भारत आकार और स्थिति पाठ 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न, Ncert Solution For Class 9th Geography के इस ब्लॉग पोस्ट पर क्लास नाइंथ में पढ़ रहे सभी विद्यार्थियों का स्वागत है, इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी विद्यार्थियों को इस पाठ से जुड़ी वह महत्वपूर्ण प्रश्न जो परीक्षा की दृष्टि से काफी उपयोगी है, आप सभी को पढ़ने के लिए मिलेगा क्योंकि इस तरह के प्रश्न पिछले परीक्षाओं में पूछे जा चुके हैं, और उम्मीद है आने वाली परीक्षाओं में भी पूछे जा सकते हैं, इसलिए यदि आप इस पोस्ट पर पहली बार आए हैं , तो कृपया करके इस पोस्ट को पूरा पढ़ें ताकि आपकी तैयारी और भी अच्छी हो सके तो चलिए शुरू करते हैं-
भारत आकार और स्थिति पाठ 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न Ncert Solution
भारत आकार और स्थिति पाठ 1 अति लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
भारत आकार और स्थिति पाठ 1 लघु उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
भारत आकार और स्थिति पाठ 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के उत्तर
1 सूर्योदय अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग में गुजरात के पश्चिमी भाग की अपेक्षा 2 घंटे पहले क्यों होता है, जबकि दोनों राज्यों में घड़ी एक ही समय दर्शाती है ? स्पष्ट करें।
उत्तर-भारतीय मानक समय से अभिप्राय उस समय से है जो समस्त भारत में मान्य है। भारत के सुदूर पूर्वी और सुदूर पश्चिमी क्षेत्रों के स्थानीय समय में 2 घंटे का अंतर है।
इसका अभिप्राय यह है कि हर स्थान का अपना-अपना एक अलग स्थानीय समय होता है। किन्तु हम इस स्थानीय समय को, जो भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न होता है, जैसे अरुणाचल प्रदेश और गुजरात में स्वीकार नहीं कर सकते।
ऐसा करने से परेशानी पैदा होगी और बुरी तरह से अव्यवस्था फैल जायेगी, दुर्घटनाएँ होंगी और न जाने क्या कुछ होगा। इसलिए सारे देश के लिए एक सामान्य समय स्वीकार कर लिया जाता हैं, जिसे उस देश का मानक समय कहते हैं।
हमारे देश भारत में 82°30 पूर्वी देशान्तर को मानक मध्याह्न रेखा स्वीकार किया गया है। इस विशेष स्थान के स्थानीय समय को सारे भारत में मानक समय के रूप में स्वीकार किया गया है।
हमने 82°30 पूर्वी देशान्तर को मानक मध्याह्न रेखा इसलिए स्वीकार किया है क्योंकि यह रेखा भारत के लगभग बीच में है। इसलिए पूर्वी और पश्चिमी दोनों भागों के लिए यह ठीक पड़ती है।
अतः भारतीय मानक समय का अपना विशेष महत्व है। इससे ऐसी कई प्रकार की गड़बड़ियों को रोका जा सकता है जो भिन्न-भिन्न स्थानीय समय अपनाने के कारण हो सकती है। भारतीय मानक समय के कारण सारे देश में समय की एकरूपता प्राप्त की जा सकी है।
भारत आकार और स्थिति अभ्यास प्रश्न, Ncert Solution
2 हिंद महासागर में भारत की केंद्रीय स्थिति से इसे किस प्रकार लाभ प्राप् हुआ है?
उत्तर-प्रकृति ने भारत को एक महत्त्वपूर्ण स्थिति प्रदान की है। विश्व के मानचित्र को देखते ही इसकी केन्द्रीय स्थिति एकदम स्पष्ट हो जातीहै |
जहाँ यह एक पूर्वी देशों, जैसे म्यांमार, थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, चीन, जापान, कोरिया आदि से आसानी से सम्बन्ध स्थापित कर सकता है, वहाँ वह अनेक अरब, अफ्रीकी, यूरोपियन और अमेरिकी आदि देशों से भी आसानी से अपना सम्पर्क स्थापित कर सकता है।
इसी के तीनों ओर समुद्र है। विशेषकर हिन्द महासागर में जो इसे केन्द्रीय स्थिति प्राप्त है उसका इसे विशेष लाभ रहा है-
(क) तीनों ओर समुद्र होने के कारण भारत दोनों पूर्वी और पश्चिमी दिशाओं में आसानी से व्यापार कर सकता है वहाँ नेपाल और अफगानिस्तान जैसे चारों ओर भूमि से घिरे हुए ऐसा करने में असमर्थ हैं। इस दृष्टि से भारत बिलकुल असहाय नहीं है।
(ख) भारत के पूर्वी और पश्चिमी तटों के साथ समुद्र लगता है इसलिए वह अपने पूर्वी तट से पूर्वी दिशा में स्थित देशों और पश्चिमी तट से पश्चिम में स्थित देशों, से आसानी से व्यापार करके उत्तरोत्तर प्रगति कर सकता है।
इसी स्थिति का लाभ उठाते हुए उसने चारों ओर से प्राचीन और मध्यकाल में इतना धन अर्जित की कि विश्व भर में उसे ‘सोने की चिड़िया कहा जाने लगा।
(ग) हिन्द-महासागर में अपनी केन्द्रीय स्थिति के कारण प्राचीन काल में भारतीय नरेशों ने केवल अपनी आर्थिक स्थिति ही सुदृढ़ नहीं की वरन् श्रीलंका, इण्डोनेशिया के अनेक टापुओं, म्यांमार, स्याम आदि देशों में अपनी बस्तियाँ भी बसाईं ।
ऐसा करने में उन्होंने इन बस्तियों को अपनी सभ्यता और संस्कृति के रंग में रंग दिया। कई स्थानों पर आज भी पुरातत्व अवशेष मिले हैं जो प्राचीन भारत महान् संस्कृति की गाथा गाते हैं।
(घ) पूर्व से पश्चिम और पश्चिम से पूर्व जाने वाला कोई भी समुद्री जहाज हो उसे भारत की किसी न किसी बंदरगाह से होकर अवश्य जाना पड़ता था।
ऐसे में भारतीय व्यापार को काफी प्रोत्साहन मिल जाता था, इस बात से कोई भी इंकार नहीं कर सकता। ऊपर के विवरण से स्पष्ट है कि हिन्द महासागर में भारत की केन्द्रीय स्थिति का इसे अनेक प्रकार से लाभ मिला है। Jac Board