution For Class 8th History
1857 की क्रांति पाठ 6 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
1857 की क्रांति पाठ 6 लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
1857 की क्रांति पाठ 6 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
1लक्ष्मीबाई अंग्रेजों के विरुद्ध क्यों लड़ी?
उत्तर-झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के दत्तक पुत्र को अंग्रेजों ने राजा मानने से इनकार कर दिया। अंग्रेजों ने झाँसी की संपति हड़प लिया था।
रानी भी अंग्रेजों के अत्याचार से तंग आ चुकी थी। वह विद्रोही सिपाहियों के साथ जा मिली और अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ने को तैयार हो गई।
2 भारतीय सैनिक नई राइफल का प्रयोग करने से क्यों मना किये थे?
उत्तर-नई एनफील्ड राइफल में कारतूस के ऊपरी भाग को मुँह से काटकर राइफल में भरना पड़ता था।
जनवरी 1857 ई० में बंगाल सेना में यह अफवाह फैल गई कि चर्बी वाले कारतूस में गाय एवं सूअर की चर्बी है, जो हिन्दू तथा मुसलमान दोनों के धार्मिक आस्था पर चोट थी। इसी कारण से भारतीय सैनिक नई राइफल का प्रयोग करने से इनकार कर दिया।
3 1857 ई० की क्रांति कब और कैसे शुरू हुई ?
उत्तर-1857 ई० की क्रांति 9 मार्च, 1857 ई० को शुरू हुई। क्रांति की प्रथम हलचल मार्च 1857 ई० में बंगाल के बैरकपुर में हुई, जहाँ मंगल पांडेय नामक भारतीय सिपाही ने अपने
ब्रिटिश अधिकारी को गोली मार दी वहाँ के सैन्यदल को तत्काल भंग कर दिया गया।
परंतु फिर भी विद्रोह की खबर पूरे देश में फैल गई। शीघ्र ही अनेक भारतीय शासकों तथा भारतीय जनता ने उनका साथ दिया और वे सब मिलकर अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने के लिए युद्ध के मैदान में आ गए ।
4 झारखंड में 1857 ई० की क्रांति की शुरुआत कब और कैसे शुरू हुई?
उत्तर-झारखंड में 12 जून 1857 की क्रांति की शुरुआत वर्तमान देवघर के रोहिणी गाँव से हुई। दानापुर कैंट में सिपाही एवं शाहाबाद के बाबू कुंवर सिंह के द्वारा किए गए विद्रोह की सूचना ने यहाँ के सैनिकों को विद्रोह करने के लिए प्रेरित किया।
विद्रोह की आग देवघर, रामगढ़, चाईबासा, हजारीबाग, चतरा, राँची स्थित सैनिकों के बीच में फैल गई। कालांतर में सैनिकों को आम जनता का समर्थन मिलने लगा।
5 देशी राजाओं ने 1857 की क्रांति में भारतीय सैनिकों की मदद क्यों की थी?
उत्तर-लॉर्ड डलहौजी ने ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार के लिए विलय या हड़प नीति अपनाई। उसने गोद लेने की प्रथा को अवैध घोषित कर दिया और सतारा नागपुर, संबलपुर, झाँसी और बरार आदि राज्यों पर अधिकार कर लिया था।
कुशासन का आरोप लगाकर अवध को ब्रिटिश राज्य में मिला लिया था। मुगल बादशाह को नाजराना बंद दिया। सिक्कों पर से बादशाह का नाम हटा दिया गया।
इन कारर्वाइयों से कमजोर हो चुके शासक परिवार परेशान हो गए तथा अन्य शासकों में भी भय फैल गया। देशी राजाओं की सेनाओं को भंग कर दिया गया।
इन सब कारणों से देशी राजा अंग्रेजों के घोर विरोधी हो गए और 1857 की क्रांति में न केवल भारतीय सैनिकों की मदद की बल्कि कई राजाओं ने विद्रोह में खुलकर भाग लिया।
6 1857 ई० का विद्रोह असफल क्यों रहा?
उत्तर-1857 ई० का विद्रोह कई कारणों से असफल रहा। यह विद्रोह अच्छे साधन एवं धन के अभाव के कारण असफल रहा। आंदोलन को संगठित और कुशल नेतृत्व प्रदान नहीं किया जा सका।
शिक्षित वर्ग इस समय पूरी तरह से उदासीन बना रहा। विद्रोहियों के पास ठोस लक्ष्य एवं स्पष्ट योजना का अभाव था। सैनिक दुर्बलता भी इसकी नाकामी की एक बड़ी वजह बनी। अंग्रेजों ने आवागमन एवं संचार के साधनों का उपयोग विद्रोह को दबाने के लिए किया।
7 झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के बारे में पता लगाएँ। उन्हें विलक्षण महिला क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-झाँसी की रानी एक वीरांगना थी। वह बाल्यकाल से ही अपने नाना के साथ खेलती थी। वह तीरन्दाज, घुडसवार तथा वीरत्व के गुणों से परिपूर्ण थी। वह भी अंग्रेजों से विक्षुब्ध थी। । अंग्रेजों ने झाँसी की सम्पत्ति हड़प लिया था। रानी भी अंग्रेजों के अत्याचार से तंग आ चुकी थी। वह विद्रोही सिपाहियों के साथ जा मिली और अंग्रेजों से लड़ने के लिए तैयार हो गई।
उन्होंने नाना साहब के सेनापति तात्या टोपे के साथ मिलकर अंग्रेजों को भारी चुनौती दी थी। जून 1858 में रानी लक्ष्मी बाई की शिकस्त हुई और अंग्रेजों ने उन्हें मार दिया। वास्तव में वह एक विलक्षण महिला थी।
8 मुगल सम्राट विद्रोहियों का समर्थन क्यों कर रहे थे ?
उत्तर-1857 के सिपाही विद्रोह के वक्त बहादुरशाह जफर मुगल सम्राट थे। वे अब कठपुतली शासक भर रह गए थे।
विद्रोही सिपाहियों के हौसला बढ़ाने पर पुनः अंग्रेजों के विपक्ष होकर विद्रोहियों का साथ देने लगे। उन्हें समझ में आने लगा कि अगर अंग्रेज परास्त हो जाएँगे तो पुनः सत्ता प्राप्त हो जाएगी। jac board